खाली कुर्सियां देख भड़के नीतीश कुमार के मंत्री, कहा-एेसे अफसरों को बाहर निकाल देंगे
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल एक कार्यशाला में पहुंचे और खाली अफसरों के लिए रखी गई कुर्सियां खाली पड़ी देखकर नाराज हो गए और कहा कि इन सबको बाहर निकाल दूंगा।
पटना, राज्य ब्यूरो। सभा भवन में खाली कुर्सियां देख नाराज हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने गैर-हाजिर अफसरों खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। मंत्री ने विभागीय अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह से कहा कि कार्यशाला में गैर-हाजिर और काम में दिलचस्पी न लेने वाले अफसरों की सूची तैयार करें। वह खुद उसे लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएंगे। ऐसे अफसरों को विभाग से बाहर करेंगे।
मंडल सोमवार को सरदार पटेल भवन के सभागार में विभाग की एक कार्यशाला का उद्घाटन करने आए थे। दीप जलाने के लिए उठे। हॉल पर नजर गई। बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली पड़ी थींं। कार्यशाला में सभी जिलों के अपर समाहर्ताओं एवं भूमि सुधार अपर समाहर्ताओं को अनिवार्य रूप से शामिल होना था।
मंत्री अपने भाषण में विभाग के अफसरों पर जमकर बरसे। बोले, जिलों में तैनात राजस्व के प्रभारी एवं अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, परीक्षा संचालन आदि के बहाने राजस्व कामों की अनदेखी करते हैं। मंत्री ने कहा कि सभी पदाधिकारी राजस्व संबंधी कार्यो को प्राथमिकता दें, साथ ही उन्होंने बहानेबाज अफसरों की सूची भी बनाने का निर्देश दिया।
मंत्री ने भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं एवं अपर समाहर्ताओं के न्यायालयों में लंबित पड़े भूमि विवादों को जल्द निबटाने का आदेश दिया। उनकी राय थी कि निजी फायदे के लिए मामले लटका कर रखे जाते हैं। रैयत से मधुर संबंध स्थापित होते ही काम कर दिया जाता है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह को निर्देश दिया कि एसी और डीसीएलआर कोर्ट में लंबित मामलों की समीक्षा करें।
परेशान करते हैं सीओ
मंत्री ने कहा कि अंचलाधिकारी जानबूझकर लोगों के खाता, खेसरा, रकवा एवं नाम को गलत कर देते हैं। इन्हें ठीक कराने के नाम पर आम लोगों को दौड़ाते रहते हैं। अपर समाहर्ता इन मामलों को व्यक्तिगत रूप से देखें, ताकि अंचल के कर्मी आम लोगों को परेशान नही कर सकें।
सबसे अधिक अंगुली हमारे विभाग पर उठती है
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल के साथ विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने भी विभाग के कामकाज पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा-मुख्यमंत्री की सभाओं में भी सबसे ज्यादा अंगुली हमारी तरफ ही उठती है। विभाग की छवि ठीक रखना हम सब की जिम्मेदारी हैं।
उन्होंने कहा कि आजकल सभी लोगों का ध्यान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ है। सरकार के हरेक अभियान की कामयाबी हमारे विभाग पर निर्भर है। विभाग की प्राथमिकता में ऑन-लाईन म्यूटेशन है। उसके बाद सर्वे का नंबर है। एक अप्रैल से ऑफ लाईन लगान पूरी तरह से बंद होना है। ऐसे में नई चुनौती के प्रति विभाग को सतर्क रहने की जरूरत है।
अपर मुख्य सचिव ने सभी 38 जिलों में म्यूटेशन के लंबित मामलों की समीक्षा की। विशेषकर 30 जून 2019 से पहले के सभी मामलों का कारण जाना। पता चला कि अधिकांश मामले तकनीकी वजहों से लंबित है। एनआइसी के तकनीकी निदेशक संजय कुमार एवं विभाग के आईटी मैनेजर आंनद शंकर को सभी अपर समाहर्ताओं से समन्वय बनाकर 15 मार्च तक सभी लंबित मामलो के निष्पादन का आदेश दिया गया।