Move to Jagran APP

सवर्णों को आरक्षण पर जदयू दो-फाड़, विरोध में उतरे श्याम रजक ने कही ये बात

गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग पर जदयू दो खेमे में बंट गई है। इसकी मांग का समर्थन जहां प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने की है तो पूर्व मंत्री श्याम रजक ने इसका विरोध किया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 10:05 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 11:25 PM (IST)
सवर्णों को आरक्षण पर जदयू दो-फाड़, विरोध में उतरे श्याम रजक ने कही ये बात
सवर्णों को आरक्षण पर जदयू दो-फाड़, विरोध में उतरे श्याम रजक ने कही ये बात

पटना [राज्य ब्यूरो]। कुछ जदयू नेताओं ने मंगलवार को गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग उठाई। परन्तु इस मुद्दे पर पार्टी दो खेमों में बंट गई है। पूर्व मंत्री श्याम रजक ने मांग का विरोध करते हुए कहा कि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है।

loksabha election banner

यह मांग सबसे पहले जदयू के पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा की ओर से उठाई गई। वह पूर्व रेल मंत्री स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रा के पुत्र हैं। उनकी इस मांग का समर्थन जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने किया। सिंह ने कहा कि आर्थिक आधार पर सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए। गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की व्यवस्था हो।

उन्होंने कहा कि वह अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़ों के आरक्षण के विरोधी नहीं हैं। मगर जदयू नेताओं के इस बयान की पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि आरक्षण का आधार स्पष्ट रूप से सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ापन है।

आर्थिक आधार पर आरक्षण का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। 'मन की गरीबी' के लिए आरक्षण है, 'तन की गरीबी' के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति कुंठा से निकलकर स्वाभिमानी बनने की कोशिश कर रही है। लेकिन अगर उनके हक को छीना गया तो समाज में तनाव फैलेगा। वर्ग आधारित उपद्रव होंगे। इसलिए सवर्णों को आरक्षण देने वाले नेता मामले की नजाकत समझें और ऐसे बयान से परहेज करें।

उन्होंने कहा कि गरीब सवर्णों को सरकार सुविधा दे, आरक्षण नहीं। राज्य के परिवहन मंत्री संतोष निराला ने कहा कि आरक्षण संवैधानिक प्रक्रिया है। यह प्रावधान एससी, एसटी एवं ओबीसी में अन्य जातियों को बराबरी में लाने के लिए किया गया है। जहां तक गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात है तो सबसे पहले उनके सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन कराना होगा। ऐसा कर ही उनके बारे में ठोस निर्णय लिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि  एससी, एसटी एवं ओबीसी के अलावा सवर्णों को आरक्षण देने से पहले समाज में आर्थिक असमानता, गैरबराबरी, ऊंच-नीच को देश से खत्म करना होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.