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यहां रसूखदार अपराधी चुपके से कोर्ट में सरेंडर करते हैं, नहीं होते अरेस्ट!

पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने मंगलवार को चुपके से कोर्ट में सरेंडर कर दिया। एेसे कई मामले हैं, जिनमें पुलिस रसूखदार आरोपितों को ढूूंढ़ती रही और उन्‍होंने अपनी सुविधानुसार सरेंडर किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 04:14 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 05:46 PM (IST)
यहां रसूखदार अपराधी चुपके से कोर्ट में सरेंडर करते हैं, नहीं होते अरेस्ट!
यहां रसूखदार अपराधी चुपके से कोर्ट में सरेंडर करते हैं, नहीं होते अरेस्ट!

पटना [काजल]। बिहार में रसूखदार अपराधियों के समाने पुलिस बौनी साबित होती रही है। वे अपनी मर्जी से सरेंडर करते हैं, पुलिस उन्‍हें गिरफ्तार करने के मामले में फेल रहती है। ताजा मामला पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के सरेंडर का है।

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उजागर हुई नाकामी
एेसे कई मामले हैं, जिन्‍होंने पुलिस की नाकामी को उजागर किया है, उसकी साख को कमजोर साबित किया है। पुलिस या तो एेसे रसूखदार आरोपितों को तलाश नहीं पाती या फिर तंत्र में कुछ गड़बड़ी के कारण पुलिस ढूंढती रह जाती है और वे चुपके से कोर्ट में सरेंडर कर देते हैं।

पुलिस पर सवालिया निशान
बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के मंगलवार के सरेंडर को ही लें। मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड का मामला उजागर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और बिहार पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को गिरफ्तार नहीं कर पाने की वजह से पुलिस पर सवालिया निशान लगाते हुए बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को 27 नवंबर को कोर्ट में तलब किया।

देखती रह गई पुलिस
कोर्ट की फटकार के बाद अचानक पुलिस एक्टिव हो गई और मंजू वर्मा की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज हो गई। बिहार ही नहीं अन्य राज्यों तक मंजू वर्मा की तलाश होती रही। लेकिन आर्म्स एक्ट की आरोपित पूर्व मंत्री ने जब चाहा तब चुपके से बेगूसराय के कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर कर दिया। इसकी भनक तक पुलिस को नहीं लगी।
पता चला कि तीन महीने तक पुलिस को चकमा देकर फरार पूर्व मंत्री कोर्ट से कुछ ही दूरी पर अपने पति की बुआ के गांव में रह रहीं थीं। फरार बतायी जा रहीं मंत्री को पुलिस दूसरे राज्यों में ढूंढ रही थी, लेकिन मंझौल (बेगूसराय) के पास के गांव में नहीं तलाश पायी। 

खुद ही थपथपाई अपनी पीठ
पुलिस के तमाम दावों के बीच जिस तरह से मंजू वर्मा ने बेगूसराय के मंझौल कोर्ट में सरेंडर किया, वह बिहार पुलिस  की नाकामियों को उजागर करने के लिए काफी है। पुलिस को पता नहीं था कि पूर्व मंत्री ने सरेंडर कर दिया, पर उसके बाद डीजीपी ने दावा किया कि पुलिस की दबिश की वजह से मंत्री ने सरेंडर किया।
ये पहली बार नहीं है कि रसूखदार आरोपित ने इस तरह से कोर्ट में सरेंडर किया। एेेसे कई मामले हैं जहां पुलिस नाकाम रही और सरकार की किरकिरी के बाद अपराधी ने रसूख के बल पर चुपके से कोर्ट में सरेंडर किया। आइए जानते हैं कुछ एेसे ही मामले, जो पुलिस की नाकामी को उजागर करने और आपको हैरान करने के लिए काफी हैं...

बिहार टॉपर्स घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय
बिहार टॉपर घोटाले का मुख्य आरोपी बच्चा राय को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस  दावे करती रही, हाथ-पैर मारती रही। लेकिन उसने खुद आकर पुलिस को गिरफ्तारी दी। उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। लाल रंग की स्कॉर्पियो में चालक और दो-तीन साथियों के साथ बच्चा राय अचानक पहुंचा और सरेंडर कर दिया।


बता दें कि बच्चा राय की तलाश में पुलिस पटना, वैशाली से लेकर जमशेदपुर तक में छापेमारी करती रही, लेकिन पुलिस को बच्चा राय नहीं मिला। अचानक आकर सरेंडर करते वक्त उसने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि उसे न्यायालय पर भरोसा है। साथ ही यह भी कहा कि उसके कॉलेज में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। 

