रामविलास पासवान ने कह दी बड़ी बात, लालू ने बेटों को नहीं दिए संस्कार
लोजपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में बिहार पहुंचे पार्टी सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने लालू प्रसाद की भी जमकर आलोचना की।
पटना [राजीव रंजन]। बिहार के राजगीर में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के सम्मेलन में पहुंचे पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवन ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि बिहार की सभी 40 सीटों पर पार्टी संगठन को मजबूत किया जा रहा है। एनडीए के घटक दलों के निशाने पर लालू प्रसाद, उनकी पार्टी और परिवार हैं।
पासवान ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने अपने साथ परिवार का भी भविष्य खराब कर दिया। अपने दोनों पुत्रों को भी किसी लायक नहीं छोड़ा। न तो उनकी पढ़ाई कराई और न ही उन्हें संस्कार दिए।
...प्रस्तुत है रामविलास पासवान से बातचीत के प्रमुख अंश-
क्या राजगीर में लोजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों के सम्मेलन को हम लोकसभा चुनाव की रणभेरी मान सकते हैं?
- हमने अपनी पार्टी के संगठन को बूथ, पंचायत और प्रखंड स्तर पर सुदृढ़ करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। अगले साल जून तक हमने देश भर में एक करोड़ नए सदस्यों को पार्टी से जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया था। अबतक 40 लाख नए सदस्य बनाए चुके हैं। हम राजगीर के सम्मेलन में इस सदस्यता अभियान को और अधिक गति देने को एकत्रित हुए हैं।
पिछले चुनाव में बिहार में आपको 7 सीटें मिली थी, इस बार कितनी?
- देखिए! सीटों की संख्या को लेकर गठबंधन के घटक दलों के बीच अभी किसी तरह का विचार-विमर्श शुरू नहीं हुआ है। जहां तक सीटों का सवाल है, इस पर एनडीए के सभी घटक दल मिल-बैठकर विचार करेंगे। अभी यह कोई मुद्दा नहीं है।
पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। सात में छह सीटों पर जीत मिली थी। क्या इस बार आप अधिक सीटों की मांग करेंगे?
- मैंने कहा न, अभी सीटों को लेकर किसी तरह का विमर्श शुरू नहीं हुआ है। हमने तो बिहार की सभी 40 सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हमारी यह तैयारी केवल लोजपा के लिए नहीं बल्कि एनडीए के सभी घटक दलों के लिए है। जहां मेरी पार्टी के प्रत्याशी नहीं होंगे, वहां भी हमारी पार्टी एनडीए के घटक दलों के प्रत्याशियों के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकेगी। हमारा एकमात्र उद्देश्य बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर एनडीए की जीत सुनिश्चित करना है। हम बिहार की उन्हीं सीटों पर अपना दावा करेंगे जहां हमारी जीत की संभावना सुनिश्चित होगी।
अब देश में राजनीति की पीढिय़ां बदलने लगी हैं। बिहार में एक तरफ लालू प्रसाद के दो पुत्र तेजस्वी और तेजप्रताप हैं तो दूसरी तरफ आपके पुत्र चिराग पासवान। आप भविष्य में इस नई पीढ़ी से किस तरह की उम्मीद करते हैं?
- अब तो सबकुछ खुलकर सामने आ गया है। लालू प्रसाद ने न केवल अपना राजनीतिक भविष्य हमेशा के लिए खराब कर लिया, बल्कि अपने परिवार का भी। उन्होंने अपने भ्रष्टाचार के खेल में अपने दोनों पुत्रों को भी किसी लायक नहीं छोड़ा। न तो उनकी पढ़ाई कराई और न ही उन्हें संस्कार दिए। लालू प्रसाद के दोनों पुत्र राजनीति में कदम रखते ही देश की तीन सबसे बड़ी एजेंसी आयकर, सीबीआइ और प्रवत्र्तन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर आ गए। उन्होंने पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को और फिर अपनी बेटियों को भी भ्रष्टाचार के दलदल में ढकेल दिया। ऐसे में मुझे उनके परिवार के किसी सदस्य का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं दिखता। उन्होंने अपने बेटों को मैट्रिक पास कराना भी जरूरी नहीं समझा।
जब जद (यू) एनडीए में नहीं था तब आप बिहार की कानून-व्यवस्था पर प्रश्न उठाते रहे। अब बिहार की विधि-व्यवस्था पर आपकी क्या टिप्पणी है?
- हमें पिछले डेढ़-दो महीने में जो सबसे बड़ा बदलाव दिखा है वह यह कि अब बिहार के थानों को डिक्टेट करने की प्रथा खत्म हो चुकी है। अपराध तो हो रहे हैं लेकिन तब और अब में बड़ा अंतर यह है कि पुलिस अपराधों का उद्भेदन भी कर रही है। पसंद और नापसंद के आधार पर अपराधियों को किसी तरह का संरक्षण नहीं मिल रहा। जो अपराध करेगा, उसे सजा मिलेगी, इस तर्ज पर लौट चुकी है बिहार की विधि-व्यवस्था।