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पहली मई 2017 के पहले बने फ्लैटों पर नहीं लागू होगा रेरा

भूखंड खरीदने वालों के हक की चिंता करने के लिए सरकार ने रीयल इस्टेट डेवलपमेंट ऑथोरिटी का गठन किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 06:00 PM (IST)
पहली मई 2017 के पहले बने फ्लैटों पर नहीं लागू होगा रेरा
पहली मई 2017 के पहले बने फ्लैटों पर नहीं लागू होगा रेरा

चंद्रशेखर, पटना

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भूखंड खरीदने वालों के हक की चिंता करने के लिए सरकार ने रीयल इस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी अर्थात रेरा का गठन किया है। रेरा, फ्लैट व भूखंड खरीदने वाले के हितों की चिंता करती है। रेरा की ओर से सारे बिल्डरों का निबंधन अनिवार्य कर दिया गया है। बिहार में रेरा के नियमों को अक्षरश: लागू कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से सभी निबंधन कार्यालयों को अधिसूचना जारी कर किसी भी तरह के फ्लैट निबंधन के लिए रेरा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। कोई भी बिल्डर बगैर रेरा में रजिस्ट्रेशन कराए अपना फ्लैट की बिक्री नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं, नए नियम के मुताबिक कोई भी डेवलपर, संस्था अथवा कंपनी तब तक अपने भूखंडों को नहीं बेच सकती है, जब तक रेरा के तहत उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा लिया हो। रेरा के इस सख्त नियम के कारण निबंधन का ग्राफ धड़ाम से गिर गया। इसके बाद रेरा ने आम नागरिकों की परेशानियों को देखते हुए नियमों में थोड़ी ढील दी है। अब 1 मई 2017 के पहले तक निर्मित अपार्टमेंट के फ्लैट के निबंधन के लिए रेरा का निबंधन अनिवार्य नहीं होगा। परंतु इसके लिए जरूरी है कि संबंधित बिल्डर की ओर से निबंधन कार्यालय में पहली मई 2017 के पहले भवन निर्माण पूर्ण होने का प्रमाणपत्र दे दिया गया हो। निबंधन विभाग की सभी चिंताओं को किया दूर

रेरा के नियम को सही तरीके से परिभाषित नहीं होने से निबंधन कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। निबंधन विभाग की ओर से नौ बिन्दुओं पर परेशानी बताई जा रही थी। रेरा की ओर से सभी नौ बिंदुओं पर अपना स्पष्ट मंतब्य दे दिया है। रेरा ने स्पष्ट कर दिया है कि अब 1 मई 2017 के पहले पूरा किए गए फ्लैट के निबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है।

बिना निबंधन कराए नहीं बेच सकेंगे लैंड ओनर

किसी भी बिल्डर के शेयर वाले फ्लैट को लैंड ओनर की ओर से बगैर रेरा में निबंधन के नहीं बेचा जा सकता है। रेरा लागू होने की तिथि अर्थात 30 अगस्त 2018 के पहले से जमा दस्तावेज के निबंधन के लिए भी रेरा का निबंधन अनिवार्य है। इतना ही नहीं बिल्डर या लैंड ओनर किसी भी बैंक के पक्ष में तबतक इसे मोर्गेज नहीं कर सकते हैं, जब तक रेरा में निबंधन न करा लिया गया हो।

8 फ्लैट तक के अपार्टमेंट को निबंधन से छूट

500 वर्गमीटर एवं 8 फ्लैट तक के अपार्टमेंट के निबंधन में रेरा का निबंधन अनिवार्य नहीं है। विदित हो कि निबंधन कार्यालय की ओर से रेरा से नौ बिन्दुओं पर मार्गदर्शन मांगा गया था। इसके बाद रेरा की ओर सारे बिन्दुओं को स्पष्ट करते हुए विशेष निर्देश दिया गया है।


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