असली और नकली JDU में छिड़ी लड़ाई, सड़क पर दिखा पोस्टर वार
पटना में शनिवार को असली और नकली जदयू का फैसला होने वाला है, ये हम नहीं पटना में चिपकाए गए पोस्टर कह रहे हैं। एक पोस्टर शरद यादव के जदयू का तो दूसरा नीतीश के जदयू का है।
पटना [जेएनएन]। बिहार में अब असली और नकली जेडीयू की लड़ाई शुरू हो गई है। इसका नजारा पटना की सड़कों पर दिख रहा है। एक ओर शरद यादव समर्थकों के पोस्टर लगे हैं, जिनपर लिखा है, ''जन अदालत का फैसला, महागठबंधन जारी है।'' वहीं इन पोस्टरों के बगल में ही नीतीश कुमार के पोस्टर लगे हैं, जिनपर जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की बातें लिखी हुई हैं।
दरअसल, शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निवास स्थान एक अणे मार्ग पर जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। दूसरी ओर पार्टी से नाराज चल रहे शरद यादव ने भी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में अलग बैठक किया। इस बैठक में नीतीश के भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने से नाराज जदयू के लोग जुटे थे।।
दोनों गुट अपने को असली और दूसरे को नकली जदयू बता रहे हैं। शनिवार की बैठक से पहले पटना की सड़कों पर दोनों गुट की ओर से पोस्टर वार का नजारा दिखा ।
गौरतलब है कि जदयू ने नाराज चल रहे शरद यादव को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आने का न्योता दिया है। नहीं आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होने की बात कही जा रही थी लेकिन फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वहीं शनिवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फिर से एनडीए में शामिल होने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इस दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज को लेकर भी चर्चा हुई।
दूसरी ओर जदयू प्रवक्ता नीरज ने कहा कि शरद यादव की उम्र हो गई है। उन्हें अब राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए। शरद जदयू को सरकारी पार्टी और अपने गुट को असली बताते हैं। यह उनका वहम है। उनके साथ पार्टी का एक कार्यकर्ता तक नहीं है।