पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में स्नातक के लिए कोटा आधारित नामांकन 16 सितंबर से Patna News
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) के सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ बैठक में कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल ने नए सत्र के लिए कई अहम फैसले लिए।
पटना, जेएनएन। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) के सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक शुक्रवार को मुख्यालय में कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें कुलपति ने निर्देश दिया कि यूजी प्रथम वर्ष (कला, वाणिज्य एवं विज्ञान) में कोटा आधारित नामाकन के लिए ट्रायल कराकर 16 से 21 सितंबर पर एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर लें।
विषयवार रिक्तियों की संख्या विश्वविद्यालय को अनिवार्य रूप से भेजनी है। रिक्तियों पर विश्वविद्यालय की नामांकन समिति विचार कर आगे की रणनीति तय करेगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन की नई नामांकन प्रक्रिया के कारण छात्रों को थोड़ी परेशानी हुई है। धीरे-धीरे सिस्टम के अनुकूल हो जाएंगे। प्रतिकुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि नामांकन उन्हीं बच्चों का होना चाहिए, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन दिया है।
डोनर, एनसीसी, एनएसएस, फाइन आर्ट, खेलकूद, एक्स-आर्मी मैन आदि संवर्ग में पारदर्शी तरीके से मेधा के आधार पर ट्रायल के माध्यम से ही नामांकन होगा।
सभी कॉलेज टाइम टेबल भेजें
कुलपति ने कहा कि राजभवन के निर्देश पर हेड पोस्ट (हायर एजुकेशन पोस्ट) नियमित अपलोड किया जाता है। इसलिए सभी प्राचार्य महाविद्यालय का टाइम टेबल भेज दें। इससे यह भी पता चलेगा कि कितनी कक्षाएं चल रहीं हैं और कितनी नहीं। विश्वविद्यालय में यूएमआइएस (यूनिवर्सिटी मैंनेजमेंट इंफॉरमेशन सिस्टम) प्रक्रिया चल रही है जो राजभवन और सरकार के निर्देशों पर लागू की गई है।
पीएचडी की रिक्त सीटों का जल्द दें ब्योरा
कुलसचिव कर्नल आइए खान ने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात एवं पीएचडी की रिक्त सीटों का ब्योरा मांगा गया था। इसे जल्द उपलब्ध कराएं। इसके आधार पर विश्वविद्यालय प्रबंधन आगे का निर्णय लेगा। सीसीडीसी डॉ. तनुजा ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति संवर्ग से संबंधित जानकारी बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग को देनी है। इसे भी सभी कॉलेज उपलब्ध नहीं करा सके हैं। इसके आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। :
तरंग-2019 में मेडल जीतने वाले का हो चयन
कुलपति ने कहा कि 'तरंग-2019' के आयोजन की जिम्मेदारी इस साल राजभवन ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को सौंपी है। इसमें राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की टीमें शामिल होंगी। महाविद्यालय एनएसएस एवं एनसीसी के माध्यम से कुछ गावों को गोद लेकर बच्चों को पढ़ाने का काम प्रारंभ करें।
डिजिटल पहल के लिए बनाएं नोडल पदाधिकारी
डिजिटल पहल के लिए सभी कॉलेजों में एक कंप्यूटर शिक्षक को नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा। यह स्वयं, डीटीएच स्वयंप्रभा, मूक, फॉस्सी, स्पोकेन इंगलिश आदि के ऑनलाइन डिस्प्ले से संबंधित कार्यक्रमों को बच्चों तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। विश्वविद्यालय में अतिशीघ्र एक स्टूडियो बनेगा। उसके माध्यम से सभी कार्यक्रमों को दिखाया जाएगा। स्किल इंडिया, एकलव्य, एनएसएस से अधिक से अधिक छात्रों को जोड़ने का निर्णय लिया गया।