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बिहार में महागठबंधन में टूट की आशंका: जीतनराम मांझी की दो टूक- कोई बात थोपे, ऐसा तो नहीं चलेगा

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले विपक्षी महागठबंधन में टूट की आशंका गहराती दिख रही है। जीतनराम मांझी ने कहा है कि अगर महागठबंधन में सभी दलों को अहमियत नहीं मिली तो इसका कोई मतलब नहीं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 07:45 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 11:31 PM (IST)
बिहार में महागठबंधन में टूट की आशंका: जीतनराम मांझी की दो टूक- कोई बात थोपे, ऐसा तो नहीं चलेगा
बिहार में महागठबंधन में टूट की आशंका: जीतनराम मांझी की दो टूक- कोई बात थोपे, ऐसा तो नहीं चलेगा

पटना, जेएनएन। Bihar Politics News: बिहार में विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) में टूट की आशंका है। ऐसा हम नहीं, महागठबंधन के घटक दल हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रीमो जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) कहा रहे हैं। उनके अनुसार अगर महागठबंधन में समन्‍वय समिति (Co-ordination Committee) बनाकर सभी दलों को अहमियत नहीं दी गई तो उसमें रहने का कोई मतलब नहीं है।

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विवाद के केंद्र में हैं ये मामले

विदित हो कि महागठबंधन (Grand Alliance) में पांच घटक दल राष्‍ट्रीय जनता दल(RJD), कांग्रेस (Congress), राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP), हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) एवं विकासशील इंसान पार्टी (VIP) हैं। 'हम' सुप्रीमो जीतन राम मांझी लंबे समय से महागठबंधन में समन्‍वय समति मांग करते रहे हैं। मांझी के अनुसार यह समन्‍वय समिति ही महागठबंधन के नेता, मुख्‍यमंत्री चेहरा (CM Face) तथा सीटों के बंटवारा (Seat Sharing) सहित सभी बड़े फैसले करे। दूसरी ओर आरजेडी कहता रहा है कि विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) उसके नेतृत्‍व में होगा तथा तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) मुख्‍यमंत्री चेहरा होंगे। बीते लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के समय भी यह मुद्दा गहराया था, लेकिन किसी तरह डैमेज कंट्रोल कर लिया गया। अब विधानसभाा चुनाव के पहले विवाद फिर गहराता दिख रहा है।

जीतन राम मांझी ने कही ये बात

जीतन राम मांझी ने कहा है कि सभी घटक दलों को महागठबंधन में अहमियत दी जाएगी तो यह चलेगा। कोई अकेला अपनी बात थोपे तो ऐसा नहीं होगा। सभी पांच घटक दल मिलकर फैसला लेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर महागठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है।

मुद्दों पर बैठक कर चुके तीन दल

मांझी की बातों से स्‍पष्‍ट है कि वे महागठबंधन में समन्‍वय समिति को लेकर दबाव बना रहे हैं। वे तेजस्‍वी को आरजेडी का नेता मानते हैं, महागठबंधन का नहीं। वे चाहते हैं कि महागठबंधन के नेता का फैसला समन्‍वय समिति करे। मांझी विधानसभा चुनाव में सम्‍मानजनक सीटें भी चाहते हैं। इन मुद्दों को लेकर हाल ही में उनकी आरएलएसपी अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा तथा वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के साथ बैठक हुई थी।

कांग्रेस चाहती अधिक सीटें व नेतृत्‍व

महागठबंधन में कांग्रेस भी अधिक सीटें व नेतृत्‍व चाहती है। हाल ही में कांग्रेस की एक बैठक के बाद पार्टी नेता सदानंद सिंह व सासंद अखिलेश प्रसाद ने विधानसभा चुनाव में अधिक सीटों व महागठबंधन के नेतृत्‍व की मांग रखी थी।

समस्‍याएं सुलझा ली जाएंगी: आरजेडी

महागठबंधन के घटक दलों में उठ रहे अलग-अलग सुर को सामान्‍य बात बता आरजेडी कहता है कि सभी मुद्दों पर बातचीत कर समस्‍याएं सुलझा ली जाएंगी। आरजेडी के अनुसार जहां तक कांग्रेस की बात है, उसके राष्‍ट्रीय नेताओं से ही बात होगी।

महागठबंधन में सबकुठ ठीक नहीं

बहरहाल, महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है। दबाव की राजनीति में फंसे महागठबंधन की सियासत किस करवट बैठती है, यह देखना शेष है।


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