चिह्नित होंगे प्रदूषण फैलाने वाले, नियंत्रण के होंगे प्रबंध
पटना राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के कारणों को चिह्नित किया जाएगा।
राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के कारणों को चिह्नित किया जाएगा। अंतर विभागीय समन्वय और जनसुझाव के आधार पर रोडमैप तैयार कर उसे अमल में लाया जाएगा ताकि पटना का वातावरण प्रदूषण से मुक्त हो सके। आम नागरिकों को प्रदूषण से हो रही कठिनाई को छोटे-छोटे प्रयास से दूर किया जा सकता है लेकिन रातों-रात बदलाव भी संभव नहीं है। दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'प्रश्न पहर' में बुधवार को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने पाठकों के सवालों के जवाब में कहीं। प्रस्तुत हैं लोगों के सवाल और अध्यक्ष के जवाब -
प्र.- पटना को शुद्ध हवा कैसे मिलेगी। वातावरण में इतने धूलकण हैं कि सांस लेना मुश्किल हो गया है। सड़क पर धूल और धुआं भरा हुआ है।
- पीसी वर्मा, अशोक नगर कंकड़बाग।
उ.- मैं भी पांच दिनों पहले 10 जनवरी तक शहर के एक आम नागरिक की तरह ही प्रदूषण का अहसास करता रहा हूं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहला प्रयास होगा कि अंतर विभागीय बैठक में पटना को शुद्ध हवा में सांस लेने के लिए जो भी उपाय हो सकते हैं उसे किया जाएगा।
प्र.- ऑटो से सबसे अधिक प्रदूषण हो रहा है। क्या ऑटो को बंद कर ई-रिक्शा को बढ़ावा देंगे?
- सुजीत कुमार सिंह, झारखंड ऑटो एसोसिएशन।
उ.- रातों-रात ऑटो को बंद नहीं किया जा सकता। इसके लिए परिवहन विभाग के साथ बैठक कर ई-रिक्शा को प्रमोट करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। ऑटो को अचानक बंद करने से एक तरफ रोजगार और दूसरी ओर नागरिकों की परेशानी को देखते हुए कोई निर्णय लिया जाएगा।
प्र.- खटाल से निराला नगर में प्रदूषण हो रहा है। एक बार स्पॉट की जांच करा ली जाए। नगर निगम, जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कई बार पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- मुंद्रिका सिंह, निरालानगर दीघा।
उ.- पहले तो आपने जो आवेदन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में दिया है उसे देख लेता हूं। स्पॉट वेरिफिकेशन भी कराएंगे। नगर निगम को इसके लिए कार्रवाई करनी चाहिए। जरूरी निर्देश दिया जाएगा ताकि प्रदूषण से मोहल्ले के लोगों को राहत मिल सके।
प्र. - पटना में प्रदूषण बढ़ने की प्रमुख वजह क्या है और इसपर कैसे नियंत्रण संभव हो सकता है?
- श्रीधर भारद्वाज, जगत नारायण रोड, कदमकुआं
उ.- सिर्फ पटना की बात करें तो मौसम शिफ्ट कर रहा है। इसके पीछे ग्लोबल और स्थानीय कारण हैं। पहले मानसून जून में आता था। अब मानसून समाप्त होने के वक्त अचानक भारी वर्ष हो जाती है। सर्दी की अवधि कम हुई है। इसके पीछे हरियाली में कमी, कंक्रीट का जंगल, वाहनों के साथ आबादी भी भारी वृद्धि प्रमुख है।
प्र.- राजधानी को प्रदूषणमुक्त करने के लिए क्या करना होगा?
- कृष्ण कुमार, पटना कॉलेज।
उ. - बहुत छोटे से प्रयास से प्रदूषण का स्तर कम किया जा सकता है। वर्ष 1952 में किसी-किसी मोहल्ले में गाड़ी थी। अब मोहल्ले के हर घर में दो-दो गाड़ियां है। घर के आसपास 500 मीटर जाने के लिए लोग गाड़ी निकाल लेते हैं। कम से कम इतनी दूरी पैदल नहीं चल सकते तो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
प्र.- प्रदूषण से मुक्त शहर बनाने के लिए आम लोग क्या करें? प्रदूषण बोर्ड जनता के सुझाव और शिकायत पर कार्रवाई करेगी?
- प्रत्यूष कुमार, चांदमारी रोड।
उ.- बिल्कुल आम लोगों की शिकायत का बोर्ड में स्वागत है। लोगों से परामर्श लेकर ही प्रदूषणमुक्त शहर बनाने के लिए रोडमैप बनाया जाएगा। परिवहन विभाग, वन विभाग, नगर निगम, उद्योग और संबंधित प्राधिकार के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई जाएगी। जन भागीदारी से कार्ययोजना को अमल में लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
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