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Coronavirus Roundup: बिहार में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही खुलेंगी दुकानें; जानें दिनभर की हलचल

कोराेना पॉजिटिव का एक और मरीज मिला है। संख्‍या सात पर पहुंची। गुरुवार को बिहार में कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर कहां क्‍या हुआ... जानें राउंडअप में एक साथ दिनभर के हलचल।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 08:34 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 11:18 PM (IST)
Coronavirus Roundup: बिहार में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही खुलेंगी दुकानें; जानें दिनभर की हलचल
Coronavirus Roundup: बिहार में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही खुलेंगी दुकानें; जानें दिनभर की हलचल

पटना, जेएनएन। बिहार में गुरुवार को कोराेना पॉजिटिव का एक आैर मरीज मिला है। संख्‍या सात पर पहुंची। इसी तरह, बिहार के बाहर फंसे बिहारियों के लिए भी सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा निर्णय लिया है। उनकी मदद के लिए 100 करोड़ जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं, नीतीश सरकार ने दुकानों के लिए भी बड़ा निर्णय लिया है। अब बिहार में सु‍बह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही जरूरतमंद सामानाें की दुकानें खुलेंगी। गुरुवार को बिहार में कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर कहां-क्‍या हुआ... जानें राउंडअप में एक साथ दिनभरk की हलचल। 

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बिहार में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 37 गिरफ्तार, 1500 वाहन जब्त  

बिहार में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है। तीसरे दिन गुरुवार को पूरे प्रदेश में पुलिस ने 71 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 24 लाख रुपये बतौर जुर्माना वसूला। जबकि 37 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 1500 वाहन भी जब्त किए गए। एडीजी (पुलिस मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने दो टूक चेतावनी दी है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों की खैर नहीं है। रोड पर मटरगश्ती करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी।

दिल्ली के बिहार भवन में बिहारियों की मदद के लिए हेल्पलाइन शुरू 

कोरोना वायरस की वजह से बिहार से बाहर फंस गए बिहार के लोगों की मदद के लिए दिल्ली के बिहार भवन में तीन हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं। इन नंबर पर फोन कर प्रवासी श्रमिक मदद ले सकते हैं। इस अाशय की जानकारी स्थानिक अायुक्त विपिन कुमार ने दी। ये हैं हेल्‍पलाइन नंबर 011-23792009/ 23014326/ 23013884

स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन ने दिए एक करोड़ रुपये

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रमेशचंद्र चौबे ने बैंक की ओर से  मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में एक करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की है। चौबे ने कहा कि इस महामारी से लडऩे के लिए सबकी भागीदारी आवश्यक है। चिकित्सीय सुविधा व अन्य उपकरणों के अभाव में किसी की जान न जाए, इसके लिए बैंक के समस्त कर्मी, चेयरमैन व निदेशक मंडल तत्पर हैं। कहा, भविष्य में अगर और आवश्यकता महसूस हुई तो बैंक प्रबंधन की ओर से सरकार को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने घरों में ही रहें, ताकि कोरोना वायरस की चेन को तोड़ा जा सके। 

नीतीश सरकार ने लिये कई फैसले

नीतीश सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर कई बड़े निर्णय लिये हैं। बाहर के राज्‍यों में फंसे बिहारियों के लिए सीएम नीतीश ने 100 करोड़ रुपये जारी किये। इससे उन्‍हें मदद दी जाएगी। दूसरी ओर, सरकार की ओर से एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। इसके तहत अब बिहार में लॉकडाउन पीरिएड तक जरूरत के सामानों की दुकानें सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही खुलेंगी। इसमें अनाज, सब्‍जी, दूध, दवा समेत अन्‍य जरूरत के सामानों की दुकानें भी शामिल हैं। इसके साथ ही राशन की सरकारी दुकानें भी इसी समय सारिणी के अनुसार खुलेंगी। वहीं, पटना में कोरोना वायरस का सातवां मरीज मिला है। पीडि़त 20 वर्षीय किशोर को एनएमसीएच में भर्ती किया गया है। 

