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NIT PATNA दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति ने कहा- तकनीकी शिक्षा में बढ़े बेटियों की भागीदारी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एनआइटी पटना के आठवें दीक्षांत समारोह में 10 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए। इस अवसर पर उन्‍होंने एनआइटी की सराहना की।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 09:42 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:25 PM (IST)
NIT PATNA दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति ने कहा- तकनीकी शिक्षा में बढ़े बेटियों की भागीदारी
NIT PATNA दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति ने कहा- तकनीकी शिक्षा में बढ़े बेटियों की भागीदारी
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), पटना के आठवें दीक्षांत समारोह में शिरकत की। उन्‍होंने संस्थान के 10 टॉपर छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए। इस अवसर पर उन्‍होंने उन्‍होंने उच्‍च शिक्षा व तकनीकी संस्‍थानों में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया इससे पहले राष्ट्रपति समस्तीपुर के पूसा स्थित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शिरकत करने गए थे।
राष्‍ट्रपति ने किया समारोह का उद्घाटन, कहा- भारत पर पूरी दुनिया की निगाह
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दीप जलाकर दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया। उनके साथ राज्‍यपाल लालजी टंडन व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार भी थे।


इस अवसर पर उन्‍होंने एनआइटी की चर्चा करते हुए कहा कि तेजस विमान के निर्माता डॉ. मानस बिहारी वर्मा यहीं से पढ़े थे। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यहीं से शिक्षा ली है। उन्‍होंने उच्‍च शिक्षा व तकनीकी संस्‍थानों में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया तथा इंजीनियरों से कहा कि वे कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि तकनीकी एवं वैज्ञानिक संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज हमें 'मिसाइल वुमन' के नाम से जानी जाने वाली डाॅ. टेसी थॉमस जैसी महिला टेक्नोलॉजी लीडर्स की जरूरत है।
एनआइटी-पटना के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां आठ गोल्ड मेडल पाने वालों में सिर्फ एक गोल्ड मेडल बेटी को मिला है। एनआइटी में आज ग्रेजुएट हो रहे 733 विद्यार्थियों में से केवल 96, यानि लगभग 13 प्रतिशत ही लड़कियां हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी लड़कियों का एकेडमिक परफॉरमेंस बहुत प्रभावशाली है, लेकिन टेक्नीकल इंस्टीट्यूट्स में हमें उनकी संख्‍या अनिवार्य रूप से बढ़ानी होगी।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसी परिसर में अपनी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने केंद्र सरकार के मंत्री और बाद में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश को महत्वपूर्ण योगदान दिया। परमाणु ऊर्जा विभाग के पूर्व निदेशक रत्न कुमार सिन्हा और तेजस प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने भी यहीं से शिक्षा प्राप्त की है।

रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत सरकार देश के पूर्वी प्रदेशों के विकास के लिए विशेष प्रतिबद्ध है। डिजिटल अर्थव्यवस्था और चौथी औद्योगिक क्रांति में पटना को औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि टेक्नोलॉजी लीडर्स और इनोवेटर्स के नेतृत्व में यहां के युवा मॉडर्न इन्‍फ्रास्ट्रक्चर जैसे अच्छी सड़क, आधुनिक फ्लाइओवर, आइटी और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सफलता हासिल करेंगे। आज दुनिया में वही देश प्रगति कर रहे हैं जो इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दे रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, बिग डाटा एनेलिटिक्स, मशीन लर्निंग, बायोटेक और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में हो रहे बदलाव इंजीनियरिंग के पारंपरिक तरीकों को चुनौती दे रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि कि एनआइटी-पटना का शोध कार्य बिहार और देश की विभिन्न समस्याओं का समाधान निकालने में सहायक होना चाहिए। आज पूरी दुनिया की निगाह भारत पर है। भारत अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
राज्‍यपाल बोले: युवाओं को अच्‍छी तालीम से आगे बढ़ेगा मुल्‍क
राज्यपाल लालजी टंडन ने एनआइटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ाते हुए नए भारत की दहलीज पर खड़ा है। नए भारत का निर्माण करने वालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी नाम दर्ज होगा। उन्होंने बिहार को शिक्षा एवं आर्थिक क्षेत्र में ऊंचाई तक ले जाने का काम किया है।
लालजी टंडन ने कहा कि युवा भविष्य के कर्णधार हैं। देश में 65 प्रतिशत की आबादी युवाओं की है। इन्हें अच्छी तालीम मिलेगी तो मुल्क बहुत आगे जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत, कौशल विकास, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप जैसे कार्यक्रम चलाए हैं। राज्य सरकार भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर पूरा ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पर बिहार का अधिक हक है। यहां वे राज्यपाल रह चुके हैं। बिहार हमेशा से शिक्षा को महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। तीन प्राचीन विश्वविद्यालयों में से दो- नालंदा एवं विक्रमशिला, बिहार में ही थे। महात्मा गांधी ने बिहार से ही अपना सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया। वीर कुंवर सिंह बिहार के ही सपूत थे। मौलाना मजहरूल हक और राजेंद्र प्रसाद ने इसी धरती पर जन्म लिया था।

