डिजिटल मोड में आ रहे हैं पाठक, भविष्य में संभावनाओं का अंबार: ब्रूस बकनेल
ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन, कोलकाता, ब्रूस बकनेल बिहार दौरे पर आए हैं। जागरण डॉट कॉम के लिए दैनिक जागरण के पटना कार्यालय में औपचारिक चर्चा के दौरान उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया।
सुमिता जायसवाल, पटना। मई 2019 के लोकसभा चुनाव में असल मुद्दा क्या है? क्या बिहार में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता वोट में तब्दील हो पाएगी? तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत क्या लोकसभा चुनाव को भी प्रभावित करेगी? क्या किसानों का मुद्दा लोकसभा चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकता है? बिहार में राजग सरकार के प्रति लोगों की आम धारणा क्या है? इस तरह के कई सवालों के जवाब समझाने ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन, कोलकाता, ब्रूस बकनेल बिहार दौरे पर आए। उनके साथ ब्रिटिश डिप्टी हाईकमीशन की राजनीतिक और आर्थिक एडवाइजर अजीता मेनन भी थीं।
बिहार की राजनीति को समझना मुख्य उद्देश्य
जागरण डॉट कॉम के लिए दैनिक जागरण के पटना कार्यालय में औपचारिक चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि एक दिन पहले ही उन्होंने कई राजनीतिज्ञों से मुलाकात की है। बिहार की राजनीति और आगामी लोकसभा चुनाव का मुद्दा समझना मेरा यहां आने का मुख्य लक्ष्य है। वे यह आकलन कर रहे हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद भारत की तस्वीर कैसी होगी।
डिजिटल मीडिया ने ले लिया है क्रांति का रूप
उन्होंने बताया कि यूनाईटेड किंगडम में डिजिटल मीडिया ने क्रांति का रूप ले लिया है। लोग अखबार खरीदना नहीं चाहते। ज्यादातर लोग डिजिटल मीडिया पर ही खबरें पढ़ते हैं। जो डिजिटल मीडिया एक्सेस नहीं कर पाते, वो टीवी और रेडियो पर न्यूज देखते और सुनते हैं। अखबार कई बार कुछ मामलों में पक्षपाती रवैये वाले होते हैं। इससे बेहतर न्यूज टीवी और रेडियो पर उपलब्ध होते हैं। ब्रिटेन में 25 साल पहले अखबारों के जो सर्कुलेशन थे वे घटकर अब लगभग एक तिहाई रह गए हैं। हालांकि अभी भी द गार्जियन और डेली मिरर जैसे अखबार है, जो लोकप्रिय हैं और पूरे ब्रिटेन में पढ़े जाते हैं।
भारत में भी होगी डिजिटल प्लेटफॉर्म की पूछ
ब्रूस ने कहा कि भारत में अभी डिजिटल क्रांति का आगाज हुआ है और आगामी पांच से दस सालों में डिजिटल प्लेटफॉर्म के काफी विकसित होने की संभावना है। पूरी दुनिया में यूएसए डिजिटल वर्ल्ड में लीड कर रहा है जबकि चाइना ने दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया। ब्रिटेन फिलहाल तीसरे या चौथे स्थान पर है।
कायल हूं भारत के पर्यटक स्थलों का
ब्रूस ने बताया कि हाल ही में उन्होंने बोधगया, नालंदा और राजगीर की यात्रा की है। बोधगया में बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक दिखे। राजगीर की पहाडिय़ां उन्हें बेहद खूबसूरत लगीं। ये बेहद खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशंस है। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर-पूर्व भारत के पर्यटक स्थलों का कायल हो गया हूं। ब्रूस ने बताया कि भारतीय युवाओं को लिए येल यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप दी जाती हैं। इसके अलावा भारतीय युवाओं के साथ ब्रिटेन कई क्षेत्रों में काम कर रहा है। ब्रिटेन में नेक्स्ट जेनरेशन युवा नेताओं और साउथ एशिया के जर्नलिस्टों के लिए भी कई कार्यक्रम हैं।