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तेजप्रताप ने फिर दिखाये बगावती तेवर, जगदानंद से भिड़े तो राबड़ी बोलीं-तेज तो बच्चा है

राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप का गुस्सा जगजाहिर है। फिर से वो प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से भिड़ गए तो राबड़ी देवी ने डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा वो तो बच्चा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 09:39 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 10:23 PM (IST)
तेजप्रताप ने फिर दिखाये बगावती तेवर, जगदानंद से भिड़े तो राबड़ी बोलीं-तेज तो बच्चा है
तेजप्रताप ने फिर दिखाये बगावती तेवर, जगदानंद से भिड़े तो राबड़ी बोलीं-तेज तो बच्चा है

पटना, जेएनएन। राजद  (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे का मूड और उनके गुस्से से सभी वाकिफ हैं। इन दिनों लालू प्रसाद यादव के अत्यंत करीबी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह (Jagdanand Singh) और तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के बीच रार ठन गई है। तो वहीं राबड़ी देवी ने इस रार पर डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा कि तेजप्रताप तो बच्चा है और जगदानंद पार्टी के गार्जियन हैं। जगदानन्द सिंह के हाथ में राजद सुरक्षित है और नेतृत्व को लेकर कोई खींचतान नहीं है।

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एकतरफ जगदानंद जितना राजद को अनुशासित करने में लगे हैं, तेजप्रताप उसी रफ्तार से अनुशासन की धज्जियां उड़ाते हुए दिख रहे हैं। हुआ यूं कि तेज प्रताप ने इस बार डंके की चोट पर अपने एक करीबी को संसदीय बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया, तो अगले ही पल जगदानन्द ने तेज प्रताप के फैसले को ही रद्द कर दिया।

इसपर तेजप्रताप यादव का गुस्सा चरम पर पहुंच गया और उन्होंने एक बार फिर जगदानन्द सिंह को खुली चुनौती दे दी है और डंके की चोट पर राजद के संसदीय बोर्ड और संगठन में अपने करीबी को नियुक्त भी कर दिया है। ये करीबी हैं डॉक्टर अभिषेक कुमार।

तेज प्रताप ने अपने सरकारी आवास पर राजद के लेटर हेड पर अभिषेक को पूर्वी-पश्चिमी चंपारण का चुनाव प्रभारी, साथ में संसदीय बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने इसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी है जो वायरल हो रही है।

सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद तेजप्रताप की इस 'मनमानी' को लेकर पार्टी के भीतर बहुत नाराजगी है, लेकिन कोई भी इस पर बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि जगदानन्द सिंह ने भी तेज प्रताप की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इस नियुक्ति को ही रद्द कर दिया है। जगदानन्द सिंह ने कहा कि इस तरह की नियुक्ति का कोई मतलब नहीं, यह बिल्कुल फर्जी है।

जगदानंद सिंह ने एक चैनल को बताया कि ये सब नियुक्तियां फर्जी हैं और पार्टी इसे रद्द करती है। उन्होंने कहा कि अभी ना तो कोई नए संसदीय बोर्ड का गठन हुआ है और ना ही पार्टी ने किसी को चुनाव प्रभारी ही बनाया है।ऐसे में यह नियुक्ति ही अवैध है। जगदानन्द ने यह भी कहा कि हम पूरे मामले की जांच कराकर इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे। 

बीते दिनोंतेजप्रताप ने एक कार्यक्रम के दौरान भी जगदानन्द सिंह को खुली चुनौती दी थी कि अगले 2-3 दिनों में वे संगठन का विस्तार करेंगे, क्योंकि वे किसी से डरते नहीं है। 


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