पेंशन की एडवांस राशि बैंकों में जानी शुरू

समाज कल्याण विभाग ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत एक साथ तीन महीने की पेंशन राशि लाभाॢथयों के बैंक खाते में भेजनी शुरू कर दी है। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि वित्त विभाग ने उन्हें राशि उपलब्ध करा दी है। उम्मीद है कि तीन अप्रैल तक सभी लाभाॢथयों के बैंक खाते में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत दी जाने वाली राशि भेज दी जाएगी। कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस राहत पैकेज की घोषणा की थी उसके तहत यह व्यवस्था की गयी है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन वालों के खाते में एक साथ मार्च, अप्रैल व मई महीने की पेंशन राशि भेज दी जाए। इसके तहत लाभाॢथयों के बैंक खाते में राशि भेजे जाने की प्रक्रिया आरंभ हो गयी है। आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत समाज कल्याण विभाग को ग्यारह सौ करोड़ रुपए बांटे जाने हैं। 

जानें राउंडअप में गुरुवार को मुख्‍य शहरों के हलचल

पटना : बिहार में फिलहाल पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट किट (पीपीई) की कोई कमी नहीं है, लेकिन सरकार को आशंका है कि आने वाले दिनों में इसकी कमी बड़ी समस्या बनेगी। इस आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से पीपीई किट की मांग की है। साथ ही एन 95 मास्क की आपूॢत का भी आग्रह किया गया है। गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पीपीई किट का मसला उठाया। वहीं मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार में दो कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया गया है। एक भोजपुर और दूसरी कंपनी हाजीपुर की है। राज्य में जीविका दीदी भी मास्क बना रही हैं। जल्द ही इन दोनों चीजों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

सासाराम : यहां फंसे एक दर्जन नेपाली युवकों ने सुरक्षाकर्मियों से वतन वापसी की गुहार लगाई है। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में सासाराम शहर के कुशवाहा सभा भवन के पास सड़क के किनारे बंद पड़ी चाय की दुकान में छिपकर बैठे युवकों पर पेट्रोङ्क्षलग में निकले सुरक्षाकर्मियों की नजर पड़ी। इसके बाद उन्हें पकड़कर जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया। नेपाली युवकों ने कहा, वे पिछले कुछ माह से बक्सर जिले में सड़क के किनारे ठेले पर मोमोज व अन्य खाद्य सामग्री बेचा करते थे। कोरोना वायरस को लेकर जब लॉकडाउन हुआ तो वे अपने देश जाने के लिए 15 हजार रुपये किराए पर एक बस को रिजर्व किया। एडवांस के रूप में भी चालक को आठ हजार रुपये दे दिए गए थे। चालक ने नेपाल सीमा तक पहुंचाने का वादा कर सासाराम में ही छोड़ दिया। इस कारण वे लोग बीते चार-पांच दिनों से सासाराम में ही फंसे हैं।

नवादा : कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए कौआकोल प्रशासन की ओर से आइसोलेशन सेंटर का निर्माण कराने के दौरान तरौन गांव के ग्रामीणों व कस्तूरबा विद्यालय के कर्मियों ने चौकी देने से इनकार किया और ग्रामीणों ने अधिकारियों का विरोध किया। इस पर लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में 70 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मामले में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डेन साधना ङ्क्षसह व लेखापाल अजित कुमार सुमन सहित ग्रामीण व अन्य कर्मी आरोपित किए गए हैं। कौआकोल पुलिस ने विद्यालय के लेखापाल समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

दरभंगा : कोरोना के कारण जिले में राज्य के बाहर से लौटे लोगों का सर्वेक्षण जारी है। वैसे लोगों के घरों पर पोस्टर चिपकाए गए हैं। इसमें उस व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर अंकित है। बाहर से लौटे लोगों के हाथों पर एक-एक स्टांप भी लगाए गए हैं। इन्हें 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन किया गया है। इन्हें अपने घरों में ही रहना होगा। लेकिन, जिन लोगों को घरों में रहने में कठिनाई हैं, उन्हें गांव के स्कूल में क्वारंटाइन किया जा रहा है। इन लोगों को 15 दिनों तक अलग रखकर बराबर नजर रखी जाएगी। इस बीच यदि लक्षण नहीं दिखेगा तो सामान्य गतिविधियों के लिए छोड़ दिया जाएगा।

