पटना में धड़ल्ले से बुक हो रहे थे रेलवे टिकट, पे-फोन बूथ पर लिए जाते थे ऑर्डर Patna News
पटना रेलवे जंक्शन के पास धड़ल्ले से रेलवे के आरक्षित टिकटों की बुकिंग की जा रही थी। ट्रेवल एजेंसी पर छापेमारी की तो बड़ी संख्या में टिकट बुक किए जाने का प्रमाण मिले हैं।
By Edited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 08:07 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 09:20 AM (IST)
पटना, जेएनएन। पटना रेलवे जंक्शन के पास की मार्केट में पे-फोन बूथ खोलकर धड़ल्ले से रेलवे के आरक्षित टिकटों की बुकिंग की जा रही थी। ऑर्डर पे-फोन बूथ पर लिया जाता था और टिकटों की बुकिंग चितकाहेरा स्थित ट्रैवल एजेंसी में होती थी। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब आरपीएफ की टीम ने स्टेशन से सटे जगत पे-फोन बूथ में छापेमारी की। RPF इंस्पेक्टर ने गिरफ्तार कर्मचारी के बयान पर चितकोहरा स्थित उसकी ट्रेवल एजेंसी पर छापेमारी की तो बड़ी संख्या में टिकट बुक किए जाने का प्रमाण मिले।
इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि आरपीएफ की सख्ती के कारण जंक्शन के आसपास रेल टिकटों की बुकिंग बंद कर दी गई है। ट्रैवल एजेंसी वाले पे-फोन बूथ की आड़ में टिकटों की बुकिंग करने लगे हैं। जगत पे-फोन बूथ में यात्रियों से टिकट बुकिंग का विवरण और अग्रिम राशि ले ली जाती थी। इसके बाद उनके टिकटो की बुकिंग चितकोहरा स्थित जगत ट्रैवल एजेंसी में की जाती थी।
टिकट बुकिंग IRCTC की पर्सनल आइडी से की जाती थी। जब छापेमारी की गई तो 386 टिकटों को बुक करने का प्रमाण मिला। इनके द्वारा बेंगलुरु की कंपनी से रेड मिर्ची नामक सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकटों की फास्ट बुकिंग कराई जाती थी। ट्रैवल एजेंसी की ओर से दो से तीन हजार रुपये प्रति माह के आधार पर रेड मिर्ची सॉफ्टवेयर लिया जाता था। एजेंसी द्वारा बुक किए गए अधिकांश टिकट तत्काल कोटे के ही होते थे। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि ऐसे ही कुछ अन्य दुकानों के बारे में भी शिकायतें मिलीं है, जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि आरपीएफ की सख्ती के कारण जंक्शन के आसपास रेल टिकटों की बुकिंग बंद कर दी गई है। ट्रैवल एजेंसी वाले पे-फोन बूथ की आड़ में टिकटों की बुकिंग करने लगे हैं। जगत पे-फोन बूथ में यात्रियों से टिकट बुकिंग का विवरण और अग्रिम राशि ले ली जाती थी। इसके बाद उनके टिकटो की बुकिंग चितकोहरा स्थित जगत ट्रैवल एजेंसी में की जाती थी।
टिकट बुकिंग IRCTC की पर्सनल आइडी से की जाती थी। जब छापेमारी की गई तो 386 टिकटों को बुक करने का प्रमाण मिला। इनके द्वारा बेंगलुरु की कंपनी से रेड मिर्ची नामक सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकटों की फास्ट बुकिंग कराई जाती थी। ट्रैवल एजेंसी की ओर से दो से तीन हजार रुपये प्रति माह के आधार पर रेड मिर्ची सॉफ्टवेयर लिया जाता था। एजेंसी द्वारा बुक किए गए अधिकांश टिकट तत्काल कोटे के ही होते थे। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि ऐसे ही कुछ अन्य दुकानों के बारे में भी शिकायतें मिलीं है, जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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