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पटना विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं को दी बड़ी सुविधा, अगले सत्र से आर्ट्स के साथ साइंस से हो सकेगी पढ़ाई

अगले सत्र से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत पटना विवि में पढ़ाई होगी। वर्ष 2018 से परास्नातक (पीजी) पाठ्यक्रमों में यह लागू है। अब इसे स्नातक में लागू किया जाएगा। सत्र 2022-25 से स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों में इसे लागू कर दिया जाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 09:01 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 09:01 PM (IST)
पटना विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं को दी बड़ी सुविधा, अगले सत्र से आर्ट्स के साथ साइंस से हो सकेगी पढ़ाई
पटना विवि में अगले सत्र से च्वाइस बेस्ट सिस्टम लागू होगा। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, पटना : पटना विश्वविद्यालय में अगले सत्र से 'च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत पढ़ाई होगी। वर्ष 2018 से परास्नातक (पीजी) पाठ्यक्रमों  में यह लागू है। अब इसे स्नातक में लागू किया जाएगा। स्नातक में सीबीसीएस लागू करने के लिए आर्डिनेंस एवं रेगुलेशन बनाने के लिए विवि ने प्रो. एनके झा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। 

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कमेटी में भौतिकी के डा. शंकर कुमार, राजनीतिशास्त्र के डा. राकेश रंजन, अर्थशास्त्र के डा. सिद्धार्थ भारद्वाज, भूगर्भशास्त्र के शेखर, अंग्रेजी के डा. शोभन चक्रवर्ती शामिल हैं। पटना विश्वविद्यालय आइटी सेल के प्रोफेसर-इंचार्ज इस समिति को सुचारु रूप से कार्य संपादित करने के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएंगे। यह समिति यूजीसी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए पटना विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस लागू करने के लिए आर्डिनेंस एवं रेगुलेशन बनाएगी। फिर उसे अकादमिक काउंसिल और सिंडिकेट से मंजूरी देकर कुलाधिपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलते ही सत्र 2022-25 से स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों में इसे लागू कर दिया जाएगा। 

  • - सिलेबस व स्ट्रक्चर निर्माण के लिए कमेटी गठित
  • - सीबीसीएस में छात्र हर स्ट्रीम में पढ़ सकते हैं मनचाहा विषय
  • - मुख्य विषयों के साथ-साथ अपनी पसंद के विषय रख सकते छात्र
  • - कमेटी सिलेबस तैयार कर विवि को करेगी अनुशंसा
  • - 2018 से परास्नातक पाठ्यक्रमों में लागू है यह प्रणाली 
  • - 2022-25 से स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों में इसे लागू कर दिया जाएगा 

क्या है 'च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम 

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को सीबीसीएस लागू करने के लिए करीब पांच वर्ष पहले निर्देश जारी किया था। इस सिस्टम के तहत छात्र अपनी स्ट्रीम के पाठ्यक्रम की अपने मनचाहे विषयों के साथ पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें छात्र केवल अपने कालेज में पढऩे वाले विषय को ही नहीं, बल्कि विवि के दूसरे कालेजों में भी चलने वाले विषय का चयन कर वहां से पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें छात्रों का मूल्यांकन ग्रेडिंग के आधार पर होता है। इस सिस्टम के तहत साइंस स्ट्रीम के छात्र आर्ट्स व आर्ट्स स्ट्रीम के छात्र साइंस स्ट्रीम के विषय चुन सकते हैं।

10 अंकों का होता है ग्रेडिंग सिस्टम

सीबीसीएस व्यवस्था में 10 अंकों की ग्रेडिंग होती है। उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले को 10 ए ग्रेड दिए जाते हैं। यह अति उत्कृष्ट के श्रेणी में आता है। इसके बाद नौ ए, आठ बी प्लस, सात बी, चार सी, पांच पी, चार एफ एवं शून्य एबी ग्रेडिंग व्यवस्था है। नौ ए ग्रेड हासिल करने वाला बहुत अच्छा, आठ बी प्लस वाला अ'छा, सात बी वाला औसत से ऊपर, छह सी वाला औसत, पांच पी वालस पास, फेल के लिए चार एफ एवं अनुपस्थित रहने वाले के लिए शून्य एबी ग्रेड रहेगा। 


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