मुजफ्फरपुर : कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के चौथे दिन गुरुवार को उत्तर बिहार में असर दिखा। प्रशासनिक सख्ती रही। कई वाहन जब्त किए गए। दर्जनों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई। मधुबनी में मकान निर्माण रोकने गई पुलिस पर हमला कर दिया गया। इसमें कई जवान जख्मी हो गए। दरभंगा में पुलिस से झड़प हुई। पुलिस ने लाठियां चटकाईं। इंडो -नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा। 

पश्चिम चंपारण : बगहा में व्यापक असर दिख रहा। सड़कें सूनी रहीं। बेतिया के शहरी इलाके में असर दिखा। दुकानें बंद रहीं। ज्यादातर सड़कों को सील कर दिया गया। हालांकि, ग्रामीण इलाके में कुछ लोग सड़कों पर घूमते नजर दिखे। 

पूर्वी चंपारण : छतौनी में निकले जनाजे में निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के शामिल होने पर दस नामजद और 100 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। बाद में थाने से जमानत पर मुक्त हुए। शहर में लॉकडाउन का उल्लंघन करनेवाले दो बाइक सवारों व एक टेंपो चालक पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई। इनके वाहनों को भी जब्त कर लिया गया। रक्सौल में भी व्यापक असर दिखा। इंडो -नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा। 

मधुबनी : सड़कों पर वाहन नहीं चले। कई स्थानों पर अधिक कीमत पर सामान बेचने की सूचना मिली। भीड़ की सूचना के बाद हाटों को बंद करा दिया गया।  लौकहा थाना क्षेत्र के मटही टोला में लॉकडाउन के दौरान मकान निर्माण कार्य रोकने गई पुलिस टीम पर लोगों ने हमला कर पिटाई की। इसमें थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। थानाध्यक्ष का सर्विस रिवॉल्वर छीन लिया। बाद में वापस कर दिया गया। 

समस्तीपुर : दुकानें बंद रहीं। बिना वजह आवाजाही करनेवालों को फटकार के बाद लौटाया गया। कई जगहों पर अनावश्यक बैठे लोगों को खदेड़ा गया। बैंकों में भीड़ नहीं दिखी। 

सीतामढ़ी : शहर की सड़कों से लेकर गलियों तक इक्के-दुक्के लोग ही नजर आए। बाहर से आए लोग पैदल ही घर लौट रहे थे। पुलिस रोककर पूछताछ कर रही थी। जिला प्रशासन की पहल पर आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी शुरू दी गई। दवा दुकानदारों ने भी होम डिलीवरी शुरू कर दी है। 

शिवहर : पचास बाइक जब्त की गई। चालान काटे गए। दुकानें बंद रहीं। गांवों में भी लगभग यही स्थिति रही। शहर में कालाबाजारी रोकने को छापेमारी जारी रही। 

दरभंगा : सड़कों पर गाडिय़ां नहीं के बराबर चलीं। आवश्यक सामान की आपूर्ति के लिए समाहरणालय से माल ढोने वाले वाहनों का पास निर्गत किया गया। शहर की प्रमुख सड़कों पर दंगा नियंत्रण दस्ता के जवान लाठियां चटकाते दिखे। नीम चौक में सड़क पर कैरम बोर्ड खेलने को लेकर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प और पथराव हुआ। 89 बाइक जब्त की गई। 85 हजार रुपये जुर्माना वसूले गए। 

गया : लॉकडाउन के चौथे दिन गुरुवार को कमोबेश शांति रही। लोग अपने-अपने घरों में रहे। सड़कें सूनी रहीं। आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी दुकानें ही खुली थीं। जिन्हें किसी सामान की जरूरत हुई तो उसने घरों से निकलकर खरीदारी की। खास बात यह रही कि सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अब दुकानदारों में जागरुकता दिखी। जिलों में कुछ दुकानदारों ने ग्राहकों को एक मीटर के फासले पर खड़े रहने पर ही सामान देने को कहा, जिसका जागरूक लोगों ने पालन किया। वहीं लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए पुलिसकर्मी चौराहों पर तैनात रहे, जो आते-जाते लोगों को हिदायत देकर घरों में जाने का निर्देश दे रहे थे। आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुली रहीं। हालांकि कुछ लोग बैंकों के खाली एटीएम से निराश लौटते देखे गए। बैंक भी खुले रहे।

