यात्रीगण कृपया ध्यान दें...रेल में हो सकता है खेल, यात्रा करने से पहले जरूर चेक कर लें
रेल का खेल जानकार आपको भी हैरानी होगी। गंगासागर एक्सप्रेस में यात्रियों को सेकेंड एसी के टिकट पर थर्ड एसी कोच में जगह दी जाती थी। इसका खुलासा होने पर अब एेसा कहा अधिकारी ने...
दरभंगा [विभाष झा]। यात्रीगण कृपया ध्यान दें। जयनगर से चलकर सियालदह को जाने वाली 13186 गंगासागर एक्सप्रेस से एसी टू में सफर करने वाले मुसाफिरों को थ्री एसी से भेजा जा रहा है। जी हां, ऐसा एक महीने से भी अधिक समय से चल रहा है।
ऐसा कर रेलवे प्रतिदिन 40 हजार रूपये की जेब काट रहा है। यानि महीने में दस लाख रूपये। जबकि रेलवे का नियम कहता है कि टू एसी का टिकट एसी वन में अपग्रेड हो सकता है। लेकिन समस्तीपुर रेल मंडल सेकेंड एसी के यात्रियों को थर्ड एसी में भेज रहा है। मुसाफिरों को इस गोरखधंधे की जानकारी ट्रेन में बैठने के बाद मिलती है।
ट्रेन मे बैठने से पहले जरूर पता कर लें #railway #gangasagarexpress #darbhanga pic.twitter.com/kG44ScuUJK — kajal lall (@lallkajal) September 10, 2019
यात्रियों की यह भलमनसाहत ही है कि वह ऐसा एक दिन की कारगुजारी मानकर बगैर किसी विरोध के यात्रा भी कर लेते है। लेकिन, यह कहानी हर दूसरे दिन महीने भर से दोहराई जा रही है। इसकी पुष्टि करते गुल्लोबाड़ा की बबीता लोढ़ा ने बताया कि जब वो दस दिन पहले सियालदह से दरभंगा आ रही थी, तो उस वक्त भी टू एसी की जगह थ्री एसी में सीट दी गई। ऐसा जाने वक्त भी हो रहा है।
उन्होंने बताया कि तीन घंटे पहले ऐसा मैसेज आया था। विधिवित गुप्ता ने बताया कि रेलवे यात्रियों को ठग रहा है। टू एसी का पैसा देकर थ्री एसी में भेजा जा रहा है। कहा कि पैसा रिफंंड की प्रक्रिया काफी कठिन की गई है। लिहाजा यात्री उस पैसे से हाथ धो लेते है।
सबसे अाश्चर्य की बात यह है कि ट्रेन में टू एसी का कोच नहीं लगने के बावजूद टिकटों की बुकिंग जारी है। हद तो यह कि रिजर्वेशन कांउटर पर भी ऐसी कोई सूचना नहीं दी जाती कि यात्री जब टू एसी का टिकट ले रहे तो उन्हें थ्री एसी में जाना पड़ेगा। यात्रियों से इस ठगी के बारे में पूछे जाने पर सीनियर डीसीएम रिफंड की बात करते है। लेकिन इसका कोई प्रमाण यात्रियों के पास नहीं है।
आप भी हो सकते हैं रेल के खेल का शिकार#railway #gangasarexpress #darbhanga pic.twitter.com/bFNjl7xcDc — kajal lall (@lallkajal) September 10, 2019
इस तरह से होता है सीटों का खेल
खेल इस तरह समझिए की टू एसी में 48 बर्थ होते है, जबकि थ्री एसी में 72 बर्थ। इस तरह थ्री एसी में बैठाकर रेलवे प्रतिदिन 24 बर्थ की अतिरिक्त कमाई कर रहा है। रेलवे की ओर से प्रतिदिन जो चार्ट तैयार किया जाता है, उसमें टू एसी में सफर करने वाले यात्रियों का नाम कोच नंबर के साथ अंकित रहता है। इसके कारण इस ट्रेन से जाने वाले लोगों को इसका जरा भी एहसास नहीं होता कि उन्हें टू एसी की जगह, थ्री एसी में सीट मिलेगी। साेमवार को भी जारी रिजर्वेशन चार्ट इसका प्रमाण है।
कहा-सीनियर डीसीएम ने
समस्तीपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले करीब एक महीने से अधिक समय से गंगासागर में एसी टू का कोच नहीं लग रहा है। हर ट्रेन का अोनरशिप किसी रेलवे के पास होता है। गंगासागर का ऑनरशिप ईस्टर्न रेलवे के पास है। इसका हेडक्वार्टर कोलकाता है। उनके पास कोच की कमी है। कई सारे कोच डैमेज है।
उन्होंने ये भी बताया कि कोच की कमी के कारणथर्ड एसी लगा दिया गया। बुकिंग क्यों बंद होगी। बुकिंग 120 दिन पहले होती है। अचानक कोई चीज खराब हो जाती है तो उसका रिफंड होता है।
वीरेंद्र कुमार, सीनियर डीसीएम, समस्तीपुर रेल मंडल।