रेलवे ने बिहार को दी करोड़ों की सौगात, जानिए कहां के लिए क्या मिला
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार की नगर मार्ग के विद्युतीकरण और दोहरीकरण की परियोजनाओें को पूरा करने स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही इससे बिहार में रोजगार सृजन के भी अवसर प्राप्त होंगे।
पटना [जेएनएन]। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 100.6 किलोमीटर लंबी मुजफ्फरपुर-सगौली और 109.7 किलोमीटर लंबी सगौली-वाल्मीकि नगर मार्ग के विद्युतीकरण तथा दोहरीकरण परियोजनाओं को आज स्वीकृति प्रदान कर दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इन परियोजनाओं की कुल लागत क्रमश: 1347.61 करोड़ एवं 1381.49 करोड़ रुपए हैं। ये परियोजनाएं बिहार के मुजफ्परपुर, पूर्वी चंपारण (मोतीहारी) और पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के जिले में आगे बढ़ायी जायेंगी। इस मार्ग के संचालन से उत्तरी बिहार के घनी आबादी वाले क्षेत्रों को लाभ होगा।
वर्तमान में मुजफ्फरपुर- वाल्मीकि नगर मार्ग पर यात्री गाड़ियों को देर तक ठहराव का सामना करना पड़ता है क्योंकि इस मार्ग की मौजूदा क्षमता 213 प्रतिशत तक है। फिलहाल इस मार्ग पर 38 मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियों का संचालन हो रहा है जिनमें प्रतिदिन हजारों यात्री यात्रा करते हैं। अतिरिक्त क्षमता निर्माण से मार्ग के अवरुद्ध होने में कमी आएगी जिससे न्यूनतम देरी के साथ तीव्र और विश्वसनीय संचालन होगा। इसके अलावा मरम्मत संबंधी कार्यों के लिए पर्याप्त समय मिलने से सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होगी।
मुजफ्फरपुर से वाल्मीकि नगर का संपूर्ण मार्ग अवरोधमुक्त होगा और मार्ग के दोहरीकरण से इस क्षेत्र में सुचारू संचालन में मदद मिलेगी तथा बढ़ी हुई क्षमता से आर्थिक समृद्धि एवं विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रधानमंत्री के 2022 तक न्यू इंडिया के स्वप्न को साकार करने के लिए देश के पूर्वी क्षेत्र का विकास बेहद महत्वपूर्ण है। चंपारण नेपाल से लगती सीमा पर है, इस मार्ग के दोहरीकरण से पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संपर्क का मार्ग प्रशस्त होगा। विद्युतीकरण से रेलगाड़ियों की गति बढ़ेगी, कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और सतत पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा। इससे तेल आयात पर निर्भरता कम होगी जिसके परिणाम स्वरूप रेलवे की ऊर्जा संबंधी लागत कम होगी तथा देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम होगा।
मंत्रालय को मुज्जफरपुर-सगौली और सगौली-वाल्मीकि नगर मार्ग परियोजनाओं के निर्माण संबंधी कार्यों से क्रमश: 24.14 लाख और 26.33 लाख कार्य दिवस प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है।