 आदित्य सचदेवा हत्याकांड का आरोपी रॉकी यादव
ओवरटेकिंग को लेकर हुए विवाद में 12वीं के छात्र आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या हुई थी। उस वक्त आदित्‍य अपने दोस्तों के साथ स्विफ्ट कार से घर लौट रहा था। इस मामले में मुख्‍य आरोपित रॉकी यादव के पिता बिंदी यादव और उसके बॉडीगार्ड की भी गिरफ्तारी हुई थी। घटना के बाद आरोपी रॉकी यादव फरार हो गया। कभी कहा गया कि वह दिल्ली में है तो कभी कहा गया कि बिहार में ही है।


पुलिस उसकी तलाशी के लिए हाथ-पैर मारती रही और एक दिन अचानक रॉकी यादव ने गया की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में आकर सरेंडर कर दिया। उसकी जमानत के लिए उसके माता-पिता ने बहुत कोशिश की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी। जमानत रद होने के बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए भी गई, लेकिन वह नहीं मिला था। 
जदयू एमएलसी मनोरमा देवी 
आदित्य सचदेवा हत्याकांड के अभियुक्त रॉकी यादव की मां और बिहार विधान परिषद की सदस्य मनोरमा देवी की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस छापेमारी करती रही, लेकिन ढूंढ नहीं सकी थी। मनोरमा के बेटे रॉकी यादव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब मनोरमा देवी के घर पर छापा मारा तो घर से विदेशी शराब की बोतलें बरामद हुईं थीं।

पुलिस ने उन पर गैरकानूनी रूप से शराब रखने के आरोप में मामला दर्ज किया था। साथ ही अपने बेटे रॉकी को छिपाने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद मनोरमा देवी फरार हो गईं थीं। पुलिस गिरफ्तारी का दावा करती रही, लेकिन अग्रिम ज़मानत की याचिका खारिज होने के बाद अचानक उन्‍होंने गया कोर्ट में सरेंडर कर दिया। 

रोडरेज मामले का आरोपी टेनी यादव 
बिहार के गया में आदित्य सचदेव मर्डर केस में रॉकी यादव के चचेरे भाई टेनी यादव ने भी चुपके से गया कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। जिस वक्त आदित्य सचदेवा की हत्या हुई थी, टेनी भी मुख्य आरोपी रॉकी के साथ था। टेनी रोडरेड मामले के मुख्य आरोपी रॉकी का रिश्तेदार था। उसे भी गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी करती रही और उसने भी सरेंडर किया था। 

नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी राजवल्लभ यादव
नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का आरोपी राजद विधायक राजवल्लभ यादव घटना के खुलासे के बाद फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी करती रही थी। करीब महीने भर फरार रहने के बाद उसने अचानक कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। पुलिस उसे भी गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। कोर्ट द्वारा चल-अचल संपत्ति की कुर्की जब्ती के आदेश के बाद उसने सरेंडर किया था। 


भागलपुर उपद्रव मामले का आरोपी अर्जित शाश्वत 
भागलपुर के नाथनगर उपद्रव मामले के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को बिहार पुलिस पकड़ नहीं पाई थी। पुलिस उसे तलाशती रही और उसने अचनाक रात में पटना के महावीर मंदिर के समीप पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।


अर्जित शाश्‍वत सहित नौ लोगों पर बिना अनुमति लिए भारतीय नववर्ष का जुलूस निकालने व धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले नारे लगाने के आरोप लगाए गए थे। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसने सरेंडर का फैसला किया। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अर्जित ने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 
चंद्रशेखर वर्मा को नहीं पकड़ सकी पुलिस, कोर्ट में किया सरेंडर
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के आरोपी और आर्म्स एक्ट की आरोपी मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा को भी पुलिस नहीं पकड़ सकी। उसने भी मंझौल न्यायालय में आत्मसर्मपण किया था। उसके खिलाफ कोर्ट ने 14 सितंबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद पुलिस तलाश रही थी और उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। 
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई थी फटकार
25 अक्टूबर को बालिका गृह कांड मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ और बिहार सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पूछा था कि चंद्रशेखर वर्मा का पता लगाने में इतनी देरी क्यों हो रही है। अदालत ने कहा कि पूर्व मंत्री और उसके पति के घर से भारी तादाद में हथियार मिले थे, इसकी जांच की जाए।
बालिका गृह मामला सामने आने बाद थे फरार
बालिका गृह मामले के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के साथ मंजू वर्मा के करीबी संबंध होने के आरोप लगे थे। आरोप था कि चंद्रशेखर कई बार बालिका गृह गया था। मामले सामने आने के बाद से ही चंद्रशेखर फरार था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

पत्रकार राजदेव रंजन का शूटर लड्डन मियां 
बिहार के सिवान जिला की एक अदालत में पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले के मुख्य आरोपितों में से एक कुख्यात अपराधी लड्डन मियां को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। लड्डन पर राजदेव की हत्या के लिए अपराधियों को सुपारी देने का आरोप है। हत्या के बाद बिहार पुलिस काफी दिनों तक उसकी तलाश करती रही, लेकिन एक दिन लड्डन मियां ने अचानक मानो टहलते हुए सीवान की कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दिया था।


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