गरीबों के आशियाना में फंसा जॉबकार्ड का पेंच
पटना। गरीबों के आशियाना इंदिरा आवास के निर्माण में मनरेगा का जॉब कार्ड बड़ी बाधा बन रह
पटना। गरीबों के आशियाना इंदिरा आवास के निर्माण में मनरेगा का जॉब कार्ड बड़ी बाधा बन रहा है। केंद्र सरकार के साफ्टवेयर में लाभार्थियों का जॉब कार्ड नंबर जब तक फीड नहीं किया जाएगा, 90 दिनों की मजदूरी के पैसे का भुगतान नहीं होगा। यह परेशानी इसलिए हो रही कि पटना जिले में मनरेगा में जॉब कार्ड के बजाय ई-शक्ति कार्ड बनाया गया है।
जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 में करीब 21 हजार और वर्ष 2015-16 में 16 हजार लोगों को इंदिरा आवास के लिए चयन कर उनका बैंक खाता नंबर सरकार को भेजा गया। इस योजना में गिट्टी, बालू व ईट की कीमत के अतिरिक्त मजदूरी के रूप में लाभार्थी को मनरेगा के नियोजन जॉब कार्ड नंबर के आधार पर 90 दिनों की मजदूरी देना है। प्रतिदिन 177 रुपये की दर से 90 दिनों में 15 हजार 930 रुपये का भुगतान जॉब कार्ड नंबर साफ्टवेयर में फीड करने के बाद होगा। भारत सरकार के साफ्टवेयर आवास साफ्टवेयर में ई-शक्ति कार्ड का ऑप्शन नहीं दिया गया है। पूरे देश में सिर्फ पटना इकलौता ऐसा जिला है, जहां मनरेगा में बिचौलियों को किनारे करने के लिए जॉब कार्ड के बजाय ई-शक्ति कार्ड का निर्माण कराया गया है।
उप-विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार के अनुसार लाभार्थियों का चयन कर बैंक खाता खोल दिया गया है। बैंक खाते में प्रथम किस्त की राशि का भुगतान किया जा रहा है। सरकार को ई-शक्ति कार्ड के कारण आ रही बाधा से अवगत करा दिया गया है। निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।