Republic Day Special: संविधान पर डाॅ.सच्चिदानंद सिन्हा से दस्तखत कराने पटना आए थे देशरत्न राजेंद्र बाबू
गणतंत्र दिवस पर विशेष सर्वप्रथम डाॅ सिन्हा को संविधान असेंबली का अध्यक्ष बनाया गया था। वे बीमार पड़ गए तो राजेंद्र बाबू ने पूरी जिम्मेदारी उठाई । उनके हस्ताक्षर के बाद ही अन्य सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। संविधान की एक कॉपी सिन्हा लाइब्रेरी में धरोहर के रूप में सुरक्षित है।
पटना, प्रभात रंजन । देश के संविधान निर्माण में बिहार की अहम भूमिका रही है। 1947 में आजादी मिली तो देश को संविधान की आवश्यकता हुई। उस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष आचार्य जेबी कृपलानी ने जब दिल्ली में भारत का संविधान बनाने को लेकर बैठक की तो सबसे व्यस्क सदस्य होने के नाते डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को असेंबली का सर्वप्रथम अध्यक्ष बनाया गया। उनके सभापतित्व में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली। डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा के दिशा-निर्देश में संविधान बनने लगा।
राजेंद्र बाबू ने चरण छूकर लिया आशीष
राष्ट्र निर्माण के ऐतिहासिक दौर में आइसीएस व ऑल इंडिया रेडियो के निदेशक रहे डॉ. जगदीश चंद्र माथुर डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा की स्मृतियों के बारे में लिखते हैं कि जब संविधान बनकर तैयार हो गया तो उन दिनों सच्चिदा बाबू बीमार रहने लगे। इस कारण वे पटना में ही रहने लगे। संविधान को लागू करने से पूर्व संसद के समस्त सदस्यों के संविधान पत्र पर हस्ताक्षर होने जरूरी थे। ऐसे में पटना में बीमार पड़े डा. सिन्हा के हस्ताक्षर लेने दिल्ली से डॉ. राजेंद्र प्रसाद पटना आए और घर पहुंचकर उनके चरण छूकर आशीष के साथ संविधान पर उनके हस्ताक्षर लिए।
जब डॉ. सिन्हा के बाद ही अन्य सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। संविधान की एक कॉपी सिन्हा लाइब्रेरी में धरोहर के रूप में सुरक्षित है।
लाइब्रेरी बनवाई :
डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा कानून के जानकार होने के साथ पुस्तक प्रेमी थे। इलाहाबाद हाइकोर्ट में प्रैक्टिस के दौरान 1894 में सच्चिदानंद सिन्हा की मुलाकात जस्टिस खुदाबख्श खान से हुई और फिर उनसे सिन्हा साहब की दोस्ती हो गई। जस्टिस खुदाबख्श खान साहब ने पटना में 1891 में खुदाबख्श लाइब्रेरी की स्थापना की।। जो देश की सबसे पुराने लाइब्रेरियों में एक है। इसमें सच्चिदानंद बाबू का भी योगदान रहा। सच्चिदा बाबू ने अपनी पत्नी स्वर्गीय राधिका सिन्हा की स्मृति को जीवित रखने के लिए 1924 में सिन्हा लाइब्रेरी की बुनियाद रखी।