Move to Jagran APP

तीन माह में पांच गुणा बढ़ गया प्रदूषण

मौसम में बदलाव आते ही शुरू हुई नई समस्या। केारोना के मरीजों के लिए हो सकती है मुश्किल

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 08:31 PM (IST)
तीन माह में पांच गुणा बढ़ गया प्रदूषण
तीन माह में पांच गुणा बढ़ गया प्रदूषण

नीरज कुमार, पटना। मौसम में बदलाव होते ही राजधानी की हवा एक बार फिर जहरीली होने लगी है। पिछले तीन माह के प्रदूषण के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदूषण में पांच गुणा ज्यादा वृद्धि हुई है। अगर स्थिति ऐसे ही बिगड़ती रही तो नवंबर एवं दिसंबर में गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है। खासकर सांस के मरीजों पर इसका बुरा असर पड़ेगा।

loksabha election banner

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव एस. चंद्रशेखर का कहना है कि बारिश के दिनों में राजधानी में प्रदूषण में कमी देखी गई थी। जुलाई में सबसे कम प्रदूषण रिकार्ड किया गया था। 20 जुलाई को राजधानी में पीएम-2.5 की मात्र 12.5 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकार्ड की गई थी। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़कर 70 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर हो गई है। इसी तरह पीएम 10 की मात्रा जुलाई में 36 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकार्ड की गई थी, लेकिन वर्तमान में पीएम-10 बढ़कर 170 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर हो गया है। पीएम 2.5 एवं पीएम-10 में वृद्धि आदमी की सेहत और जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकती है।

बालू ढुलाई वाले ट्रैक्टर फैला रहे प्रदूषण : राजधानी की अधिकांश सड़कों पर पड़ी धूल की परत वायु प्रदूषण की प्रमुख वजह है। बालू ढोने वाले वाहनों पर मानकों की अनदेखी से यह समस्या गहरा रही है। ट्रैक्टरों पर बिना ढंके ओवरलोड बालू ढुलाई से सड़क पर इसकी परत बिछ जाती है। इसके अलावा भवनों एवं सड़कों के निर्माण के दौरान भी काफी मात्रा में धूलकण वायु में फैल रहे हैं। मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट ने सड़कों का निर्माण करने वाली एजेंसियों को निर्देश दिया था कि निर्माण स्थल पर समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहें, ताकि धूलकण न उड़ें। कोरोना के मरीजों के लिए बड़ा खतरा : पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि कोरोना के मरीजों के लिए वातावरण में बढ़ता प्रदूषण अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। कोरोना के अधिकांश मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे में वातावरण में फैला प्रदूषण उनकी समस्या को और गंभीर बना सकता है। प्रदूषण दमा के मरीजों के लिए भी खतरनाक है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.