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ललन सिंह बोले-बिना आरक्षण नहीं होंगे निकाय चुनाव, भाजपा के खिलाफ जदयू ने बनाया नया प्लान

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार की अपनी प्रतिबद्धता है। आरक्षण के लिए नीतीश सरकार हर संभव कोशिश करेगी। बिना आरक्षण के निकाय चुनाव नहीं होंगे। इसके साथ ही जदयू भाजपा के खिलाफ जिलों में पोल खोल आंदोलन करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyPublished: Thu, 06 Oct 2022 07:22 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 07:22 PM (IST)
ललन सिंह बोले-बिना आरक्षण नहीं होंगे निकाय चुनाव, भाजपा के खिलाफ जदयू ने बनाया नया प्लान
बिहार भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल, सीएम नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना :  जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि बिना आरक्षण के निकाय चुनाव नहीं होंगे। आरक्षण के लिए नीतीश सरकार हर संभव कोशिश करेगी। यह नीतीश कुमार की अपनी प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि भाजपा आरक्षण विरोधी है। भाजपा और आरएसएस सरकारी नौकरियों सहित अन्य जगहों पर आरक्षण समाप्त करना चाहते हैं।

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दोनों न्यायालयों से राज्य सरकार के फैसले की संपुष्टि हो चुकी

सिंह ने कहा कि बिहार की पंचायतों में 2006 और नगर निकायों में 2007 से पिछड़ा, अति पिछड़ा, महिला, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए आरक्षण लागू है। यह मामला उस समय भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गया था। दोनों न्यायालयों से राज्य सरकार के फैसले की संपुष्टि हो चुकी है। उस समय से अब तक पंचायतों और निकायों के चुनाव बिना किसी बाधा के हुए। उन्होंने कहा कि आयोग के गठन की मांग कर भाजपा आरक्षण को उलझाना चाहती है। जल्द ही जदयू हरेक जिला मुख्यालय पर भाजपा की पोल खोलेगा। बताएगा कि भाजपा किस तरह आरक्षण विरोधी है। उन्होंने कहा कि राज्य के अत्यंत पिछड़ों को पता है कि नीतीश कुमार के रहते उनके अधिकारों में कटौती नहीं हो सकती है। 

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह। जागरण आर्काइव

महाराष्ट्र का आदेश बिहार में लागू नहीं

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण देने का आदेश दिया था। यह बिहार में लागू नहीं होता है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इशारे में कहा कि भाजपा से जुड़े व्यक्ति ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस आरक्षण विरोधी है। दोनों सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण समाप्त करने की साजिश में लगे हैं। उन्होंने पूछा कि जब केंद्र सरकार जाति आधारित गणना से मुकर गई है तो देश के स्तर पर जातियों की संख्या का निर्धारण कैसे होगा? राज्य सरकार जातियों की गणना करा रही है। लेकिन, इसका परिणाम तुरंत नहीं आने जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा-राज्य में बिना आरक्षण के निकाय चुनाव नहीं होंगे। 

उपेंद्र बोले- भाजपा के दो चेहरे हैं

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि भाजपा के दो चेहरे हैं। ऊपरी चेहरा आरक्षण समर्थक का है। दूसरा और असली चेहरा आरक्षण विरोधी है। भाजपा और आरएसएस कोर्ट के माध्यम से सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण को भी समाप्त करने के प्रयास में है। उन्होंने संकेत दिया कि चुनाव पर रोक के लिए याचिका दायर करने वाले व्यक्ति का भी भाजपा से संबंध है। आरक्षण की न्यायिक समीक्षा की मांग इसी साजिश का हिस्सा है।


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