मुख्‍यमंत्री ने कहा: बापू की बातों को अपना लें तो बदल जाए समाज
समारोह को संबाेधित करते हुए मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वायजेयी की सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्‍होंने पटना के बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एनआइटी में अपग्रड कराने की पहल की थी। इसमें तब के शिक्षा मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने सहयोग किया। मुख्‍यमंत्री ने बताया कि वे भी इसी कॉलेज से पढ़े हैं।
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेजों की कमी थी। यहां के छात्र बाहर पढ़ने चले जाते थे। इसलिए निर्णय लिया कि हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्‍थापना होगी।

नीतीश कुमार ने कहा कि प्रारंभ से ही इस संस्थान का राष्ट्रीय स्वरूप रहा है। इस कालेज में उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर एवं नॉर्थ-ईस्ट का कोटा था। पहले यहां 500 विद्यार्थी पढ़ते थे, आज तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एनआइटी-पटना का 125 एकड़ में बिहटा कैंपस बन रहा है, जिसके लिए पहले 100 करोड़ और बाद में 150 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यहां छह हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर सकेंगे। प्रदेश में उच्च शिक्षा में कुल नामांकन दर 13.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिशत है। इस गैप को दूर करने के लिए हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज बन रहे हैं। कई अन्य शिक्षण संस्थान स्थापित हुए हैं। भागलपुर में आइआइआइटी की स्थापना हो रही है।
मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को दिलाई गई शपथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि गांधी जी के बोल थे- 'विवेक के बिना ज्ञान नहीं हो।' यह शपथ विद्यार्थियों को इस बात का भी एहसास कराएगा। उन्होंने कहा कि बापू की बातों को अगर  हम 10 प्रतिशत भी अपना लें तो पूरा समाज बदल जाएगा।
10 में आठ टॉपर्स को दिए गोल्‍ड मेडल
राष्ट्रपति गुरुवार को अपराह्न 4:00 बजे समारोह में पहुंचे। राष्ट्रपति ने गोल्‍ड मेडल के लिए चुने गए 10 टॉपर्स में से आठ को गोल्ड मेडल प्रदान किए। बतौर मुख्‍य अतिथि समारोह में शिरकत करने के बाद वे सायं 5:00 बजे प्रस्थान कर गए। राष्ट्रपति के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यपाल लालजी टंडन तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे।
गोल्‍ड मेडल के लिए चुने गए 10 टॉपर्स, एक नजर
राष्ट्रपति 10 छात्र- छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए। इनमें बीटेक और बी-आर्किटेक्ट के 537 छात्र-छात्राएं, मास्टर डिग्री के 182 तथा पीएचडी  के 17 छात्र-छात्राएं शामिल रहे। राष्ट्रपति एक पीजी तथा एक यूजी के ओवरऑल टॉपर के साथ-साथ आठ अन्य टॉपरों को भी गोल्ड मेडल प्रदान किए।

इन्हें राष्ट्रपति दिए गोल्ड मेडल 
- प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल (ओवरऑल टॉपर इन पोस्ट ग्रेजुएट):अमित कुमार चौधरी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल (ओवरऑल टॉपर इन अंडरग्रेजुएट):चितरंजन कुमार झा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग
पोस्ट-ग्रेजुएट 
- पीयूष कुमार सिंह, सिविल इंजीनियरिंग
- दैवमदिन्नी मनोहर रेड्डी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
- अमित कुमार चौधरी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग
अंडरग्रेजुएट 
- आकांक्षा सचदेवा, सिविल इंजीनियरिंग
- शिवांश सिंह, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
- कुमार पीयूष, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
- विशाल वर्मा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- चितरंजन कुमार झा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग
इन्हें मिलेगा सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस 
पोस्‍ट ग्रेजुएट
- कमलजीत, आर्किटेक्चर
- ममता, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
- अभिनीत प्रकाश, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- रौनक जैन, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
- राखी शर्मा, मैथेमेटिक्स
अंडर ग्रेजुएट
- ऋषभ कुमार, आर्किटेक्चर
- शुभम राणा, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
- बेस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट (10,001 रुपये तथा एप्रीशिएशन लेटर)
- रविशंकर राजन, मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- रुमिता धर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
- केएन एंड अर्जुन रहतोगी गोल्ड मेडल: आकांक्षा सचदेवा, सिविल इंजीनियरिंग
- बीसीई एनआइटीपी एलुमिनी मेडल: ओवरऑल यूजी टॉपर छात्रा : आकांक्षा सचदेवा, सिविल इंजीनियरिंग

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