पटना के थानों में फरियाद सुनेंगे पीआरओ, सभी को मिलेगा त्वरित न्याय
पटना में अब लोगों को न्याय के लिए भटकना नहीं होगा। अब थाने में पीआरओ तैनात रहेंगे। ये तुरंत शिकायतों का समाधान कर न्याय दिलाएंगे।
पटना, जेएनएन। थानों में अपनी फरियाद लेकर पहुंचने वाले पीड़ितों को अब न्याय के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। जल्द और त्वरित न्याय के लिए पटना और नालंदा के सभी थानों में पिटिशनर रिस्पॉन्स ऑफिसर यानी पीआरओ मौजूद रहेंगे। इसके लिए सेंट्रल रेंज के डीआइजी राजेश कुमार ने दोनों जिलों के सभी थानों में नई व्यवस्था की शुरुआत की है। रविवार यानी 29 दिसंबर से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इन थानों में पीआरओ का एक नया पद होगा। अब थानों में अपनी शिकायत लेकर आने वाले लोगों को ओडी अफसर या मुंशी से नहीं मिलना होगा। उनकी शिकायत पीआरओ सुनेंगे। यह पद थानेदार खुद संभाल सकते हैं या फिर किसी एसआई या फिर एएसआई को इसकी जिम्मेदारी दे सकते हैं।
पानी पिलाने के बाद सुनेंगे फरियाद
थाने में फरियाद लेकर आने वाले लोगों को पीआरओ सबसे पहले बैठाएंगे, फिर उन्हें पानी पिलाएंगे। इसके बाद उनकी समस्या सुनेंगे। यदि कोई अपनी समस्या लिखने में असमर्थ है तो पीआरओ उनका आवेदन खुद लिखेंगे। फिर मामले की जांच के लिए पीडि़त को थाने की गाड़ी में बैठाकर उनके बताये गए स्थान पर ले जाएंगे। इसके लिए सभी थानों में एक चार चक्का वाहन और बाइक की व्यवस्था रहेगी। इसके लिए एक थाने में इस पद पर तीन लोगों को बैठाया जाएगा। ड्यूटी 8 -8 घंटे की होगी।
पीडि़त के फीडबैक से पीआरओ की होगी ग्रेडिंग
पीआरओ को उनके अच्छे काम के लिए इनाम और खराब के लिए सजा भी मिलेगी। इसके लिए उन्हें एक रजिस्टर दिया जाएगा। इसमें फरियादी उन्हें ग्रेडिंग देंगे। यानी फरियादियों की समस्याएं कितनी जल्दी और सुगमता से निपटाई गई, उस आधार पर वे लोग उस रजिस्टर में अच्छा, बहुत अच्छा और खराब तीन तरह के ऑप्शन में से कोई एक लिखेंगे। इसी आधार पर तय होगी पीआरओ की ग्रेडिंग। यही नहीं इसकी मॉनिटङ्क्षरग खुद डीआइजी करेंगे। इसके लिए वे खुद थानों में वेश बदलकर जाएंगे और पीआरओ के काम का जायजा लेंगे। इस बाबत डीआइजी राजेश कुमार ने कहा कि नई व्यवस्था से पीडि़तों की समस्याओं का जल्द समाधान जल्द होगा और उन्हें इधर-उधर चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।