खान सर समेत अन्य शिक्षकों के सपोर्ट में आया राजद, बिहार के पूर्व सीएम मांझी ने भी दे दी चेतावनी
आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा को लेकर बिहार के कई जिलोंं में हुए बवाल के बाद कोचिंग संचालकों पर दर्ज एफआइआर का राजद ने कड़ा विरोध किया है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया है।
पटना, आनलाइन डेस्क। आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा को लेकर बिहार के कई जिलोंं में हुए बवाल के बाद कोचिंग संचालकों पर दर्ज एफआइआर का राजद (RJD) ने कड़ा विरोध किया है। राजद नेता ने मांग की है कि पुलिस को शिक्षकों की जगह रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। इसके साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Ex CM Jitan Ram Manjhi) ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार रोजगार के विषय में बात करे, वरना हालात और भयानक हो सकते हैं।
राजद ने बिहार सरकार पर साधा निशाना
आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि खान सर समेत अन्य शिक्षकों की जगह रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों पर मुकदमा होना चाहिए। उनपर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि रेलमंंत्री ने भी इसमें कमी स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) चुप क्यों हैं। एफआइआर क्यों हो हो गया। वे कोरोना से निगेटिव हो गए लेकिन छात्र के पक्ष में निगेटिव क्यों हैं। छात्राें के प्रति तो पाजिटिव होइए। बेरोजगारी इस देश में सुरसा की तरह मुंह फैलाता जा रहा है। जदयू के तेजस्वी यादव पर कसे र्टी की बात क्या करें। नेता प्रतिपक्ष तो पहले ही बेरोजगारी का मामला उठा चुके हैं।
विशेष राज्य के दर्जे से क्या होगा
उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि रेलमंत्री ने खुद माना है कि छात्रों का असंतोष जायज है। बेरोजगारी के कारण युवाओं का धैर्य जवाब दे रहा है। रेलवे की ओर से धमकी दी गई है कि आंदोलन करनेवालों को कभी नाैकरी नहीं दी जाएगी। ग्रुप डी में मेंस परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं था। ग्रुप डी में तो ऐसे ही बहाली हो जाती थी। अब आप मेंस लेंगे, इसका पहले से तो विज्ञापन था ही नहीं। रेलवे भर्ती बोर्ड की लापरवाही से ऐसी घटना हुई है। नीतीश कुमार जी कहते हैं कि विशेष राज्य का दर्जा दे दीजिए। हम कारखाने लगाकर नौकरी दे देंगे। लेकिन कल-कारखाने में नौकरी कहां मिल रही है। मशीनीकरण के कारण नौकरी नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि विकास का पैमाना बदलने की जरूरत है।
(जीतन राम मांझी का ट्वीट)
आंदोलन को और भड़का सकता है यह एफआइआर
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ट्वीट किया है कि संविधान में हिंसा और तोड़फोड़ का अधिकार किसी को नहीं है। लेकिन अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे। ऐसा नहीं होने पर इससे भी भयानक हालात उत्पन्न हो जाएंगे। आरआरबी-एनटीपीसी उपद्रव के नाम पर खान सर सहित शिक्षकों पर किए गए मुकदमे इस अघोषित युवा आंदोलन को और भी ज्यादा भड़का सकता है।