कोराेना संकट को ले राबड़ी का हमला, कहा- बड़े को बचा और छोटे को फंसा रही नीतीश सरकार; तेजस्वी ने कही यह बात
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े अफसरों को बचा रही है और छोटे को फंसा रही है। तेजस्वी ने भी नीतीश सरकार पर तंज कसा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े अफसरों को बचा रही है और छोटे को फंसा रही है। राजद नेता ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले भाजपा विधायक पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि उनके ड्राइवर को निलंबित कर दिया गया है। उधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर तंज कसा है।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि इसी तरह बुजुर्ग चौकीदार से उठक-बैठक कराने वाले कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के अपराध पर लीपापोती की जा रही है, जबकि उनसे छोटे कर्मचारी को सजा दे दी गई। राबड़ी ने इसे पक्षपात बताया और कहा कि सरकार बड़े अफसरों को बचाओ और छोटे कर्मचारियों को फंसाओ की नीति पर चल रही है।
राबड़ी देवी ने कहा कि नवादा के डीएम को निलंबित करना चाहिए था। इसी तरह, पूर्व पार्षद को कोटा जाने की अनुमति देने वाले मुजफ्फरपुर के डीएम पर क्यों नहीं कार्रवाई की गई। जब बड़े अधिकारी ने गलती की है, तो छोटे को सजा क्यों दी जा रही है।
उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना को लेकर नीतीश सरकार कितनी गंभीर है। इस प्रकरण से समझिए। 8 अप्रैल को PMCH माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर को 113 सैंपल में से मात्र 3 सैंपल की जांच करने, Duty में लापरवाही, दूसरे देश दक्षिण कोरिया के बारे में ग़लत और भ्रामक जानकारी देने, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय अथवा ICMR के नियमों व दिशा-निर्देशो के विरुद्ध कार्य करने व प्रतिकूल टिप्पणी देने और उनके आचरण को अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा का द्योतक जैसे अतिगंभीर आरोप लगाकर विभाग द्वारा निलंबित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि निलंबित अधिकारी नीतीश कुमार के बेहद क़रीबी है। CM के सीधे हस्तक्षेप के बाद अतिगंभीर आरोप लगाने वाले स्वास्थ्य विभाग को 13 अप्रैल को निलबंन वापस करने के लिए CMO द्वारा बाध्य किया जाता है। सीएम बताएं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रमाणित ग़ैरज़िम्मेवार और लापरवाह अधिकारी का निलबंन वापस क्यों कराया? महामारी के दौर मानव सभ्यता के ऊपर भारी संकट के समय भी अगर ऐसा अहंकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों को लेकर चिंतित, गंभीर और ज़िम्मेवार नहीं हैं तो ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री द्वारा बचाने की क्या आवश्यकता है?