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राज्‍यसभा सीटों के लिए कांग्रेस व RJD में तकरार, दावेदारी में पीछे छूटे लालू के लाल तेज प्रताप

बिहार में राज्‍यसभा सीटों के लिए नामांकन शुरू है। इस बीच विपक्ष को जिन दो सीटों पर प्रत्‍याशी तय करने हैं उनकी दावेदारी में महागठबंधन के दो मुख्‍य घटक दल आमने-सामने दिख रहे हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 08:54 AM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 09:52 PM (IST)
राज्‍यसभा सीटों के लिए कांग्रेस व RJD में तकरार, दावेदारी में पीछे छूटे लालू के लाल तेज प्रताप
राज्‍यसभा सीटों के लिए कांग्रेस व RJD में तकरार, दावेदारी में पीछे छूटे लालू के लाल तेज प्रताप

पटना, अरविंद शर्मा। बिहार से नौ अप्रैल को खाली हो रही राज्‍यसभा (Rajya Sabha( की पांच सीटों के लिए विपक्ष (Opposition) को दो प्रत्याशी तय करने हैं। चुनाव के लिए नामांकन (Nomination) की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। हालांकि, महागठबंधन (Grand Alliance) में अभी भी उहापोह के हालात हैं। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) अपने दो प्रत्‍याशी (Candidates) देना चाहता है। उधर कांग्रेस (Congress) बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) और अभिनेता व नेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) के लिए एक सीट पर दवा कर रही है।

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खास बात यह है कि इस बार लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने परिवार से अलग सोचा है। नाम से पर्दा हटाना और कुछ औपचारिकताओं के बाद घोषणा भर बाकी है। दावेदारी में लालू के लाल तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) पीछे छूट गए हैं। उन्हें समझाया-बुझाया जा रहा है।

पुराने वादे की याद दिला रही कांग्रेस

बड़ी खबर कांग्रेस की तरफ से भी आ रही है, जिसने आरजेडी पर दवाब बढ़ा दिया है। पुराने वादे याद दिला रही है। लोकसभा चुनाव के वक्त आरजेडी ने कांग्रेस को नौ सीटों के अतिरिक्त राज्यसभा की भी एक सीट का आश्वासन दिया था। वक्त आया है तो मांगा जा रहा है।

कांग्रेस के पास दो प्रमुख दावेदार

कांग्रेस के पास दो प्रमुख दावेदार हैं। शक्ति सिंह गोहिल और शत्रुघ्न सिन्हा को आगे कर कांग्रेस की कोशिश आरजेडी से एक सीट लेने की है। इसी सिलसिले में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) दिल्ली गए हुए हैं।

मसला सुलझाने दिल्‍ली गए तेजस्‍वी

सूत्रों का दावा है कि आरजेडी फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल (Ahmad Patel) को मनाने में लगा है, जो शक्ति सिंह के लिए अड़े हुए हैं। गोहिल को पटेल का अत्यंत करीबी माना जाता है। गुजरात में दो साल पहले राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अहमद पटेल के लिए आगे बढ़कर काम किया था। पटेल को कांग्रेस में शक्ति केंद्र (Power Center) माना जाता है। वे अगर अड़ गए हैं तो आरजेडी के लिए इन्कार करना आसान नहीं होगा। फिर कोई रास्ता निकालना ही पड़ेगा, जिसके लिए तेजस्वी होली के मौके पर भी पिछले तीन दिनों से दिल्ली में जमे हैं।

आरजेडी ने बनाई इन्कार की पृष्ठभूमि

आरजेडी की ओर से भी दबाव की राजनीति जारी है। इन्कार की पृष्ठभूमि बनाई जा रही है। आरजेडी ने ऐलान कर दिया है कि 12 मार्च को उसके दोनों प्रत्याशी एक साथ नामांकन करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagadanand Singh) ने तो साफ भी कर दिया है कि राजनीतिक बयान और समझौते में फर्क होता है। लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यसभा की एक सीट के लिए कांग्रेस के साथ ऐसे किसी समझौते से जगदानंद इन्कार करते हैं। बकौल जगदानंद, वह बयान हो सकता है, समझौता नहीं। आरजेडी के स्टैंड से कांग्रेस सहमत नहीं है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि बात तो तेजस्वी और उनके बीच हुई थी। उस वक्त तो जगदानंद सिंह थे भी नहीं।

कांग्रेस को साधते हुए सीट नहीं देना चाहता आरजेडी

जाहिर है, आरजेडी की चाल कांग्रेस को साधकर रखना है और सीट भी नहीं देना है। लालू प्रसाद यादव अपने इस मकसद में कितने कामयाब होते हैं, यह तो नामांकन के वक्त ही पता चलेगा। अब आगे-आगे देखिए, क्‍या होता है। फिलहाल तो राजनीतिक कयासों का दौर चल रहा है।


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