बिहार में नहीं मिली एंबुलेंस, छह साल के कैंसर पीड़ित बच्चे ने दादा की गोद में तोड़ा दम, Video
बिहार में मानवता को शर्मसार करनेवाली घटना सामने आई है जहां एक छह साल के कैंसर पीड़ित बच्चे ने एंबुलेंस के अभाव में अपने दादा की गोद में दम तोड़ दिया। पिता ने कहा-पैसे नही थे।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। लॉकडाउन उस पिता के लिए भारी पड़ गया जब वाहन के अभाव में उसके बच्चे की उसके सामने तड़प-तड़पकर मौत हो गई। रूह को कंपा देने वाला ये मामला पूर्वी चम्पारण जिले के कल्याणपुर का है। दरअसल, इलाज के लिए बच्चे को पटना ले जाना था, मगर पैसे के अभाव में एंबुलेंस जाने को तैयार नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार कल्याणपुर प्रखंड की राजपुर पंचायत के वार्ड नंबर 10 निवासी मुन्ना साह का छह वर्षीय पुत्र प्रिंस कैंसर की बीमारी से पीड़ित था। प्रिंस का इलाज विगत दो वर्षों से पटना के महावीर कैंसर संस्थान में चल रहा था। अचानक तबियत बिगड़ जाने पर उसे शनिवार की शाम इलाज के लिए कल्याणपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां चिकित्सकों ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मोतिहारी सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
पिता द्वारा बच्चे को एंबुलेंस से पटना पहुंचाने की गुहार लगाई गई। मगर डाॅक्टर द्वारा इंकार कर दिया गया। पिता का कहना है कि किसी स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि पांच हजार दो मैं पटना भेज दूंगा। मगर मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं एंबुलेंस वाले को दे सकूं। अंतत: बच्चे ने पिता के सामने ही अपने दादा दीना साह की गोद में दम तोड़ दिया।
#बिहार एम्बुलेंस नहीं मिला तो कैंसर पीड़ित बच्चे ने तड़पकर दादा की गोद मे दम तोड़ दिया। गरीब पिता अपनी आंखों के सामने देखता रहा अपने बेटे की मौत । कौन देगा जवाब....#bihar @sanjayjavin #nitishkumar pic.twitter.com/Vhwi2PGRHO — kajal lall (@lallkajal) April 22, 2020
इस संबध में डाॅक्टर मोहित मिश्रा ने बताया कि अभिभावक द्वारा बच्चे को इलाज कराने के लिए लाया गया था। लेकिन गंभीर स्थिति के कारण उसे मोतिहारी रेफर कर दिया गया। वे लोग एंबुलेंस को पटना ले जाने की मांग कर रहे थे। लेकिन उन्हें एंबुलेंस से मोतिहारी छोड़ने के लिए बोला गया था। कुछ समय बाद वे लोग अपने घर चले गए। अभिभावक द्वारा लगाया गया आरोप गलत है।
वहीं, पिता का कहना है कि एंबुलेंस के अभाव में वह अपने बेटे को पटना के महावीर कैंसर अस्पताल नहीं ले जा सका और बेटे ने अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया और हम घर आ गए।