प्रशांत किशोर JDU में शामिल, CM नीतीश ने दिया मंत्रिमंडल विस्तार का संकेत
पटना में लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा तथा सीट शेयरिंग पर विमर्श को लेकर जदयू की अहम बैठक हुई। बैठक की खास बात रही कि इसमें प्रशांत किशोर पार्टी में शामिल हुए।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 09:37 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 08:20 PM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। जदयू की राज्य कार्यकारिणी की पटना में हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी में उनका स्वागत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार ने 'भविष्य' बताया है। बताया जाता है कि बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर पार्टी का भाजपा से सम्मानजनक समझौता हो चुका है, केवल घोषणा बाकी है। बताया जाता है कि बैठक में मुख्यमंत्री ने अगले महीने तक मंत्रिमंडल विस्तार का भी संकेत दिया।
उधर, प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री से बिहार में सियासी हलचल भी बढ़ गई है। आगामी लोकसभा चुनाव में उनके जदयू प्रत्याशी बनने के कयास लगाए जा रहे हैं। उधर, पक्ष-विपक्ष के राजनेताओं ने उनके जदयू में शामिल होने पर प्रतिक्रियाएं दी हैं।
खुद ट्वीट कर दी जानकारी
इसके पहले प्रशांत किशोर ने राजनीति में एंट्री का ऐलान कर दिया था। प्रशांत किशोर ने रविवार को बैठक के पहले ट्वीट कर खुद इस बात की तस्दीक कर दी थी कि वह अब वे पूरी तरह से राजनीति में आ गये हैं। उन्होंने कहा था कि वे बिहार से नई यात्रा शुरू करने के लिए काफी उत्साहित हैं।
जदयू की बैठक में शामिल होने के लिए वे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वहां बैठक में उनके पार्टी में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उनसे हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया। बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेता उपस्थित रहे।
लंबे समय से चल रही अटकलबाजी पर विराम
प्रशांत किशोर के राजनीति में आने की अटकलें लंबे समय से चल रहीं थीं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन तथा 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काम किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव को 'मोदी लहर' में बदलने तथा 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद विपक्षी महागठबंधन को जीत दिनाले का श्रेय उन्हें ही दिया जाता रहा है। प्रशांत किशोर को महागठबंधन की नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।
अब लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास शुरू
मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के निवासी प्रशांत किशोर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं। चुनावी रणनीतिकार बनने के पहले उन्होंने यूनिसेट की ब्रांडिंग टीम में काम किया था। ठीक आम चुनाव के पहले उनकी जदयू में एंट्री से यह कयास भी तेज हो गई है कि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारेगी। हालांकि, जदयू या प्रशांत किशोर ने इस बाबत कुछ नहीं कहा है।
राजनीतिक बयानों का सिलसिला शुरू
प्रशांत किशोर के जदयू में शामिल होने का पार्टी नेताओं ने स्वागत किया है। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि उनके आने से दल को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया।
उनके जदयू में शामिल होने का भाजपा ने भी स्वागत किया। भाजपा नेता व मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि प्रशांत किशोर जैसे अनुभवी लोगों के आने से राजग को फायदा होगा। इससे राजग और मजबूत होगा।
दूसरी ओर राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर ने कहा कि हर आदमी नेता बन सकता है, लेकिन अब प्रशांत किशोर को पता चल जाएगा कि राजनीति क्या चीज है। कहा कि प्रशांत खुद फ्लॉप हैं और अब डूबती नाव में सवार हो गए हैं। वे नीतीश कुमार को हारने से नही बचा सकते हैं। 2015 के चुनाव में लालू प्रसाद यादव के वोट पर प्रशांत को कामयाबी मिली थी। बाद में उत्तर प्रदेश जाकर प्रशांत ने खुद को आजमा लिया है।
राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी कहा कि एक क्या सौ प्रशांत भी जदयू की डूबती नाव को किनारे नही लगा सकते हैं। उधर, पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि प्रशांत किशोर के जदयू में शामिल होने से राजद की नही, भाजपा की परेशानी बढ़ेगी।
भाजपा से सम्मानजनक समझौता की हुई बात
इस बीच जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में चिह्नित सीटों के संबंध में वरिष्ठ नेताओं से फीडबैक लिया गया। राजग के अंदर तालमेल में पार्टी को कितनी सीटें मिलनी चाहिए, इस पर भी चर्चा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि सीट शेयरिंग पर भाजपा के साथ पार्टी का सम्मानजनक समझौता हो गया है, केवल घोषणा बाकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से कहा कि वे निश्चित रहें, इस मोर्चे पर कहीं कोई दिक्कत नहीं है। बीते 12 जुलाई को नीतीश कुमार की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद जदयू की यह पहली बड़ी बैठक रही।
मुख्यमंत्री ने दिया मंत्रिमंडल विस्तार का संकेत
मुख्यमंत्री ने अगले महीने तक मंत्रिमंडल विस्तार का भी संकेत दिया। बताया जाता है कि उन्होंने उन्होंने दुर्गा पूजा के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार की बात कही। उन्होंने कहा कि दशहरा बाद विभिन्न बोर्डों, निगमों एवं आयोगों में रिक्त पद भी भरे जाएंगे।
