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घने कोहरे में भी दौड़ रही हैं पटना आने-जाने वाली ट्रेनें, रेलवे ने सुधारा सिग्नल सिस्टम

पटना आने-जाने वाली ट्रेनें अब घने कोहरे में भी सरपट दौड़ रही हैं। एेसा रेलवे के सिग्नल अपडेट करने से हुआ है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 03:00 PM (IST)
घने कोहरे में भी दौड़ रही हैं पटना आने-जाने वाली ट्रेनें, रेलवे ने सुधारा सिग्नल सिस्टम
घने कोहरे में भी दौड़ रही हैं पटना आने-जाने वाली ट्रेनें, रेलवे ने सुधारा सिग्नल सिस्टम

पटना, जेएनएन। घने कोहरे में भी पटरी पर ट्रेनें सरपट दौड़ रही हैं। रेलवे ने सिग्नल प्रणाली को मजबूत कर लिया है। इसका फायदा आम यात्रियों को मिलने लगा है। हर साल घने कोहरे और धुंध के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी से रेलवे को फजीहत ङोलनी पड़ रही थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा। रेलवे प्रशासन ने कोहरे और धुंध से निपटने के लिए सिग्नल प्रणाली को दुरुस्त, रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम के साथ ही ट्रेन के इंजन में फॉग सेफ्टी डिवाइस सिस्टम पर काम किया। इस कारण 90 फीसद ट्रेन समय पर चल रही हैं।

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होता रहा ट्रैक मेंटेनेंस, दौड़ती रही ट्रेनें

मेंटेनेंस की वजह से ट्रेनें घंटों खड़ी रहती थीं। रेलवे प्रशासन ने मेंटेनेंस के काम में तेजी दिखाई। इस साल ट्रैक को ब्लॉक करने की बजाय फ्री किया गया। पूरी छूट दी गई। पहले यात्रियों की सेफ्टी देखी गई। जहां इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने कहा वहां ब्लॉक किया गाया। उसी का परिणाम रहा झाझा से मुगलसराय खंड पर काम पूरा होने के बाद ट्रैक पर 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से भी ट्रेनें दौड़ सकती हैं। यहां सिर्फ कागजी प्रक्रिया पूरी होनी बाकी है।

सिग्नल प्रणाली को नहीं होने दिया प्रभावित

सिग्नल पर तैनात कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आती थी। इस बार ऐसा नहीं होने दिया गया। हर सिग्नल पर तैनात कर्मियों की मॉनीटरिंग हो रही है। साथ ही ठंड की वजह से अक्सर सिग्नल फेल हो जा रहा था। सिग्नल के पॉर्ट सेंसिटिव होते हैं और मेंटेनेंस होता रहना चाहिए। रेलवे सिग्नल को लेकर गंभीर रहा और अब स्थिति यह है कि इसकी शिकायत नहीं मिल रही है।

गाड़ियों की संख्या में कमी कर दबाव किया कम

कुछ ट्रेनें लंबी दूरी की है और उनके देर होने पर जोनल लेवल पर निगरानी रखी जा रही है। ट्रेन देर हुई जो जीएम उस रेलवे के जीएम से संपर्क कर रहे हैं। अक्सर कोहरे और धुंध की वजह से लोको पायलट को सिग्नल और दूरी का अंदाजा नहीं मिल पा रहा थे। इसकी वजह से वह लंबे समय तक अंदाज से स्पीड कम कर दे रहा था। ऐसी ट्रेनें लेट हो रही थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ। दानापुर डिवीजन में करीब 450 ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाया गया। डिवाइस में लगे जीपीएस की मदद से लोको पायलट को कोहरे में भी 50 मीटर से ज्यादा का ट्रैक साफ दिखाई देगा।


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