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राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार पटना आये रामनाथ कोविंद, कही ये बात

राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद पहली बार बिहार आये। यहां उन्‍होंने बिहार के तीसरे कृषि रोड मैप का उद्घाटन किया। कहा कि बिहार से ही दूसरी हरित क्रांति शुरू होगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 09 Nov 2017 08:31 AM (IST)Updated: Thu, 09 Nov 2017 10:46 PM (IST)
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार पटना आये रामनाथ कोविंद, कही ये बात
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार पटना आये रामनाथ कोविंद, कही ये बात

पटना [राज्य ब्यूरो]। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार बिहार आये। वे यहां करीब पांच घंटे रूके। बिहार में कृषि विकास की अपार संभावनाएं बताई और कहा कि जल प्रबंधन के लिए सही प्रयास किया गया तो अगली हरित क्रांति का गौरव इस धरती को मिल सकता है। राज्य में पर्याप्त पानी, ऊर्वर भूमि और मेहनती लोग हैं।

पटना के ज्ञान भवन में गुरुवार को तीसरे कृषि रोडमैप के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कोविंद ने बिहार के राज्यपाल के रूप में अपने दो साल के अहसास को सुखद बताया। राष्ट्रपति ने इस दौरान कृषि से संबंधित नौ विभिन्न योजनाओं की बुनियाद रखी। इनमें चार जल प्रबंधन से जुड़ी हैं।

परंपरागत जलस्रोतों को रिचार्ज करने की जरूरत बताते हुए राष्ट्रपति ने आहर एवं पईन प्रणाली को फिर से सक्रिय करने की सलाह दी। बाढ़-सुखाड़ की स्थितियों से बिहार की हिफाजत के लिए उन्होंने केंद्र एवं राज्य में समन्वय पर जोर दिया और कहा कि इससे आपदा के असर को कम करने में मदद मिल सकती है।

गंगा की अविरलता और निर्मलता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्टैंड का समर्थन करते हुए कोविंद ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बिहार में इस दिशा में काम किया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने की जरूरतों पर फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में मछली पालन उद्योग की संभावना है। किशनगंज में बिहार मत्स्य महाविद्यालय की शुरुआत की गई है।

बिहार की बेहतर छवि की अपेक्षा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य के बाहर इसे सही रूप में बताने और निखारने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए। राष्ट्र निर्माण में यहां की श्रम शक्ति का बड़ा योगदान है। दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों के विकास में बिहारी प्रतिभा एवं परिश्रम की अनदेखी नहीं की जा सकती है। विदेशों में भी बड़ी संख्या में बिहार के लोग विभिन्न क्षेत्रों में कामयाब हैं। नए कृषि रोडमैप से भी बिहार की छवि को निखारने में मदद मिलेगी।

नवनिर्मित ज्ञान भवन की स्मृति को राष्ट्रपति ने भगवान बुद्ध और महावीर के ज्ञान से जोड़ा और कहा कि राजभवन से राष्ट्रपति भवन की दूरी तय करने का गौरव उन्हें इसी धरती से मिला। चंपारण सत्याग्र्रह के शताब्दी वर्ष समारोह का उल्लेख करते हुए कोविंद ने कहा कि आंदोलन किसानों पर केंद्रित था। इसलिए कृषि रोडमैप को शुरू करने का यह बेहतर मौका है।

महात्मा गांधी ने भी किसानों को राष्ट्र निर्माता बताया था। समारोह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने भी संबोधित किया। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
 

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