विदित हो कि महागठबंधन से नाता तोडऩे के पश्चात भाजपा के साथ मिलकर जो सरकार बनी उसकी कैबिनेट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित 29 मंत्री थे। पिछले दिनों समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे के पश्चात मंत्रियों की संख्या 28 रह गई है, जबकि 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल के विस्तार के क्रम में आठ और मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल जदयू से मुख्यमंत्री सहित 15 मंत्री हैं, जबकि भाजपा से उपमुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री हैं। संभव है कि मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में प्रशांत किशोर को जगह मिले।
उधर, प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री से बिहार में सियासी हलचल भी बढ़ गई है। आगामी लोकसभा चुनाव में उनके जदयू प्रत्याशी बनने के कयास लगाए जा रहे हैं। उधर, पक्ष-विपक्ष के राजनेताओं ने उनके जदयू में शामिल होने पर प्रतिक्रियाएं दी हैं।
खुद ट्वीट कर दी जानकारी
इसके पहले प्रशांत किशोर ने राजनीति में एंट्री का ऐलान कर दिया था। प्रशांत किशोर ने रविवार को बैठक के पहले ट्वीट कर खुद इस बात की तस्दीक कर दी थी कि वह अब वे पूरी तरह से राजनीति में आ गये हैं। उन्होंने कहा था कि वे बिहार से नई यात्रा शुरू करने के लिए काफी उत्साहित हैं।
जदयू की बैठक में शामिल होने के लिए वे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वहां बैठक में उनके पार्टी में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उनसे हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया। बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेता उपस्थित रहे।
लंबे समय से चल रही अटकलबाजी पर विराम
प्रशांत किशोर के राजनीति में आने की अटकलें लंबे समय से चल रहीं थीं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन तथा 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काम किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव को 'मोदी लहर' में बदलने तथा 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद विपक्षी महागठबंधन को जीत दिनाले का श्रेय उन्हें ही दिया जाता रहा है। प्रशांत किशोर को महागठबंधन की नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।
अब लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास शुरू
मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के निवासी प्रशांत किशोर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं। चुनावी रणनीतिकार बनने के पहले उन्होंने यूनिसेट की ब्रांडिंग टीम में काम किया था। ठीक आम चुनाव के पहले उनकी जदयू में एंट्री से यह कयास भी तेज हो गई है कि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारेगी। हालांकि, जदयू या प्रशांत किशोर ने इस बाबत कुछ नहीं कहा है।
राजनीतिक बयानों का सिलसिला शुरू
प्रशांत किशोर के जदयू में शामिल होने का पार्टी नेताओं ने स्वागत किया है। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि उनके आने से दल को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया।
उनके जदयू में शामिल होने का भाजपा ने भी स्वागत किया। भाजपा नेता व मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि प्रशांत किशोर जैसे अनुभवी लोगों के आने से राजग को फायदा होगा। इससे राजग और मजबूत होगा।
दूसरी ओर राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर ने कहा कि हर आदमी नेता बन सकता है, लेकिन अब प्रशांत किशोर को पता चल जाएगा कि राजनीति क्या चीज है। कहा कि प्रशांत खुद फ्लॉप हैं और अब डूबती नाव में सवार हो गए हैं। वे नीतीश कुमार को हारने से नही बचा सकते हैं। 2015 के चुनाव में लालू प्रसाद यादव के वोट पर प्रशांत को कामयाबी मिली थी। बाद में उत्तर प्रदेश जाकर प्रशांत ने खुद को आजमा लिया है।
राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी कहा कि एक क्या सौ प्रशांत भी जदयू की डूबती नाव को किनारे नही लगा सकते हैं। उधर, पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि प्रशांत किशोर के जदयू में शामिल होने से राजद की नही, भाजपा की परेशानी बढ़ेगी।
भाजपा से सम्मानजनक समझौता की हुई बात
इस बीच जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में चिह्नित सीटों के संबंध में वरिष्ठ नेताओं से फीडबैक लिया गया। राजग के अंदर तालमेल में पार्टी को कितनी सीटें मिलनी चाहिए, इस पर भी चर्चा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि सीट शेयरिंग पर भाजपा के साथ पार्टी का सम्मानजनक समझौता हो गया है, केवल घोषणा बाकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से कहा कि वे निश्चित रहें, इस मोर्चे पर कहीं कोई दिक्कत नहीं है। बीते 12 जुलाई को नीतीश कुमार की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद जदयू की यह पहली बड़ी बैठक रही।
मुख्यमंत्री ने दिया मंत्रिमंडल विस्तार का संकेत
मुख्यमंत्री ने अगले महीने तक मंत्रिमंडल विस्तार का भी संकेत दिया। बताया जाता है कि उन्होंने उन्होंने दुर्गा पूजा के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार की बात कही। उन्होंने कहा कि दशहरा बाद विभिन्न बोर्डों, निगमों एवं आयोगों में रिक्त पद भी भरे जाएंगे।
विदित हो कि महागठबंधन से नाता तोडऩे के पश्चात भाजपा के साथ मिलकर जो सरकार बनी उसकी कैबिनेट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित 29 मंत्री थे। पिछले दिनों समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे के पश्चात मंत्रियों की संख्या 28 रह गई है, जबकि 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल के विस्तार के क्रम में आठ और मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल जदयू से मुख्यमंत्री सहित 15 मंत्री हैं, जबकि भाजपा से उपमुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री हैं। संभव है कि मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में प्रशांत किशोर को जगह मिले।
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