Rajya Sabha Election: आरजेडी में तेजस्वी के ए-टू-जेड पर भारी पड़ा लालू का एम-वाई समीकरण, इनसाइड स्टोरी
Rajya Sabha Election लालू प्रसाद यादव ने राज्यसभा चुनाव में मीसा भारती के साथ फैयाज आलम को आरजेडी का ्रपत्याशी बनाया है। इससे तेजस्वी यादव के ए-टू-जेड समीकारण पर लालू का एम-वाई समीकरण भारी पड़ा है। पढ़ें इनसाइड स्टोरी।
पटना, आनलाइन डेस्क। Rajya Sabha Election: राज्यसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से सिटिंग मीसा भारती (Misa Bharti) तथा बिस्फी के पूर्व विधायक फैयाज आलम (Faiyaz Alam) ने नामांकन का पर्चा भर दिया है। इसके साथ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के पुराने मुस्लिम-यादव समीकरण (M-Y Equation) की फिर चर्चा होने लगी है। लालू के बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सभी जातियों को साथ लेकर ए-टू-जेड समीकरण (A -to- Z Equation) बनाया है, जिसका बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar MLC Election) व बोचहा विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By-Election) में बेहतर परिणाम मिला। लेकिन इसके तुरंत बाद आरजेडी ने राज्यभा चुनाव (Rajya Sabha Election) की दो सीटों में अपने एम-वाई समीकारण का ध्यान रखा है।
राज्यसभा प्रत्याशियों को ले बैठक में हुआ था हंगामा
आरजेडी से राज्यसभा चुनाव के लिए एक नाम जाे पहले से तय माना जा रहा था, वह लालू यादव की बेटी व सिटिंग राज्यसभा सदस्य मीसा भारती का है। पार्टी की दूसरी सीट को लेकर सस्पेंस अंतिम समय तक बना रहा। बीते दिनों सर्वसम्मति से राज्यसभा और विधान परिषद द्विवार्षिक चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए आरजेडी के केंद्रीय व राज्य संसदीय बोर्ड की अलग-अलग बैठकें हुईं थीं। इनमें प्रत्याशियों का चयन करने के लिए लालू प्रसाद यादव को अधिकृत कर दिया गया। खास बात यह रही कि इन बैठकों में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पटना में रहकर भी शामिल नहीं हुए। जबकि, बैठक में मीसा भारती और तेज प्रताप यादव सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) नाराज होकर बैठक से निकल गए।
नया नहीं लालू परिवार में तनाव व वर्चस्व की जंग
बैठक में हंगामा का बड़ा कारण आरजेडी व लालू परिवार में चल रही वर्चस्व की जंग को बताया गया। लालू परिवार में पार्टी में प्रत्याशियों को लेकर तनाव नई बात नहीं है। पहले के चुनावों में लालू के बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) पार्टी लाइन से अलग स्टैंड लेकर आरजेडी के खिलाफ जाते रहे हैं। राज्यसभा चुनाव को लेकर हुई बैठक में तेजस्वी का शामिल नहीं होने तथा बैठक से जगदानंद सिंह के चले जाने से प्रत्याशियों को लेकर पार्टी व लालू परिवार में तनाव की चर्चा को बल मिला।
तेजस्वी यादव की एम-वाई के बदले ए-टू-जेड नीति
अब बात लालू के एम-वाई समीकारण की। लालू प्रसाद यादव ने मुसलमानों व यादवों को वोट बैंक बनाकर बिहार में 15 साल तक बिहार की सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाए रखी। लेकिन वक्त के साथ जातियों व समुदायों पर आधिरित नए वोट बैंक भी बने। लव-कुश, दलित, महादलित आदि कई वोट बैंक व उनके नेता समाने आए। इस बीच पप्पू यादव (Pappu Yadav), असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) आदि कई नेताओं ने यादव व मुसलमान वोट बैंक वाले लालू के एम-वाई समीकारण में भी सेंध लगा दी। इसके बाद तेजस्वी यादव ने जाति की राजनीति से हटते हुए सबों को साथ लेकर चलने की नीति अपनाई। पार्टी ने इसे 'ए-टू-जेड' की नीति का नाम दिया। आरजेडी के मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आरजेडी की पहले से ही सबों को साथ लेकर चलने की नीति रही है। बिहार विधान परिषद चुनाव व बोचहां के विधानसभा उपचुनाव में आरजेडी को मिली जीत को इसी का परिणाम बताया गया।
राज्यसभा चुनाव में एम-वाई समीकरण को तरजीह
इस बीच लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला (Fodder Scam) के मामले में जमानत मिलने के बाद अब पटना आ चुके हैं। पार्टी के पुराने साथियों को साथ लेकर चलने की नीति में पुराने समीकरण को नजरअंदाज कर देना भी मुमकिन नहीं। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में आरजेडी ने लालू के एम-वाई समीकरण को तरजीह दी है।