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रग्बी फुटबॉल में परचम लहराने की तैयारी

पिछली चूकों को सुधारने और मेडल जीतने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

By Edited By: Published: Mon, 01 Aug 2016 01:33 AM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2016 01:33 AM (IST)
रग्बी फुटबॉल में परचम लहराने की तैयारी

पटना । पिछली चूकों को सुधारने और मेडल जीतने की तैयारी शुरू हो चुकी है। पाटलिपुत्र खेल परिसर में रग्बी फुटबॉल के खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में परचम लहराने के लिए जमकर पसीना बहा रहे है। 27 जून से खेल परिसर में रग्बी खिलाड़ियों का प्रशिक्षण कैंप लगा हुआ है। सर्विसेज के प्रशिक्षक संदील कुमार की देखरेख में खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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- पांच से शुरू होगा मुकाबला

पांच जुलाई से राष्ट्रीय सीनियर रग्बी फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन पाटलिपुत्र खेल परिसर में होगा, जिसमें देश की कुल 22 टीमें पुरुष वर्ग में हिस्सा लेंगी। वहीं महिला वर्ग में 12 टीमें ही भाग लेंगी। पिछले वर्ष सीनियर राष्ट्रीय रग्बी प्रतियोगिता की मेजबानी बिहार को ही मिली थी।

- बिहार की महिला टीम से पदक की उम्मीद

बिहार महिला रग्बी टीम में चार राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी खेल रही हैं। श्वेता शाही, पुतुल कुमारी, उषा कुमारी और छोटी कुमारी, जो भारतीय टीम से भी खेल चुकी है। इनसे इस बार राज्य को पदक की उम्मीद है। हालांकि पिछली बार श्वेता शाही के चोटिल हो जाने से टीम कमजोर हो गई थी और उसे चौथा स्थान प्राप्त हुआ था। इस बार अगर सबकुछ ठीक रहा तो पदक मिलना तय है। हालांकि महिलाओं के आगे इस बार सबसे कड़ी चुनौती गत चैंपियन ओडिसा की टीम से मिलेगी। इसके अलावा पश्चिम बंगाल और मुंबई को भी पछाड़ना पड़ेगा। तब चैंपियन का ताज बिहार को मिल सकता है।

- हरियाणा का दिखेगा जलवा

पुरुष टीम में हरियाणा के टीम का कोई जोड़ नहीं पिछली बार चैंपियन रही इस टीम ने पश्चिम बंगाल को फाइनल में हराया था। वहीं सबसे बेहतरीन मानी जाने वाली सर्विसेज की टीम को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। वहीं ओडिसा को चौथा स्थान प्राप्त हुआ था। बिहार टीम को इसमें 10वां स्थान मिला था। इस बार सर्विसेज भी अपनी भूल सुधारने के लिए बीते एक महीने से बीआरसी दानापुर में अभ्यास कर रही है।

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दम दिखाने को तैयार

टीम पूरी तरह मैच के लिए तैयार है। बिहार महिला टीम की गिनती देश अच्छे टीमों में होती है। पुरुष टीम का भी प्रदर्शन सुधरा है। टीम औसत है। हालांकि इन्हें अभ्यास का और समय मिला होता, तो यह पदक जरूर जीतते। महिला टीम से उम्मीद है क्योंकि उसमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जो भारतीय कैंप की हिस्सा रही हैं।

-संदील कुमार, सर्विसेज के प्रशिक्षक

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मन लगाकर तैयारी कर रहे हैं, इस बार टीम को पदक दिलाने की पूरी कोशिश होगी। मैच पूर्व प्रशिक्षण कैंप का पूरा लाभ मिल रहा है।

- प्रवेश कुमार गुप्ता, खिलाड़ी

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द्वितीय सीनियर नेशनल टीम में खेलने का मौका मिल रहा है। यह मेरे लिए बड़ी बात है कि मैं इस बार टीम का हिस्सा बना। इस बार टीम को पदक दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे।

- देवव्रत राणा, खिलाड़ी

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मेरा चयन भारतीय कैंप में भी हुआ था। बेहतर प्रशिक्षण मिलने की वजह से टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पिछली बार एक खिलाड़ी के चोटिल हो जाने से मेडल नहीं मिल पाया था। इस बार उम्मीद है कि पदक बिहार को हीं मिलेगा।

- पुतुल कुमारी, खिलाड़ी

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28 से प्रशिक्षण कैंप लगा है। सर्विसेज के प्रशिक्षक से बेहतर प्रशिक्षण मिल रहा है। कैंप कुछ दिन और पहले लगा रहता तो और बेहतर होता।

- उषा कुमारी, खिलाड़ी

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पिछली बार मैच के दौरान मेरे पैर में फ्रैक्चर हो गया था, जिससे मैं टीम से बाहर हो गई थी और मेरी टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस बार दुर्घटना नहीं हुई तो हमारी टीम पदक जरूर जीतेगी।

- श्वेता शाही, खिलाड़ी

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