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पीएमसीएच में हजार रुपये में कोरोना जांच की तैयारी

पीएमसीएच में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विवि (केजीएमयू) की तर्ज पर हजार रुपये से कम में कोरोना जांच की तैयारी की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 01:21 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:16 AM (IST)
पीएमसीएच में हजार रुपये में कोरोना जांच की तैयारी
पीएमसीएच में हजार रुपये में कोरोना जांच की तैयारी

पटना। पीएमसीएच में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विवि (केजीएमयू) की तर्ज पर हजार रुपये से कम में कोरोना जांच की सुविधा जल्द शुरू हो सकती है। पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में एक कंपनी लखनऊ में कोरोना की सबसे विश्वसनीय आरटीपीसीआर (रियल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) विधि से जांच कर रही है। इसके लिए सरकार को सिर्फ लैब स्थापित करने के लिए जगह और हर दिन 300 से अधिक नमूने मुहैया कराने होंगे। पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. बिमल कारक ने केजीएमयू प्रशासन और कंपनी से बात करने के बाद स्वास्थ्य सचिव व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को इस बाबत पत्र लिखेंगे।

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नहीं करना पड़ेगा इंतजार :

दक्षिण कोरिया की माइक्रो बायोमेड कंपनी अत्याधुनिक आरटीपीसीआर पोर्टेबल मशीन से गंभीर रोगियों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मशीन आरएनए एक्सट्रैक्शन आदि करते हुए महज दो घंटे में 50 से अधिक सैंपल की जांच कर सकती है। अभी इस विधि से जांच में न्यूनतम छह घंटे का समय लगता है।

पांच हजार खर्च हो रहे सरकार के : प्रदेश में सरकार आरटीपीसीआर और ट्रूनैट विधि से जांच करवा रही है। आरटीपीसीआर में इस्तेमाल होने वाली रीजेंट किट की कीमत ही ढाई से साढ़े चार हजार रुपये है। वहीं ट्रूनैट का रीजेंट 1250 रुपये का है, लेकिन पॉजिटिव आने पर दोबारा जांच करने पर यह दो गुना हो जाता है। इसके अलावा तकनीशियन, पीपीई किट और मशीन स्थापित करने व मेंटेनेंस का खर्च अलग से। आरपीटपीसीआर मशीन का सेटअप बनाने में पांच करोड़ का खर्च आता है।

निजी लैब ढाई हजार ले रहीं :

राजधानी में वर्तमान में चार निजी लैब में कोरोना की जांच हो रही है। इसके लिए वे ढाई हजार रुपये लेते हैं। पटना की दो लैब एक दिन और दिल्ली में जांच कराने वाली दो लैब तीन दिन में रिपोर्ट दे रही हैं।

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कोट---

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विवि से इस मॉडल को समझकर स्वास्थ्य विभाग से पीपीपी मॉडल में कोरोना जांच शुरू कराने के लिए पत्र लिखेंगे। आरटीपीसीआर विधि से हर सैंपल की जांच का यह शुल्क अभी आ रहे खर्च से काफी कम है।

-डॉ. बिमल कारक, अधीक्षक पीएमसीएच - लखनऊ के केजीएमयू की तर्ज पर पीपीपी मोड में जांच को पीएमसीएच अधीक्षक विभाग को लिखेंगे पत्र

- सरकार को जगह व हर दिन देने होंगे न्यूनतम 300 नमूने, अधिक सैंपल हुए तो और कम होगा शुल्क


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