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बिहार में अचानक बदला मौसम का मिजाज, कुछ इलाकों में हुई झमाझम बारिश

गुरुवार की दोपहर बिहार के कुछ इलाकों में अचानक मौसम बदल गया। तेज धूप की जगह बारिश होने लगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 02:06 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 07:59 PM (IST)
बिहार में अचानक बदला मौसम का मिजाज, कुछ इलाकों में हुई झमाझम बारिश
बिहार में अचानक बदला मौसम का मिजाज, कुछ इलाकों में हुई झमाझम बारिश

पटना [जागरण टीम]। गुरुवार की दोपहर बिहार के कुछ हिस्‍सों में अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। तेज धूप की जगह बादल छा गए और झमाझम बारिश होने लगी। किशनगंज सहित सीमांचल के कई जिलों में करीब आधे घंटे तक बारिश हुई।

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मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में बताया है कि बिहार के कुछ हिस्सों में 26 अप्रैल से एक मई के बीच बारिश के आसार बन रहे हैं। इस दौरान हवा के तेज झोंकों के साथ ओलावृष्टि की आशंका है। इसका कारण राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का एक बार फिर से सक्रिय होना है। अमूमन काल बैसाखी जैसी यह स्थिति रबी के साथ फल और सब्जी की फसल के लिए नुकसानदेह होगी। चर्म रोग के साथ मौसमी बीमारियों के लिए यह मौसम मुफीद होगा।

मौसम विज्ञान विभाग और स्काईमेट का आकलन है कि इन बादलों की बदौलत 26 और 27 अप्रैल को राज्य के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र में बूंदाबांदी होगी। उसके अगले दिन 28 अप्रैल को मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन हवा में नमी के कारण उमस की स्थिति बनेगी। 29 अप्रैल से एक मई तक ठीकठाक बारिश हो सकती है। इस दौरान पटना, गया, अररिया, किशनगंज, सुपौल, भागलपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी सहित आसपास के इलाकों में काल बैसाखी के कहर की आशंका बनी रहेगी।

तापमान में मामूली गिरावट

मई और जून की चिलचिलाती गर्मी से पहले अप्रैल भी अब तक कम गर्म नहीं रहा। 20 अप्रैल को गया का तापमान 42.2 डिग्री पर पहुंच कर इस गर्मी का रिकॉर्ड कायम कर चुका है। 22 अप्रैल को पटना का पारा भी 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस बीच बादलों की लुकाछिपी भी चलती रही, जो बुधवार को कुछ सघन रही। इस कारण पटना सहित राज्य के कई इलाकों में तापमान में मामूली गिरावट दर्ज हुई, लेकिन हवा में नमी से उमस की नौबत बन आई है। नमी बढऩे के साथ ही गुरुवार 26 अप्रैल से तापमान में गिरावट की संभावना है। एक मई तक पटना का अधिकतम तापमान 36 से 37 डिग्री के बीच रहेगा।

फसल को नुकसान

प्री-मॉनसून बारिश और काल बैसाखी का कई बार फसलों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अभी रबी फसल की कटाई और मड़ाई चल रही है। तकरीबन 35 फीसद गेहूं अभी खेत-खलिहान में ही है। आम और लीची की फसल शबाब की ओर। ऐसे में बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।

काल बैसाखी

मार्च से मई के दौरान काल बैसाखी का प्रकोप होता है। काल बैसाखी उन मौसमी स्थितियों को कहा जाता है जिसमें बादलों की डरावनी गर्जना के साथ तूफानी हवा, बारिश, बिजली की तेज चमक और वज्रपात आदि की आशंका होती है।


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