Patna Lockdown इसबार रामनवमी पर नहीं निकलेगी शोभायात्रा, ठहरेगा 10 साल से जारी सफर
रामनवमी के पर्व पर इस बार कोरोना का असर रहेगा।
पटना, जेएनएन। रामनवमी के पर्व पर इस बार कोरोना का असर रहेगा। छठ की तरह ही कल यानी दो अप्रैल को होने वाली रामनवमी की पूजा भी इस बार चारदीवारी में ही कैद रहेगी। मंदिरों में पुजारी परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना तो करेंगे, लेकिन इसमें आम लोगों की सहभागिता नहीं हो सकेगी। आम लोगों से उनके घर पर ही रामनवमी की पूजा करने की अपील सरकार, स्थानीय प्रशासन, धार्मिक न्यास बोर्ड और मंदिरों के प्रबंधन की ओर से की गई है।
मंदिर की ध्वजा बदलकर होगी पूजा
रामनवमी पर हर साल निकलने वाली विशाल शोभायात्रा भी इस बार दो अप्रैल को नहीं निकलेगी। पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर सहित तमाम मंदिरों में पुजारी ही मंदिर की ध्वजा को बदलकर पूजा-अर्चना करेंगे। महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव किशोर कुणाल ने कहा कि राजधानी में लगभग 100 से अधिक हनुमान मंदिर हैं जबकि 20 से अधिक राम मंदिर हैं। इस बार कोरोना के कारण सभी मंदिरों पर असर पड़ा है।
स्थिति सामान्य होने पर होगा रामलीला का आयोजन
महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव किशोर कुणाल ने कहा कि रामनवमी पर राष्ट्रीय स्तर पर रामलीला कराने की योजना बनी थी, लेकिन कोरोना के कारण आयोजन की तिथि में बदलाव किया गया है। देश और शहर में जब कोरोना को लेकर सामान्य स्थिति होगी तो इसकी तिथि निर्धारित की जाएगी। इसके लिए प्रशासनिक अनुमति का इंतजार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष रामनवमी के मौके पर वर्ष 1983 से लगातार हनुमान मंदिर में ध्वजारोहण कराते आ रहे हैं। इसमें लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ती है। कोरोना के कारण मंदिर के पुजारी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगे। रामनवमी के दिन सुबह में पूजा-अर्चना होने के साथ दोपहर में सामान्य ढंग से भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
शहर में 10 साल से निकल रही शोभायात्रा
श्रीश्री रामनवमी आयोजन समिति के आयोजनकर्ता विधायक नीतिन नवीन ने कहा कि बीते 10 साल से शहर के अलग-अलग इलाकों से समिति से जुडे़ लोग शोभा-यात्रा निकालते थे। सभी का स्वागत समिति के लोग डाकबंगला चौराहे पर करते थे। इस बार शोभायात्रा नहीं निकलेगी। विधायक ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शहर की 40 जगहों से शोभायात्रा निकालने को लेकर पूरी तैयारी हो गई थी। 60 हजार से अधिक पताका तैयार करने एवं बैनर-पोस्टर छपाई के लिए भेजा गया था, जो सब कैंसिल करना पड़ा। विधायक ने सभी लोगों से उनके घर पर ही छोटी पताका लगाकर पूजा-अर्चना करने की अपील की।