एनएमसीएच में भर्ती करें 375 वार्ड ब्वॉय : प्रधान सचिव
- प्रत्यय अमृत ने अस्पताल का किया निरीक्षण वार्ड में मरीजों के साथ स्वजनों को देख जताई आपत्ति सुनीं समस्याएं - - - - - - - - - जागरण संवाददाता पटना सिटी
पटना । स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत मंगलवार को फिर कोविड अस्पताल एनएमसीएच पहुंचे। वे मेडिसिन विभाग के वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बीच भी गए। मरीजों के साथ स्वजनों को देख कड़ी आपत्ति जताई। इसके लिए सुरक्षाकर्मियों की सुस्ती, वार्ड ब्वॉय और ट्रॉलीमैन की कमी को कारण मान 375 वार्ड ब्वॉय जल्द बहाल करने का निर्देश अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह को दिया। कहा कि नर्से बहाल होते ही एनएमसीएच को भी मुहैया कराई जाएंगी।
मरीजों ने की शिकायत :
वार्ड में निरीक्षण के दौरान कुछ मरीजों एवं उनके स्वजनों ने प्रधान सचिव को कमियां गिनाई। बताया कि डॉक्टर व नर्स एक बार राउंड लगाते हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने और चालू करने के लिए वार्ड ब्वॉय नजर नहीं आते। मरीजों ने खाने की गुणवत्ता, महंगी दवाइयां अस्पताल से नहीं मिलने की बात कही। प्रधान सचिव ने मरीज से स्वजन के मिलने का समय निर्धारित करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान बीएमएसआइसीएल के एमडी प्रदीप झा, डब्लूएचओ के डॉ. सुब्रमण्यम, प्राचार्य डॉ. हीरा लाल महतो, उपाधीक्षक डॉ. गोपाल कृष्ण, डॉ. उमा शंकर प्रसाद, डॉ. अजय कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे।
वेंटिलेटर 100, संचालन को एसआर व जेआर तक नहीं :
एनएमसीएच के मेडिसिन विभाग में 72 और आइसीयू में 28 वेंटिलेटर लगे हैं। निश्चेतना विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि विभाग में सीनियर और जूनियर रेजिडेंट नहीं है। एसआर के 25 पद रिक्त हैं। स्वास्थ्य विभाग से 30 एसआर और 20 जेआर की मांग की गई है। अधिकांश डॉक्टर 50 से अधिक उम्र के हैं। केवल छह-सात डॉक्टरों के बूते वेंटिलेटर सिस्टम चल रहा है। इन्हें अपने विभाग के मरीजों के साथ मेडिसिन व अन्य विभाग में वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को देखना होता है।
आरएमआरआइ को मिल सकती है कोबास 8800 मशीन :
एनएमसीएच से निकलकर प्रधान सचिव राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आरएमआरआइ) पहुंचे। निदेशक डॉ. प्रदीप दास, नोडल पदाधिकारी डॉ. अभीक सेन व वरीय चिकित्सकों के साथ वायरोलॉजी लैब में जांच व्यवस्था एवं अस्पताल को देखा। उन्होंने कोबास-8800 मशीन उपलब्ध कराने की संभावना जताई। इससे प्रतिदिन करीब चार हजार सैंपल की जांच होगी। निदेशक ने बताया कि प्रतिदिन 2200 सैंपल की जांच हो रही है। कोबास 6800 मशीन से रोज 700 सैंपल की जांच होती है।