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मुश्किल में लालू परिवार, फिर वही सवाल- RJD का राजनीतिक वारिस कौन?

तेज प्रताप यादव को छोड़कर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार विभिन्‍न मुकदमों में चार्जशीटेड हो गया है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि राजद का उत्‍तराधिकारी कौन होगा?

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 10:17 PM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 11:02 PM (IST)
मुश्किल में लालू परिवार, फिर वही सवाल- RJD का राजनीतिक वारिस कौन?
मुश्किल में लालू परिवार, फिर वही सवाल- RJD का राजनीतिक वारिस कौन?

पटना [राज्य ब्यूरो]। रेलवे टेंडर घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ चार्जशीट दायर होते ही लालू परिवार के सामने वारिस का सवाल फिर खड़ा हो गया है। मुकदमे के आखिरी दौर में पहुंचने की प्रक्रिया लंबी चलेगी, लेकिन जिन धाराओं में तेजस्वी पर सीबीआई के बाद ईडी ने भी चार्जशीट पेश किया है, उससे असर का अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है। राजद के मुख्यमंत्री प्रत्याशी तेजस्वी को अगर सजा हो जाती है तो सवाल उठना लाजिमी है कि पार्टी की कमान किसके हाथ में होगी? चर्चाएं शुरू भी हो गई हैं कि तेजस्वी के बाद कौन?

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तेज प्रताप व एश्‍वर्या पर टिकीं नजरें
राज्यसभा सांसद मीसा भारती खुद जांच एजेंसियों के दायरे में हैं। लालू-राबड़ी की अन्य छह बेटियों को शादी के बाद बिहार की राजनीति से ज्यादा वास्ता नहीं रह गया है। तेजस्वी अभी अविवाहित हैं। ऐसे में चर्चाओं का फोकस और दारोमदार तेज प्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय पर टिक जाता है।

तेज प्रताप की इसी साल चर्चित राजनीतिक घराना एवं पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पौत्री से शादी हुई है। सारण लोकसभा क्षेत्र से ऐश्वर्या के चुनाव लडऩे की चर्चा भी है, लेकिन ये सारे कयास अभी हाशिये पर हैं। फ्रंट पर है 2019 लोकसभा चुनाव।

लंबी चलेगी सुनवाई की प्रक्रिया
तेजस्वी और राजद को उम्मीद है कि कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया लंबी चलने वाली है। इस बीच लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए पर्याप्त मौका मिल जाएगा। चार्जशीट को चैलेंज करने की भी तैयारी है। फिर भी अगर सजा हो जाती है तो तब का तब देखा जाएगा। अभी तेजस्वी के नेतृत्व में सूबे की सत्ता पर काबिज होने के सपने सजाए जा रहे हैं।

राजद को सहानुभूति लहर का सहारा
पार्टी यह भी मानकर चल रही है कि लालू परिवार की जितनी फजीहत होगी, राजद का ग्राफ भी उतना ही चढ़ेगा। राजद के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक सहानुभूति लहर के जरिए एक बार सत्तारूढ़ होने के बाद इतने बड़े परिवार में वारिस का संकट खुद ब खुद टल जाएगा। अभी से नेतृत्व के संकट पर सवाल जल्दबाजी होगी।

भाजपा ने बढ़ाया इस्‍तीफे का दबाव
उधर, चार्जशीट के बाद भाजपा-जदयू ने तेजस्वी के इस्तीफे का दबाव बढ़ा दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के मुताबिक एजेंसियों ने सबूतों के आधार पर तेजस्वी को आरोपित बनाया है। कानून से भी राहत नहीं मिलने वाली है।


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