इफ्तार की दावत के बहाने राबड़ी ने दिखाई राजद की ताकत, नहीं आए सीएम नीतीश
राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में महागठबंधन की दिखी एकता। मौके पर कांग्रेस हम समेत तमाम दल के नेता पहुंचे।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार की सियासत में चौतरफा हलचल है। ऐसे ही माहौल में महागठबंधन खेमे की सबसे बड़ी पार्टी राजद की ओर से रविवार को इफ्तार की दावत दी गई। पार्टी और परिवार के प्रमुख लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में मेहमानों की आवभगत और व्यवस्था का मोर्चा पहली बार राबड़ी देवी ने खुद संभाला। पूरे छह महीने बाद आवास परिसर में तेज प्रताप यादव के कदम पड़े थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी से कई तरह के सवाल उठ रहे थे। समाधान के रूप में राबड़ी ने खुद बताया कि तेजस्वी बीमार हैं और दिल्ली में हैं। हालांकि सीएम नीतीश नहीं आए। सीएम को भी राबड़ी ने इफ्तार का निमंत्रण भेजा था। भाजपा नेताओं को भी न्यौता दिया गया था।
राजनीति की बात नहीं
लोकसभा चुनाव में बुरी पराजय का असर दावत के आयोजन पर थोड़ा भी नहीं दिख रहा था। आवास के बाहर पहले की तरह गाडिय़ों की लंबी कतारें, परिसर में रोजेदारों और राजद समर्थकों की भीड़ के बीच अतिथियों का आना-जाना जारी था। मीडिया के सवालों का मतलब राजद में दरार-तकरार जानने का था, किंतु राबड़ी देवी ने आग्रह किया कि आज भर सियासत की बात मत करिए। परिवार को बीच में मत लाइए। तेज प्रताप आए हुए हैं। उनके पारिवारिक विवाद को भी सुलझाने की कोशिश हो रही है। राबड़ी ने भाजपा-जदयू से जुड़े सवालों पर कुछ भी बोलने से परहेज किया और कहा कि यह उनका अंदरुनी मामला है। हमें कुछ नहीं कहना।
चुनाव मैदान से ज्यादा दिखी एकता
महागठबंधन की एकता भी चुनाव मैदान से ज्यादा आवास परिसर दिख रही थी। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी, प्रवक्ता दानिश रिजवान, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन झा, रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी एवं पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी समेत कई नेता आत्मीय तरीके से आपस में मिल-जुल रहे थे। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी, मीसा भारती और जगदानंद सिंह पहले से जमे थे। रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी आने में देर नहीं की। हाथ में माइक लिए विधायक भोला यादव रेफरी की भूमिका में थे। रोजेदारों और भीड़ से व्यवस्थित होकर बैठने का आग्र्रह कर रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, निरंजन कुशवाहा पप्पू, नंदू यादव, देवमुनी यादव, आभालता, रणविजय साहू एवं प्रमोद कुमार सिन्हा समेत कई नेता मुख्य दरवाजे पर अतिथियों की अगवानी में खड़े थे।
नहीं आए सीएम और भाजपा नेता
राबड़ी देवी ने पहली बार अपने आवास परिसर में राजद की इफ्तार पार्टी में भाजपा नेताओं को आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी न्योता दिया गया था। लेकिन कोई नहीं आया। न भाजपा नेता दिखे और न ही मुख्यमंत्री। राजनीतिक कटुता के बावजूद लालू प्रसाद के पारिवारिक आयोजनों में नीतीश कुमार जाते रहे हैं। दो साल पहले तेज प्रताप की शादी में भी सीएम गए थे। माना जा रहा था कि वह इस बार भी जा सकते हैं। पिछली बार फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा भी गए थे। इस बार उन्होंने भी आना जरूरी नहीं समझा।
छह महीने बाद आवास पहुंचे तेज प्रताप
पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक की अर्जी देने के बाद से ही तेज प्रताप ने राबड़ी देवी के आवास परिसर से दूरी बना रखी थी। पटना में ही उन्होंने अपने लिए अलग सरकारी आवास आवंटित करा रखा है। पिछले हफ्ते पार्टी की समीक्षा बैठक में भी वह नहीं आए थे और पत्र के जरिए अपनी बात रखी थी। किंतु तेजस्वी की अनुपस्थिति में उन्हें छह महीने बाद पहली बार परिसर में देखा गया। तेज प्रताप अपने सरकारी आवास में रहते हैं। तेजस्वी के बारे में जब मीडिया ने उन्हें कहा कि वह बीमार हैं और दिल्ली में हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मैं भी बीमार हूं, लेकिन मैं यहां हूं। तेज प्रताप के इस जवाब के भी अर्थ लगाए जा रहे हैं।
निमंत्रण पत्र पर सिर्फ राबड़ी का नाम
राजद की इफ्तार पार्टी की चर्चा एक और खास वजह से हो रही है। निमंत्रण पत्र पर न नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम है और न ही विधायक तेज प्रताप यादव का। सिर्फ राबड़ी देवी का नाम छपा है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद लालू परिवार की ओर से आयोजित पहली दावत में दोनों भाइयों के पर्दे में रहने के पीछे कई अर्थ लगाए जा रहे हैं। इसे राजद की संस्कृति में सुधार के नजरिए से भी देखा जा रहा है और राजनीति में अच्छा संकेत माना जा रहा है।
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