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IGIMS के डॉक्टर नहीं कर सकेंगे प्राइवेट प्रैक्टिस, निजी जासूस रखेंगे नजर Patna News

आइजीआइएमएस के चिकित्सकों पर अब निजी जासूस नजर रखेंगे। इनका काम प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों की सूचना देना होगा।

By Edited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 01:53 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 08:26 AM (IST)
IGIMS के डॉक्टर नहीं कर सकेंगे प्राइवेट प्रैक्टिस, निजी जासूस रखेंगे नजर Patna News
IGIMS के डॉक्टर नहीं कर सकेंगे प्राइवेट प्रैक्टिस, निजी जासूस रखेंगे नजर Patna News
पटना, जेएनएन। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के चिकित्सकों को नॉन-प्रैक्टिस भत्ता देने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायतें मिल रही हैं। अब इसका सुबूत प्राइवेट डिटेक्टिव (निजी जासूस) जुटाएंगे। आइजीआइएमएस शासी निकाय की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इस मामले को 'दैनिक जागरण' ने बीते 29 जुलाई को 'फाइलों में बंद डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर रोक' शीर्षक से छपी खबर के माध्यम से प्रमुखता से उठाया था।


बैठक में चर्चा हुई कि प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक के बावजूद बीते साल कई लोग पकड़े गए। लेकिन अब निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की पकड़ने के लिए संस्थान की ओर से प्राइवेट डिटेक्टिव नियुक्त किए जाएंगे। ये जासूस संबंधित डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस की पूरी जानकारी सबूत के साथ देंगे। इसके बाद बोर्ड की बैठक में निर्णय लेकर ठोस कार्रवाई की जाएगी। बैठक में संस्थान में जेनेटिक लैब विकसित करने का भी निर्णय लिया गया।
नहीं बढ़ेगी डॉक्टरों की उम्र सीमा
संस्थान के चिकित्सकों की उम्र सीमा बढ़ाने को लेकर कई महीनों से चल रहे हस्ताक्षर अभियान, बैठक आदि व चर्चा पर गुरुवार को विराम लग गया। बैठक में इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। बताया गया कि संस्थान एम्स दिल्ली की नीति को अपनाता है। वहां डॉक्टरों की उम्र सीमा में बढ़ोतरी नहीं की गई। ऐसे में यहां भी उम्र सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।

कैंसर मरीजों के लिए लगेगी लीनियर एक्सीलेटर मशीन
कैंसर मरीजों के उपचार व जांच में सहायक लीनियर एक्सीलेटर मशीन संस्थान में लगाई जाएगी। इस प्रस्ताव पर शासी निकाय की बैठक में मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही इमरजेंसी में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि मशीनों को भी लगाने की हरी झंडी दे दी गई।

संस्थान में नहीं बढ़ेगी फीस
आइजीआइएमएस की इमरजेंसी, आइसीयू, एडवांस राशि जमा, प्राइवेट रूम सहित अन्य सेवाओं की राशि बढ़ाने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया। बीते वर्ष संस्थान प्रशासन की ओर से कई सुविधाओं में बीओजी के निर्णय की प्रत्याशा में राशि बढ़ा दी गई थी। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे अविलंब वापस लेने का निर्देश दिया था। मरीज हितों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, बीओजी सदस्य डॉ. अमरकांत झा अमर आदि ने इसे खारिज कर दिया।

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