बगैर रजिस्ट्रेशन प्रॉपर्टी डीलर नहीं कर सकेंगे कारोबार, जानिए पूरा मामला
बिहार में अब बिना रजिस्ट्रेशन के बिल्डर और प्रोपर्टी डीलर कारोबार नहीं कर सकते हैं। रेरा थर्ड पार्टी सर्वे कराकर बिल्डरों और डेवलपरों पर शिकंजा कसेगा।
पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रॉपर्टी डीलिंग बिजनेस करने वालों को भी अब रीयल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) बिहार में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ऐसा नहीं करने वाले प्रॉपर्टी डीलर्स के खिलाफ रेरा ने शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी है। यह जानकारी रेरा के चेयरमैन अफजल अमानुल्लाह, मेंबर आर बी सिन्हा और एसके सिन्हा ने सोमवार को पत्रकारों को दी।
उन्होंने कहा कि जून तक रेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले बिल्डरों, डेवलपर्स और प्रॉपर्टी डीलरों को चिह्नित करने के लिए सर्वे कराने की तैयारी है। सर्वे के बाद अवैध रूप से रीयल इस्टेट सेक्टर में कारोबार करने वालों पर रेरा कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
बकौल अफजल अमानुल्लाह, सौ से अधिक बिल्डर्स, डेवलपर्स और प्रॉपर्टी डीलर्स के खिलाफ नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया गया है। बिल्डरों पर आरोप है कि उन्होंने रेरा में बगैर रजिस्ट्रेशन कराए परियोजनाओं का निर्माण कार्य और प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। रेरा के चेयरमैन ने लोगों से ऐसे बिल्डरों से संपत्ति खरीदने से बचने की चेतावनी भी दी है। कहा कि प्रॉपर्टी डीलर्स को रजिस्ट्रेशन कराने का फायदा यह होगा कि मार्केट में प्रॉपर्टी डीलर या कमीशन एजेंट के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ेगा।
तो पत्र लिखकर प्रतिबंधित करेगा रेरा
रेरा अवैध कारोबार करने वाले डीलरों, बिल्डर्स और डेवलपर्स पर शिकंजा कसने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस, कंपनी रजिस्ट्रार, बैंक और वित्तीय संस्थाओं को पत्र लिखकर प्रतिबंधित करेगा। यही नहीं, काली सूची में डाले गए कंपनियों का नक्शा पास नहीं करने के लिए नगर निकायों को पत्र लिखकर नक्शा पास नहीं करने का निर्देश भी देगा।
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
अगर आप प्रॉपर्टी बिजनेस करते हैं या करना चाहते हैं तो आपको रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। अथॉरिटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
क्यों जरूरी है रजिस्ट्रेशन
कानून के मुताबिक 500 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट या 8 फ्लैट्स से बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए डील करने वाले डीलर के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। यही नहीं, रीयल इस्टेट रेग्युलेटर के पास रजिस्ट्रेशन के वक्त प्रोजेक्ट डेवलपर या प्रमोटर को बताना होगा कि उसके प्रोजेक्ट को बेचने वाले रियल इस्टेट एजेंट या डीलर कौन होंगे या कोई रियल इस्टेट प्रोजेक्ट या उसका पार्ट की सेल परचेज करता है तो उसे अथॉरिटी के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद हर डील पर रजिस्ट्रेशन नंबर लिखना होगा।
यह भी देनी होगी डिटेल
रजिस्ट्रेशन के आवेदन में आपको यह भी बताना होगा कि पिछले पांच साल के दौरान उसने किन रियल इस्टेट प्रोजेक्ट की डील की और उनके प्रमोटर्स कौन थे। कानून में प्रॉपर्टी डीलरों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाले जा सकते हैं। राज्यों ने प्रोविजन किया है कि रियल इस्टेट एजेंट्स को अपने ऊपर पेंडिंग सिविल व क्रिमिनल केसों की भी डिटेल देनी होगी।