पासवान का बड़ा खुलासा- लालू ने 2004 में नहीं बनने दिया था रेलमंत्री, यूं लगाई थी अड़चन
राजगीर में लोजपा सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए रामविलास पासवान ने कहा कि मुझे तीन बार मिला सीएम बनने का मौका पर मैंने रामसुंदर दास व नीतीश का नाम प्रस्तावित किया।
नालंदा [राजीव रंजन]। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वर्ष 2004 में केन्द्र में जब यूपीए की सरकार बनी थी तब लालू प्रसाद ने उनसे रेलमंत्री का टिकट छीन लिया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केन्द्रीय मंत्री पद के शपथ से पहले उन्हें रेल मंत्रालय का प्रभार देने की बात कही थी। लेकिन लालू प्रसाद ने सोनिया गांधी व मनमोहन पर दबाव बनाकर रेल मंत्रालय का प्रभार ले लिया।
पासवान शुक्रवार को राजगीर के अंतराष्ट्रीय कनवेंशन सेंटर में आयोजित लोजपा के दो दिवसीय राष्ट्रीय व राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों व देश के करीब 500 जिलों के जिलाध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी एकजुट है और उनके सभी सांसद व विधायकों की आस्था पार्टी की नीति व सिद्धांतों में है। यदि इस सम्मलेन में हमारे दो सांसद महबूब अली कैसर और रामा सिंह भाग नहीं ले सके तो इसके पीछे उनका व्यक्तिगत कारण थे। उन्होंने कहा कि लोजपा केवल एक राजनीतिक पार्टी नहीं है बल्कि एक परिवार है और इसके सभी पदाधिकारी, नेता व कार्यकर्ता इसे अपनी मां की तरह मानते हैं।
पासवान ने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह को दलितों का सबसे बड़ा मसीहा बताया। कहा कि हमने मंडल कमीशन की रिपोर्ट इसलिए लागू नहीं किया था कि देश में अगड़ी व पिछड़ी जातियों के बीच लड़ाई हो। बल्कि इसलिए लागू की गई थी कि देश के पिछड़ी जातियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिले।
पासवान ने कहा कि उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनने का मौका तीन बार मिला। वीपी सिंह के समय जब उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया था तब उन्होंने रामसुंदर दास को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी। अटल बिहारी बाजपेयी ने जब उन्हें मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया तब उन्होंने नीतीश कुमार का नाम आगे किया था।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद का एक हाथ पांव पर तो दूसरा गर्दन पर रहता है। वे अपने हित के लिए किसी का पांव पकड़ सकते हैं तो अपने हित के लिए किसी की गर्दन भी पकड़ते हैं। पासवान ने वर्ष 2014 में एकबार फिर एनडीए में शामिल होने के अपने फैसले पर कहा कि यह फैसला उनकी पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं का था और बिल्कुल सही फैसला था। हमने उस चुनाव में बिहार में सात सीटों पर उम्मीदार खड़े किए जिसमें छह पर हमारी जीत हुई। उनकी पार्टी अगले एक साल में एक करोड़ नए सदस्यों को लोजपा से जोड़ेगी।
यह भी पढ़ें: सभी 40 सीटों पर लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी लोजपा
इस सम्मेलन को लोजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह, सांसद रामचन्द्र पासवान, वीणा देवी, पूर्व सांसद काली पांडेय, विधायक राजू तिवारी, विधान पार्षद नूतन सिंह, पूर्व विधायक सुनील पांडेय, मणिपुर के राजस्व मंत्री करमश्याम, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने भी संबोधित किया।