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पटना से दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे और बेंगलुरु की ट्रेनों में चाहिए टिकट, रेलवे के इस उपाय से मिलेगी कंफर्म सीट

पटना से खुलने वाली ट्रेनों में यात्रियों को नहीं मिल रही सीट बैकलाग के कारण जून के अंत तक प्रमुख ट्रेनों की सभी सीटें भरी हुई हैं पैसेंजर ट्रेन कम चलने से भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 08:08 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 08:08 AM (IST)
पटना से दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे और बेंगलुरु की ट्रेनों में चाहिए टिकट, रेलवे के इस उपाय से मिलेगी कंफर्म सीट
Indian Railway: ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची कम करने के लिए अत‍िरिक्‍त कोच लगाएगा रेलवे। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, पटना। अग्निपथ योजना के विरोध में विद्यार्थियों के आंदोलन के कारण रद हुई ट्रेनों के यात्रियों सहित अन्य रेल यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। पटना से जाने वाली किसी भी ट्रेनों में लोगों को सीट नहीं मिल रही है। सभी ट्रेनें हाउस फुल हैं। पैसेंजर ट्रेन कम चलने से भी स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि बैकलाग के कारण जून के अंत तक पटना से जाने वाली प्रमुख ट्रेनों की सभी सीटें भरी हुई हैं। लोग ट्रेन यात्रा की आस में टिकट काउंटर और ट्रैवल एजेंट के यहां चक्कर काट रहे हैं। ट्रेनों में सीट नहीं मिलने की आस के बाद जरूरी कामकाज वाले लोग फ्लाइट अथवा बस से अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। 

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अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में विद्यार्थियों ने जमकर आंदोलन किया था। इस दौरान आंदोलनकारियों ने कई ट्रेनों को अपना निशाना बनाया था। ट्रेनों में तोडफ़ोड़ के साथ ही बोगियों को आग के हवाले कर दिया गया था। हंगामा को देखते हुए रेलवे ने लंबी दूरी वाली करीब 40 ट्रेनों को रद कर दिया था। वहीं, करीब 75 पैसेंजर ट्रेनें का भी संचालन रोक दिया गया था। इस दौरान ट्रेनें रद होने से उससे यात्रा करने वाले यात्रियों के सामने विकट समस्या खड़ी हो गई। माहौल शांत होने पर चार दिनों बाद दोबारा से लंबी ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया। लेकिन उनमें कोई सीट खाली नहीं थी। 

अमूमन बिहार से जाने वाली प्रमुख ट्रेनों में एक महीने पहले ही सारी सीटें भर जाती हैं। रेल यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पूर्व मध्य रेल ने करीब 40 ट्रेनों में बोगी बढ़ाने की घोषणा की। किसी ट्रेन में एक तो किसी ने दो अतिरिक्त बोगी लगाई थी। उनसे करीब 10 हजार अतिरिक्त यात्री ही रोजाना यात्रा कर पा रहे हैं। यह ऊंट के मुंह में जीरा के सामान है। 

पटना से दिल्ली जाने वाले यात्री सुधीर कुमार ने बताया कि आंदोलन के तीसरे दिन उनका दिल्ली जाने वाली ट्रेन में कंफर्म टिकट था, लेकिन ट्रेन के रद होने पर उन्होंने दोबारा टिकट लेने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। कई घंटे रेलवे के टिकट काउंटर और ट्रेवल एजेंट के कार्यालय पर बिताए, लेकिन टिकट नहीं मिला। बेटी की परीक्षा के कारण उनका दिल्ली जाना जरूरी था। लिहाजा करीब दोगुने दर पर फ्लाइट का टिकट लेकर वे दिल्ली पहुंचे।

पटना निवासी रामवीर सिंह ने बताया कि आगामी एक हफ्ते तक पटना से दिल्ली जाने वाली किसी भी ट्रेन में वेटिंग टिकट तक नहीं मिल रहा है। जिसके कारण उन्होंने फिलहाल अपनी यात्रा स्थगित कर दी है। 

ट्रेनों में जून के अंत तक नहीं है कोई सीट 

पटना से दिल्ली, मुंबई सहित कोलकाता व पुणे जाने वाली सभी ट्रेनों में जून के अंत तक कोई सीट नहीं है। ट्रेन हाउस फुल हैं। पटना से दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्‍सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, विक्रमशीला व महानंदा एक्सप्रेस में 31 जून सभी सीटें भरी हुई हैं। वहीं, पटना से कोलकाता जाने वाली विभूति एक्सप्रेस, हावड़ा मेल, राजेंद्र नगर हावड़ा एक्सप्रेस सहित दूरंतो में कंफर्म सीट नहीं है। पटना से पुणे और मुंबई जाने वाली ट्रेनों का भी यही हाल है। 

क्या कहते हैं अधिकारी 

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि बोगी (रैक) की पहले से ही कमी थी। बावजूद इसके अग्निपथ योजना के विरोध में आंदोलन के कारण रद्द हुई ट्रेनों के यात्रियों को राहत देने के लिए कई ट्रेनों में अतिरिक्त बोगी जोड़े गए हैं। रेल यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सीट उपलब्ध कराई जाए रेलवे इसपर गंभीरता से काम रहा है। बोगी की व्यवस्था होते ही उन्हें ट्रेनों में लगाया जाएगा। 


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