बिहार में शराबबंदी का साइड इफेक्ट, शराब के बंदियों से जेलों में हो रही परेशानी, जानिए
बिहार में शराबबंदी के बाद जेलों में कैदियों की संख्या में बड़ा इजाफा होने के कारण जेलों में जगह की कमी हो रही है। हालांकि जितने कैदी जेल में डाले जा रहे उतने जमानत पर छूट भी रहे..
पटना [चंद्रशेखर]। राज्य में नए उत्पाद अधिनियम के लागू होने के बाद बड़ी संख्या में लोग शराब की तस्करी अथवा पीने के जुर्म में गिरफ्तार हो रहे हैं। अकेले पटना में प्रतिदिन 200 से अधिक लोगों को नए अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है। हालांकि इतनी ही संख्या में रोज विभिन्न न्यायालयों से कैदियों को जमानत भी मिल रही है। इससे जेलों में संतुलन बना हुआ है।
शराबबंदी के साथ गिरफ्तारी का आलम यह है कि अकेले आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में अभी 4,522 कैदियों में 1,955 शराबबंदी कानून के उल्लंघन के कारण जेल में बंद हैं। यह आंकड़ा 22 नवंबर का है।
सूत्रों की मानें तो पहले केवल पुरुषों को ही शराब तस्करी अथवा पीने के जुर्म में गिरफ्तार किया जा रहा था। जब पुलिसिया दबिश बढऩे लगी तो शराब तस्कर पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए महिलाओं व लड़कियों को इस धंधे में उतारने लगे हैं। पुलिस भी इनके खिलाफ सख्ती बरतने लगी है। इससे बड़ी संख्या में महिलाओं को भी शराब तस्करी में गिरफ्तार किया जाने लगा है।
परिणाम यह है कि अभी जहां बेउर जेल में 1,876 पुरुष कैदी शराब के मामले में बंद हैं तो वहीं 79 महिलाएं भी शराब तस्करी अथवा पीने के मामले में कैद हैं। कारा प्रशासन की मानें तो प्रतिदिन गिरफ्तारी के बाद अकेले बेउर जेल में 200 से अधिक लोगों को शराब तस्करी अथवा पीने के मामले में गिरफ्तार किया जा रहा है। इतने ही जमानत पर छूट भी रहे हैं। जबकि दो माह पहले के आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले शराब मामले में प्रतिदिन 2200-2300 कैदी जेल में रहते थे।
आंकड़ों में बेउर के कैदी
पुरुष कैदी - 4,330
महिला कैदी - 192
कुल कैदी - 4,522
पुरुष कैदियों की श्रेणी - संख्या
शराब मामले - 1,876
सीसीए - 01
न्यायिक बंदी - 917
सेशन बंदी - 798
साधारण कारावास - 14
सक्षम कारावास - 722
अन्य - 02
कुल - 4,330
महिला कैदी - संख्या
शराब मामले में कैद - 79
न्यायिक मामले - 45
सेशन बंदी - 41
सश्रम कारावास - 27
कुल संख्या - 192