सरकार बनने पर 5000 रुपये की सहायता, राहुल गांधी का मछुआरा वोट साधने का प्रयास! सहनी संग तालाब में उतरे
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राहुल गांधी मुकेश सहनी के साथ तालाब में उतरे और मछुआरों से मिले। उन्होंने मछली पकड़ने का तरीका सीखा और उनकी समस्याओं पर बात की। राहुल गांधी बिहार के उपेक्षित वर्गों को अपनी राजनीति में महत्व दे रहे हैं और गठबंधन के वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
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तालाब में उतर राहुल गांधी। (फोटो- एक्स)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी अपने राजनीतिक संदेशों को प्रतीकात्मक ढंग से पेश करने में जुटे हैं।
पिछले दिनों कटिहार में मखाना किसानों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी रविवार को बेगूसराय में अपनी सभा के बाद वीआईपी नेता मुकेश सहनी के साथ तालाब में उतर गए। उन्होंने इस दौरान मछली पकड़ने का तरीका सीखा, साथ ही मछुआरा समाज के लोगों के साथ बातें भी की।
विधानसभा चुनाव 2025 में राहुल गांधी बिहार में काफी सक्रिय रहे। जनवरी से ही उन्होंने बिहार को अपनी राजनीति के केंद्र में ला दिया था। उनकी वोटर अधिकार यात्रा भी इसी कड़ी में शामिल थी। राहुल गांधी इस चुनाव इस कोशिश में जुटे हैं कि जो वे बोलते हैं उस पर अमल भी कर सकें।
यही वजह है कि वे अपने राजनीतिक संदेशों को प्रतीकात्मक ढंग से पेश कर रहे हैं। तालाब में उतरना, मछली पकड़ने का तरीका सीखना महज एक नाटकीयता नहीं बल्कि एक सुविचारित राजनीतिक संकेत है। राहुल गांधी बिहार के पारंपरिक, उपेक्षित और श्रमजीवी वर्गों को अपनी राजनीति के केंद्र में लाना चाहते हैं।
राहुल गांधी को पता है कि मछुआरा समुदाय बिहार के कई जिलों में निर्णायक मतदाता समूह है, लिहाजा वे गठबंधन के वोट बैंक को भी इस बहाने मजबूत कर रहे हैं।
राहुल ने अपने इस कार्यक्रम को अपने एक्स हैंडल पर भी पोस्ट किया है। वे पोस्ट में लिखते हैं कि मछुआरा समुदाय से मिलकर अच्छा लगा। उनका काम जितना दिलचस्प है उनकी समस्याएं और संघर्ष उतने ही गंभीर। उनके अधिकार और सम्मान के लिए हर कदम पर उनके साथ खड़ा हूं।
इधर दूसरी ओर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि राहुल गांधी के साथ रविवार को बेगूसराय के चपरिया पोखर में मछली पकड़ने की कोशिश की।
इस दौरान मल्लाह समुदाय के लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं भी सुनीं। सहनी ने लोगों को भरोसा दिया कि महागठबंधन के संकल्प में बाढ़ के दौरान मछुआरा परिवारों को 5,000 रुपये की सहायता, मत्स्य बीमा योजना और नदियों व तालाबों का पुनरुद्धार शामिल है।
सहनी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बननी तय है। बिहार के लोग बदलाव चाह रहे हैं। जब गरीबों की सरकार बनेगी, तो उनकी समस्याएं भी हल होंगी।

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