Political Yatra in Bihar: चुनावी सभाओं से पहले बिहार में यात्रा की राजनीति, चर्चा में तेजस्वी-चिराग व कन्हैया
बिहार में अब शुरू हुई है यात्रा की राजनीति। एक सप्ताह के दौरान तीन राजनीतिक यात्राओं की चर्चा परवान पर है। कन्हैया की यात्रा जारी है जबकि तेजस्वी-चिराग की शुरू होने वाली है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में अब शुरू हुई है यात्रा की राजनीति। एक सप्ताह के दौरान बिहार में तीन राजनीतिक यात्राओं की चर्चा परवान पर है। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की यात्रा 21 फरवरी से शुरू है जो सात मार्च तक चलेगी। दूसरी यात्रा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की है, जो 23 फरवरी से शुरू होने वाली है। तीसरी यात्रा कन्हैया कुमार की है, जो 27 फरवरी को पड़ाव पर पहुंचने वाली है। तीनों यात्राओं पर बिहार की राजनीति की नजर इसलिए है कि तीनों नेता नई पीढ़ी के हैं। भविष्य की राजनीति को प्रभावित करने वाले हैं। चर्चा इसलिए भी है, क्योंकि इसके बाद प्रदेश में सभाओं का दौर शुरू होने वाला है।
तीनों नए नेताओं की कोशिश अपने लिए व्यापक आधार तैयार करना है। इस प्रयास में तीनों की नजर दूसरे के वोट बैंक पर भी है। चिराग पासवान और तेजस्वी के पास अपना वोट बैंक है, जिसके सहारे दोनों आगे बढ़ रहे हैं। किंतु कन्हैया के पास भाकपा की मृतप्राय जमीन है, जिसे वह उपजाऊ बनाने की जुगत में हैं। वोट बैकों का इतिहास साफ संकेत कर रहा है कि कन्हैया और तेजस्वी के नंबर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक मजबूत होगा तो दूसरे का कमजोर होना तय है। दोनों की कोशिश बाजी पलटने की है।
विरासत संभालने की चुनौती
तीन में से दो नेताओं तेजस्वी यादव और चिराग पासवान के सामने अपनी पारिवारिक विरासत को संभालने और आगे बढ़ाने की चुनौती है। विधानसभा का यह पहला चुनाव होगा, जिसमें तेजस्वी अपने बूते अभियान संभालने वाले हैं। लालू प्रसाद यादव जेल में हैं। सारा दारोमदार तेजस्वी पर ही होगा। लोकसभा चुनाव में बुरी तरह मात खाने के बाद तेजस्वी के सामने करो या मरो की स्थिति रहेगी। यात्रा की शुरुआत पटना के वेटनरी काॅलेज मैदान परिसर से 23 फरवरी से होने जा रही है, जो करीब पांच हफ्ते तक चलेगी। इसी तरह चिराग के लिए भी अपने दम पर चुनाव अभियान संभालने का पहला अनुभव होगा। कुछ महीने पहले ही रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की पूरी कमान उन्हें सौंपी है।
कन्हैया की भी होगी परख
छात्र राजनीति से उभरे भाकपा नेता कन्हैया कुमार भी 30 जनवरी से ही पूरे बिहार की यात्रा पर हैं। यात्रा का नाम रखा है जन-गण-मन। अब पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं। पटना के गांधी मैदान में 27 फरवरी को रैली है। लालू की रैलियों के बराबर भीड़ जुटाने की तैयारी है। लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह से परास्त होने वाले कन्हैया के सामने अपनी पार्टी को पुनर्जीवित करने की चुनौती है। पूरे देश की नजर है कि कन्हैया कहां तक सफल होते हैं।