ठंड बढ़ने के साथ ही बढ़ी बीपी के मरीजों की समस्या, सेहत को बड़ा नुकसान दे सकती छोटी लापरवाही
Health Alert in Cold Weather ठंड बढ़ने के साथ व्यायाम नहीं करने तला-भुना अधिक नमक का खाना पसीना कम निकलने से बढ़ी समस्या अचानक बीपी घटने-बढ़ने से एंड्रिनल हॉर्मोन का स्राव ज्यादा होता है इससे बीपी हाई होने से ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक की बढ़ जाती आशंका
पटना, जागरण संवाददाता। उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए ठंड का मौसम काफी खतनराक साबित होता है। तला-भुना अधिक नमक युक्त खानपान की अधिकता, व्यायाम नहीं करने, पसीना नहीं निकलने के अलावा कई ऐसे कारण हैं जो रक्तचाप को अनियंत्रित कर देते हैं। यही कारण है कि शीतलहर के दौर में इस समय उच्च रक्तचाप के रोगियों में से 20 फीसद का बीपी बेकाबू है। समय पर बीपी नियंत्रित नहीं करने के कारण ही ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामलों में 25 फीसद तक की वृद्धि हो चुकी है।
सर्दी में बीपी का अनियंत्रित होना सामान्य समस्या
इंडोक्राइन के सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल न्यू गार्डिनर के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा के अनुसार सर्दी में बीपी अनियंत्रित होना एक सामान्य समस्या है। इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए एहतियात बरतना जरूरी है। समय-समय पर बीपी मापते रहन और दवाओं की शक्ति में बदलाव की भी जरूरत पड़ सकती है। सर्दी में बीपी के अचानक घटने-बढ़ने का एक अहम कारण रक्त धमनियों के सिकुड़ने से शरीर में खून की आपूर्ति करने के लिए हृदय को अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ता है।
बीपी की वजह से हार्ट फेल्योर और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
रक्त धमनियों व हृदय पर अधिक दबाव पड़ने से बीपी उच्च हो जाता है। इसके अलावा हार्ट रेट बढ़ने, हार्मोनल बदलाव, मौसम में निरंतर बदलाव, तला-भुना व अधिक नमक वाला खानपान बढ़ने, अधिक संवेदनशील होने से भी रक्तचाप बढ़ता है। अधिक गुस्सा करने पर ब्रेन में एंड्रिनल हॉर्मोन का स्राव अधिक होता है। इससे ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। वहीं, इस हॉर्मान का स्राव कम होने से बीपी लो हो जाता है। बीपी अधिक होने से हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।
कैसे करें रक्तचाप नियंत्रित
ठंड से खुद को सुरक्षित रखते हुए धूप में रहते हुए व्यायाम करें या टहलें, अधिक नमक या तला-भुना नहीं खाएं, सिगरेट और शराब के सेवन से बचें।
बीपी इन कारणों से भी बढ़ता है
हृदय की रक्त धमनियों में रुकावट, किडनी की बीमारी, मधुमेह रोगियों, स्टेरॉयड लेने से भी रक्तचाप बढ़ता है। ऊंचाई से ज्यादा वजन वालों को बीपी की समस्या ज्यादा होती है। जिनका बीपी बेकाबू होता है उनके हृदय को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे हार्ट फेल्योर की आशंका बढ़ जाती है। जटिलता बढ़ने से हार्ट अटैक हो सकता है। इसके अलावा ब्रेन हैमरेज, सिर में दर्द और माइग्रेन की भी शिकायत हो सकती है।
आइजीआइएमएस में 25 फीसद ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक के रोगी बढ़े
आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि गत सात दिन में ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक के रोगियों की संख्या 20 फीसद तक बढ़ गई है। ऐसे में जरूरी है कि उच्च रक्तचाप से पीडि़त लोग एहतियात बरतकर उसे नियंत्रित रखें।