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काहे का प्रतिबंध, पटना में थाने से चंद कदमों की दूरी पर बिक रहीं प्रतिबंधित मछलियां

सरकारी आदेश का मखौल उड़ा लोगों की सेहत से कैसे खेला जाता है ये देखना हो तो पटना से बेहतर क्या हो सकता है। दो दिन पहले स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मछलियां धड़ल्ले से यहां बिक रही हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 05:13 PM (IST)
काहे का प्रतिबंध, पटना में थाने से चंद कदमों की दूरी पर बिक रहीं प्रतिबंधित मछलियां
काहे का प्रतिबंध, पटना में थाने से चंद कदमों की दूरी पर बिक रहीं प्रतिबंधित मछलियां

पटना, जेएनएन राजधानी के बाजारों में मछलियों की खरीद-बिक्री पर रोक के आदेश के तीसरे दिन भी इसका कोई असर नहीं दिखा। राजधानी के बाजारों में सामान्य दिनों की तरह ही मछलियां बिकती रहीं। राज्य सरकार की ओर से सोमवार से ही पटना के बाजार में आंध्र प्रदेश और बंगाल से आने वाली मछलियों के साथ ही स्थानीय मछलियों की खरीद-बिक्री पर अगले 15 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। यह रोक जांच होने तक पटना नगर निगम क्षेत्र के लिए ही लगाई गई है।

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आदेश का उड़ा रहे मखौल

बुधवार को शहर के कई स्थानों पर मछलियां बिकीं। सबसे बड़ी बात ये रही कि दीघा थाने के महज चंद कदमों की दूरी पर सड़क किनारे मछली की दुकानें सजी रहीं। किसी की इस पर नजर नहीं पड़ी। इसी तरह दीघा रेलवे लाइन के पास भी मछलियों की खरीद होती रही।

जिला प्रशासन की है जिम्मेदारी

मालूम हो कि सरकार के आदेश को प्रभावी बनाने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन को दी गई थी। लेकिन प्रशासन या नगर निगम प्रशासन की कोई भी टीम मछली की खरीद-बिक्री पर रोक के आदेश का पालन कराते हुए नहीं दिखी। मंगलवार को राजधानी के मुख्य बाजार बोरिंग कैनाल रोड, राजा बाजार, राजापुर पुल, पाटलिपुत्र थाने के सामने, बाजार समिति, कुर्जी आदि इलाकों में मछलियां आसानी से बिक रही थीं।

राजधानी की 10 स्थानों से लिए गए थे नमूने

आंध्र प्रदेश और बंगाल से आने वाली मछलियों के साथ ही स्थानीय मछलियों के राजधानी में 10 नमूने लिए गए थे। बताया जाता है कि मछलियों की जांच में कैंसर पैदा करने वाले खतरनाक तत्व भी मिले थे। इसमें फॉर्मलिन, मरकरी, कैडमियम, लेड जैसे मानव शरीर को हानि पहुंचाने वाले केमिकल का प्रयोग किया जा रहा था। सरकार की ओर से लिए गए नमूनों में छह नमूने आंध्र प्रदेश, दो बंगाल और दो स्थानीय मछलियों के थे। इनको कोलकाता स्थित सेंट्रल फूड लैब में जांच के लिए भेजा गया था। जांच में पुष्टि की गई थी कि आंध्र और बंगाल की मछलियों में फॉर्मलिन एवं भारी धातुओं की मात्र मानक से अधिक है। ऐसी मछलियों का प्रयोग खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत असुरक्षित है।

जुर्माना या कार्रवाई को लेकर निगम को जानकारी नहीं

राज्य सरकार की ओर से पटना नगर निगम क्षेत्र में मछली के व्यापार, परिवहन, बिक्री एवं जमा कर रखने पर भी 15 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। लेकिन इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को नहीं है। मछली पर रोक को लेकर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। बताया जाता है कि निर्देश के बाद भी यदि कोई मछली का कारोबार करता, बेचता पाया जाएगा तो संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार कर सात वर्ष जेल की सजा होगी और दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।


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