भभुआ: पुलिस-प्रशासन को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। कुछ युवा जो सड़कों पर मिले, उन्हें कड़ाई से वापस लौटाया। कुछ की पिटाई हुई तो कुछ को ऊठक-बैठक कराई गई। अधिकारी लोगों को आवश्यक सामग्री मुहैया कराने में जुटे रहे। कालाबाजारी की शिकायत पर छापेमारी भी हुई। मास्क की कमी से निपटने को जीविका को बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

सासाराम : अधिकारी मुस्तैद रहे, दवा व किराना दुकानें खुली रहीं। सदर अस्पताल में लोग कतारबद्ध हो जांच कराते दिखे।

डेहरी व बिक्रमगंज : इन जिलों में भी बाजारें खुली थीं। वाहनों के परिचालन पर पाबंदी से सड़कों पर सन्नाटा था। अधिकारी भ्रमण कर लोगों को सचेत रहने की हिदायत देते रहे। समाहरणालय व सदर अस्पताल में खुले कंट्रोल रूम में अधिकारी तैनात रहे। डीएम ने पीडीएस दुकानदारों के साथ बैठक कर राशन उपलब्ध कराने को कहा है। 

नवादा: जिले में भी व्यापक असर दिखा। सड़कें सूनी थीं तो मोहल्ले वीरान दिखे। ज्यादातर दुकानें बंद थीं, वही दुकानें खुलीं जो रोजमर्रा के सामान की थीं। दुकानदारों ने चूने का घेरा बना ग्राहकों को एक मीटर की दूरी पर खड़े करके सामान दिया। अकारण सड़कों पर निकले लोगों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आई। कई पंचायतों में जनप्रतिनिधियों ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। 

औरंगाबाद: जिले की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। इसमें मौसम भी मेहरबान दिखा। तल्ख धूप के कारण लोग सड़क पर नहीं निकले। दोपहर 12 बजे के आसपास शहर की सड़कें वीरान रहीं। शहर के हृदयस्थल रमेश चौक पर सिर्फ पुलिस व इक्का-दुक्का लोग दिखे। जिले में पांच बजे तक करीब 90 वाहनों को पकड़ चालकों से 50 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। रफीगंज में बाहर से आए दर्जनों लोगों की जांच की गई। इन्हें सुरक्षा के ख्याल से क्वारंटाइन कर विद्यालय व सामुदायिक भवनों में रखा गया है। 

भागलपुर: जिले में खुदरा आटा की किल्लत हो गई है। मिलर्स ने गेहूं नहीं होने की बात कह हाथ खड़े कर दिए हैं। हालत इस कदर हो गई है कि लॉकडाउन के चौथे दिन गुरुवार को ही किराना दुकानों में आटा समाप्त हो गया है। कुछ दुकानों में खुला आटा था भी तो वह भी बिक गए। ऐसे में ग्राहकों को विभिन्न कंपनियों के पैकेट आटा ख़रीदने को मजबूर दिखे। दुकानों पर ग्राहकों की कतार लगी रही। दुकानदारों का कहना है कि तीन दिनों में लोगों ने खपत से ज्यादा आटा खरीद लिये हैं। अलीगंज, आदमपुर, सहिबगंज, मिरजान हाट, कचहरी रोड, भीखनपुर, हटिया रोड, हड़िया पट्टी में सहित अन्य इलाकों में खुले किराना दुकानों में खाद्य सामानों की किल्लत देखी गई। वहीं, कुछ सामान की कीमतें में इजाफा दिखा। किराना दुकानदार रोशन, रवि सर्राफ, राजकुमार, पिछले ने बताया कि यहां बरारी स्थिति मिलर्स के यहां से भागलपुर सहित कई जिलों में खुला आटा की आपूर्ति होती है। मिलर्स के मैनेजर का कहना है कि गेहूं समाप्त हो गया है। गेहूं की आपूर्ति अभी तक नहीं हुई है। इस कारण मिल बंद है। गेहूं आने के बाद ही आटा की आपूर्ति संभव है। लॉकलॉक डाउन में जिला प्रशासन की ओर से किराना दुकानों को खोलने का समय सुबह 11 से शाम छह कर दिया गया है। गुरुवार को शहरी इलाकों में 11 बजे ही दुकानें खुलीं। इसके बाद लोगों ने खरीदारी की। दुकानदारों ने नियम का पालन करते हुए शाम छह बजे शटर गिरा दिए।


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