बिहार पुलिस ने विदेशी नागरिक को बना दिया 'आतंकी', होगी कार्रवाई
बिहार की सीतामढ़ी पुलिस ने एक लेबनानी नागरिक को आतंकी बता जेल भेज दिया। फिर, उसके परिवार से 10 लाख रिश्वत मांगी। लेकिन, हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए पीडि़त को बेल दे दी।
पटना [जागरण टीम]। बिहार पुलिस का शर्मनाक चेहरा फिर सामने आया है। पुलिस ने एक लेबनानी नागरिक फदी फजल को न केवल आंतकी घोषित कर दिया, बल्कि उसे आतंकी प्रमाणित करने के लिए कई हथकंडे भी अपनाए। इतना ही नहीं, उसके परिवार से 10 लाख रुपये की रिश्वत भी मांगी। जमानत पर रिहा होने के बाद उसने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
मामला उजागर होने पर सीतामढ़ी के एसपी हरि प्रसाद एस ने नगर थाना के दारोगा विजय कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया है। अब इस संबंध में राज्य पुलिस मुख्यालय ने मुजफ्फरपुर के जोनल आइजी सुनील कुमार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
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यह है मामला
- जानकारी के अनुसार, गत 8 जुलाई 2016 को लेबनानी नागरिक फदी फदेल नेपाल घूमने के दौरान सीतामढ़ी में प्रवेश कर गया था। वहां सीतामढ़ी के मोहनपुर चौक पर उसे देख स्थानीय लोगों ने उसके संदिग्ध होने की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। नगर थानाध्यक्ष विशाल आनंद उसे बगैर वीजा भारत में आने के आरोप में जेल भेज दिया।
- मामले का अनुसंधान दारोगा विजय कुमार गुप्ता को दिया गया। उसके पास से बरामद हार्ड डिस्क में मिले एक वीडियो गेम का कैरेक्टर हथियारों के साथ दिख रहा था। पुलिस ने इसके आधार पर आरोपित को आतंकी करार दे दिया।
- अनुसंधानकर्ता दारोगा ने लेबनानी नागरिक के परिजनों के मोबाइल पर बात की। दारोगा ने उनसे रिश्वत की मांग की, जिसे रिकार्ड कर उन्होंने भारत सरकार के गृह विभाग को भेज दिया। गृह विभाग के अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सीतामढ़ी एसपी को जांच का आदेश दिया।
- एसपी ने जांच में अनुसंधानकर्ता दारोगा की कार्यशैली को संदेहास्पद पाया। उन्होंने दारोगा विजय कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया।
- पुलिस ने लेबनानी नागरिक के बैग की तलाशी के क्रम में मिले हार्ड डिस्क के आधार पर उसे आतंकवादी करार दे दिया। निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस की लापरवाही एवं उसकी मनमानी पर नाराजगी जाहित करते हुए जमानत दे दी।
- पटना हाइकोर्ट ने लेबनानी नागरिक को जबरन बंदी बनाये जाने के मामले में बिहार पुलिस के कामकाज पर तल्ख टिप्पणी की। जस्टिस डाॅ रविरंजन और जस्टिस एस कुमार की कोर्ट ने कहा कि यह कैसी नीति जिसकी आड़ में कोई भी किसी असहाय पर कानून के नाम पर अत्याचार किया जाए। अत्याचार से बचने के लिए वैसी नीति को गंगा में विसर्जित कर देने की आवश्यकता है।
- लेबनानी नागरिक फदेल फिलहाल जमानत पर बाहर है। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एसके सिंघल ने बताया कि जमानत मिलने के बाद फदी फजल ने सीतामढ़ी पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पुलिस मुख्यालय ने फदी के आरोपों को लेकर मुजफ्फरपुर के जोनल आइजी सुनील कुमार को जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, मुख्यालय ने जोनल आइजी से इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। सिंघल ने बताया कि रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले सीतामढ़ी जिला पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।