लालफीताशाही पर अंकुश लगाता है सूचना का अधिकार
वर्षो के संघर्ष एवं लाखों कार्यकर्ताओं के प्रयास के बाद आम जनता को सूचना का अधिकार मिला है।
पटना : वर्षो के संघर्ष एवं लाखों कार्यकर्ताओं के प्रयास के बाद आम जनता को सूचना का अधिकार मिला है। इस अधिकार से भ्रष्टाचार पर अंकुश के साथ ही प्रशासनिक लालफीताशाही पर लगाम लगने लगा है। इससे सरकारी कामकाज की दशा व दिशा दोनों बदलने लगी है। विकास योजनाओं में भी लूट उजागर होने लगी है। ये बातें पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश व राज्य सूचना आयोग के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त शशांक कुमार सिंह ने कहीं। वह बुधवार को आरटीआई प्रेस क्लब एवं नेशनल आरटीआई इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में आयोजित अधिवक्ता सम्मान समारोह का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
सम्मानित किए गए अधिवक्ता
इस मौके पर सिंह ने भागलपुर, खगड़िया, पूर्णिया, मुंगेर, कटिहार, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, सुपौल, सहरसा एवं दरभंगा में कार्यरत अधिवक्ताओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। अतिथियों का स्वागत अधिवक्ता पंकज पांडेय ने किया। ममता मेहरोत्रा ने सूचना के अधिकार को महिला सशक्तिकरण का मजबूत हथियार बताया। जबकि चन्द्रशेखरण ने इस अधिकार को ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक लागू करने का आह्वान किया। वाराणसी के राघवशरण शर्मा ने इस अधिकार का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए युवाओं को आगे आने को कहा।
डिप्लोमा कोर्स की होगी शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान डॉ.जाकिर हुसैन संस्थान के महानिदेशक डॉ .उत्तम कुमार सिंह ने नेशनल आरटीआई के सौजन्य से सूचना के अधिकार पर एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की घोषणा की। आरटीआई प्रेस क्लब के संजय शुक्ला ने देश भर के सूचना के अधिकार के 45 हजार कार्यकर्ताओं एवं संगठनों का निर्देशिका प्रकाशित करने की घोषणा की। सेवानिवृत्त न्यायाधीश विनोद कुमार राय के घर जाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर डॉ .एसएन उपाध्याय, केके अग्रवाल, विरेन्द्र कुमार सिंह, मनोज कुमार बच्चन, डा.एके नायक, डा.जगदानंद झा, अजय सिंह एवं ममता पांडेय ने भी अपना विचार रखा।