राहत भरी खबर : अब कचरे से तैयार किया जाएगा डीजल, पर्यावरण से मिलेगी निजात
राजधानी पटना में फैले कचरे से अब जल्द ही निजात मिलने वाली है। इन कचरों से बायो डीजल और पेयजल बनाने की योजना बनाई जा रही है।
पटना [जेएनएन]। राजधानी पटना में फैले कचरे अब यहां के वासियों के शर्मनाक की बात नहीं रह पाएगी। फैले इन कचरों से अब बायो डीजल वगैरह बनाने की योजना राज्य सरकार बना रही है। मतलब साफ है कि अब पटना में उत्पन्न होने वाले कचरे से बायो डीजल, बिजली और पेयजल तैयार हो सकता है। घरों से निकलने वाले कचरे से हर दिन ढाई लाख लीटर बायो-डीजल तैयार किया जा सकता है।
स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव पटना में मेयर सीता साहू की पहल पर एजी डाउर्ट्स वेस्ट प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी अजय गिरोत्रा ने उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को राजधानी में प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। गिरोत्रा ने कहा कि हमारे पास ऐसी तकनीक है कि कचरे से ही बायो-डीजल, विद्युत और पेयजल तैयार कर सकते हैं। यह बायो डीजल काफी उपयोगी हो सकेगा। यदि निकाय या सरकार चाहे तो इसे बायो- गैस में बदलकर पूरे शहर में भी इसका कनेक्शन दिया जा सकता है। यह एलपीजी से काफी किफायती है।
नहीं लेंगे कोई खर्च, देंगे कचरा प्रबंधन का पूरा समाधान
गिरोत्रा ने कहा कि पटना में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नगर निगम या सरकार से कोई खर्च नहीं लेंगे। लगभग एक एकड़ में प्लांट तैयार कर पूरे शहर के कचरे का सही प्रबंधन किया जा सकता है। इसके लिए कंपनी अपने स्तर से ही घर-घर कचरा उठाव करेगी और कचरे को अपने प्लांट ले जाएगी। वहां उससे बायो डीजल, विद्युत और पेयजल तैयार किया जाएगा। सरकार यदि चाहेगी तो वह पेट्रोल पंप खोलकर डीजल बेचेगी। नहीं तो वह सरकार के हाथों 25 रुपये प्रति लीटर डीजल बेचेगी। पूरे पटना को किफायती दर में विद्युत व पेयजल उपलब्ध कराएगी।
ऐसे बनेगा कूड़े से डीजल
पहले प्लाज्मा गैसिफिकेशन से कूड़े को विखंडित किया जाएगा। फिर इसे मॉलीक्यूलर फॉर्म में बदलकर 'सिन' गैस बनाई जाएगी, जो डीजल में परिवर्तित हो जाएगी। पूरी प्रक्रिया में डेढ़ मिनट ही लगेगा। डीजल के अलावा हवाई जहाज में उपयोग किए जाने वाले जेट फ्यूल और पीएनजी भी बनाने का कंपनी ने दावा किया।