चारा घोटाला: RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की और बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानिए कैसे
चारा घोटाला के एक मामले (आरसी 47/ 1996) में लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट ने 17 जून की तिथि निर्धारित की है।
By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 10:52 PM (IST)
पटना, जेएनएन। लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले आरसी 47/ 1996 की सुनवाई अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है और मामले से जुड़े 116 आरोपियों का दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 313 का बयान दर्ज किया जा रहा है। अभी तक अदालत में चार आरोपियों के ही बयान दर्ज किए जा सके हैं।
बता दें कि बयान दर्ज करने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अदालत ने मामले से जुड़े सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट ने 17 जून की तिथि निर्धारित की है। इस बीच मामले की सुनवाई में कई तरह की तकनीकी बाधाएं पहुंची हैं।
सबसे पहली बात यह है कि आरोपियों का बयान दर्ज करने से पूर्व प्रश्नावली तैयार करने की, जो अभिलेख में चिह्नित दस्तावेजों को देखकर ही किया जा सकता है। अभिलेख में चिन्हित दस्तावेजों की संख्या 1500 से ऊपर है।
आरोपों का बयान दर्ज करते समय उससे संबंधित दस्तावेजों को उसके सामने रखकर ही सवाल पूछे जा सकते हैं। लेकिन बयान दर्ज करते समय संबंधित दस्तावेज कोर्ट में उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में बयान नहीं दर्ज किया जा रहा है।
मामले की सुनवाई में दूसरी बाधा यह है कि आरोपियों की ओर से अदालत के समक्ष सीआरपीसी की धारा 319 के तहत आवेदन दाखिल कर कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि सीबीआई के चार गवाहों को मामले में आरोपी बनाया जाए। इस आवेदन पर सीबीआई से कोर्ट में जवाब मांगा है। इसकी सुनवाई और निष्पादन होने के बाद ही आरोपियों का बयान दर्ज किया जा सकता है।
इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बाधा यह है कि मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज प्रदीप कुमार जून के आखिरी सप्ताह में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में मामले की सुनवाई जून महीने में पूरी नहीं हो सकती है। क्योंकि मामले में 116 आरोपियों का बयान दर्ज किया जाना है। इस बयान को दर्ज करने में ही कई महीने लग जाएंगे।
यह मामला डोरंडा कोषागार से 140 करोड़ की सरकारी राशि की अवैध निकासी से संबंधित है। इस मामले में बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा सहित 116 आरोपी मामले की सुनवाई का सामना कर रहे हैं। लालू प्रसाद जेल में बंद हैं।
अदालत के निर्देश पर रिम्स में इलाजरत हैं। जबकि, कई महत्वपूर्ण आरोपी पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ,पूर्व विधायक आरके राणा, प्रशासनिक पदाधिकारी फूलचंद सिंह ,महेश प्रसाद सहित अन्य अभी जेल में बंद है। इन लोगों को जेल से कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाता है।
लालू प्रसाद का रांची सिविल कोर्ट में यह अंतिम मामला है जिसमें सुनवाई जारी है। इस मामले में सीबीआई की ओर से 567 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि बयान दर्ज करने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अदालत ने मामले से जुड़े सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट ने 17 जून की तिथि निर्धारित की है। इस बीच मामले की सुनवाई में कई तरह की तकनीकी बाधाएं पहुंची हैं।
सबसे पहली बात यह है कि आरोपियों का बयान दर्ज करने से पूर्व प्रश्नावली तैयार करने की, जो अभिलेख में चिह्नित दस्तावेजों को देखकर ही किया जा सकता है। अभिलेख में चिन्हित दस्तावेजों की संख्या 1500 से ऊपर है।
आरोपों का बयान दर्ज करते समय उससे संबंधित दस्तावेजों को उसके सामने रखकर ही सवाल पूछे जा सकते हैं। लेकिन बयान दर्ज करते समय संबंधित दस्तावेज कोर्ट में उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में बयान नहीं दर्ज किया जा रहा है।
मामले की सुनवाई में दूसरी बाधा यह है कि आरोपियों की ओर से अदालत के समक्ष सीआरपीसी की धारा 319 के तहत आवेदन दाखिल कर कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि सीबीआई के चार गवाहों को मामले में आरोपी बनाया जाए। इस आवेदन पर सीबीआई से कोर्ट में जवाब मांगा है। इसकी सुनवाई और निष्पादन होने के बाद ही आरोपियों का बयान दर्ज किया जा सकता है।
इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बाधा यह है कि मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज प्रदीप कुमार जून के आखिरी सप्ताह में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में मामले की सुनवाई जून महीने में पूरी नहीं हो सकती है। क्योंकि मामले में 116 आरोपियों का बयान दर्ज किया जाना है। इस बयान को दर्ज करने में ही कई महीने लग जाएंगे।
यह मामला डोरंडा कोषागार से 140 करोड़ की सरकारी राशि की अवैध निकासी से संबंधित है। इस मामले में बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा सहित 116 आरोपी मामले की सुनवाई का सामना कर रहे हैं। लालू प्रसाद जेल में बंद हैं।
अदालत के निर्देश पर रिम्स में इलाजरत हैं। जबकि, कई महत्वपूर्ण आरोपी पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ,पूर्व विधायक आरके राणा, प्रशासनिक पदाधिकारी फूलचंद सिंह ,महेश प्रसाद सहित अन्य अभी जेल में बंद है। इन लोगों को जेल से कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाता है।
लालू प्रसाद का रांची सिविल कोर्ट में यह अंतिम मामला है जिसमें सुनवाई जारी है। इस मामले में सीबीआई की ओर से 567 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं।
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